खुदीराम

11अगस्त, 1908 के बाद एक फैशन चला था…

धोती का फैशन…
नौजवान इस धोती के इतने दीवाने थे की क्या कहने, इस दिवानेपन को देख बंगाल के जुलाहे एक खास किस्म की धोती बुनने लगे थे।

ऐसा क्या था इस धोती मे ? ?
बताते हैं…

रात को करीब साढे आठ बजे होंगे, क्लब से एक बग्घी निकली ठीक किंग्जफोर्ड की बग्घी के समान। उस बग्घी जैसी गाड़ी को आते देख खुदीराम गाडी के पीछे भागने लगे। रास्ते में बहुत ही अँधेरा था। गाड़ी किंग्जफोर्ड के बँगले के सामने आते ही खुदीराम ने अँधेरे में ही आगे वाली बग्घी पर निशाना लगाकर जोर से बम फेंका दिया।

हिन्दुस्तान में इससे पहले बम विस्फोट नहीं हुवा था, इसकी आवाज उस रात तीन मील तक सुनाई दी और कुछ दिनों बाद तो उसकी आवाज इंग्लैंड तथा यूरोप में भी सुनी गयी और इस घटना की खबर ने तहलका मचा दिया। यूँ तो खुदीराम ने किंग्जफोर्ड की गाडी समझकर बम फेंका था परन्तु उस दिन किंग्जफोर्ड थोडी देर से क्लब से बाहर आने के कारण बच गया। क़िस्मत कहें या बदकिस्मत गाडियाँ एक जैसी होने के कारण दो यूरोपियन स्त्रियों जो माँ और बेटी थीं उनको अपने प्राण गँवाने पड़े थे, खुदीराम के साथ प्रफुल्लकुमार भी थे और दोनों ही रातों – रात नंगे पैर भागते गये और भागते-भागते २४ मील दूर स्थित वैनी रेलवे स्टेशन पर जाकर ही रुके।

किग्सफोर्ड उस दिन तो बच गया, मगर उसने घबराकर नौकरी ही छोड दी और जिन क्रांतिकारियों को उसने कष्ट दिया था उनके भय से उसकी शीघ्र ही मौत भी हो गयी।

खुदीराम और प्रफुल्लकुमार बम फेंक भागे तो अंग्रेज पुलिस उनके पीछे लग गयी और वैनी रेलवे स्टेशन पर उन्हें घेर लिया गया, अपने को पुलिस से घिरा देख प्रफुल्लकुमार ने खुद को गोली मार ली जबकि खुदीराम पकड़े गये।

#११अगस्त, १९०८ को उन्हें मुजफ्फरपुर जेल में फाँसी दे दी गयी। उस समय उनकी उम्र मात्र १८ साल थी।

धोती मे कोई खासियत नहीं थी, गर कुछ खास था उस धोती मे तो वो थी उसकी किनारी, जिनकी किनारी पर खुदीराम लिखा होता था।

अब तो आप समझ ही गए होंगे धोती का फैशन।

अमर पुरोधा #खुदीरामबोस का जन्म पश्चिम बंगाल के मिदनापुर जिले के बहुवैनी नामक गाँव में त्रैलोक्यनाथ बोस के यहाँ हुआ था और उनकी माता का नाम लक्ष्मीप्रिया देवी था। बचपन मे ही खुदीराम के मन में देश को आजाद कराने की ऐसी लगन लगी कि वो नौवीं कक्षा के बाद ही पढ़ाई छोड़ स्वदेशी आन्दोलन में कूद पड़े।

उनके साहसिक योगदान को अमर करने के लिए अनेक गीत रचे गए और उनका बलिदान लोकगीतों के रूप में प्रसिद्ध हुआ। उनके सम्मान में अनेक भावपूर्ण गीतों की रचना हुई जिन्हें बंगाल के लोक गायक आज भी गाते हैं।

उनकी याद मे आज़ आँख भींगनी चाहिए…
बुझी आग दिल मे जलनी चाहिए…
बुढ़ापे सभी ढोते हैं…
कुछ तो ऐसा करो तुम भी…
खुदीराम आकर कह दे…
जवानी ऐसी ढोनी चहिए ।

अश्विनी राय
अश्विनी रायhttp://shoot2pen.in
माताजी :- श्रीमती इंदु राय पिताजी :- श्री गिरिजा राय पता :- ग्राम - मांगोडेहरी, डाक- खीरी, जिला - बक्सर (बिहार) पिन - ८०२१२८ शिक्षा :- वाणिज्य स्नातक, एम.ए. संप्रत्ति :- किसान, लेखक पुस्तकें :- १. एकल प्रकाशित पुस्तक... बिहार - एक आईने की नजर से प्रकाशन के इंतजार में... ये उन दिनों की बात है, आर्यन, राम मंदिर, आपातकाल, जीवननामा - 12 खंड, दक्षिण भारत की यात्रा, महाभारत- वैज्ञानिक शोध, आदि। २. प्रकाशित साझा संग्रह... पेनिंग थॉट्स, अंजुली रंग भरी, ब्लौस्सौम ऑफ वर्ड्स, उजेस, हिन्दी साहित्य और राष्ट्रवाद, गंगा गीत माला (भोजपुरी), राम कथा के विविध आयाम, अलविदा कोरोना, एकाक्ष आदि। साथ ही पत्र पत्रिकाओं, ब्लॉग आदि में लिखना। सम्मान/पुरस्कार :- १. सितम्बर, २०१८ में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा विश्व भर के विद्वतजनों के साथ तीन दिनों तक चलने वाले साहित्योत्त्सव में सम्मान। २. २५ नवम्बर २०१८ को The Indian Awaz 100 inspiring authors of India की तरफ से सम्मानित। ३. २६ जनवरी, २०१९ को The Sprit Mania के द्वारा सम्मानित। ४. ०३ फरवरी, २०१९, Literoma Publishing Services की तरफ से हिन्दी के विकास के लिए सम्मानित। ५. १८ फरवरी २०१९, भोजपुरी विकास न्यास द्वारा सम्मानित। ६. ३१ मार्च, २०१९, स्वामी विवेकानन्द एक्सिलेन्सि अवार्ड (खेल एवं युवा मंत्रालय भारत सरकार), कोलकाता। ७. २३ नवंबर, २०१९ को अयोध्या शोध संस्थान, संस्कृति विभाग, अयोध्या, उत्तरप्रदेश एवं साहित्य संचय फाउंडेशन, दिल्ली के साझा आयोजन में सम्मानित। ८. The Spirit Mania द्वारा TSM POPULAR AUTHOR AWARD 2K19 के लिए सम्मानित। ९. २२ दिसंबर, २०१९ को बक्सर हिन्दी साहित्य सम्मेलन, बक्सर द्वारा सम्मानित। १०. अक्टूबर, २०२० में श्री नर्मदा प्रकाशन द्वारा काव्य शिरोमणि सम्मान। आदि। हिन्दी एवं भोजपुरी भाषा के प्रति समर्पित कार्यों के लिए छोटे बड़े विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा सम्मानित। संस्थाओं से जुड़ाव :- १. जिला अर्थ मंत्री, बक्सर हिंदी साहित्य सम्मेलन, बक्सर बिहार। बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन, पटना से सम्बद्ध। २. राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सह न्यासी, भोजपुरी विकास न्यास, बक्सर। ३. जिला कमिटी सदस्य, बक्सर। भोजपुरी साहित्य विकास मंच, कलकत्ता। ४. सदस्य, राष्ट्रवादी लेखक संघ ५. जिला महामंत्री, बक्सर। अखिल भारतीय साहित्य परिषद। ६. सदस्य, राष्ट्रीय संचार माध्यम परिषद। ईमेल :- ashwinirai1980@gmail.com ब्लॉग :- shoot2pen.in

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