शशि भूषण रायचौधरी

रात्रि पाठशाला के बारे में शायद आपने सुना हो, मगर क्या कभी किसी ने यह सोचा की इसकी जरूरत क्यूँ आन पड़ी होगी? इसके बारे में कभी अपने अन्तःकरण से जरूर पूछें, अगर कोई इसके बारे में बतावे तब भी एक बार मनन अवश्य का लें।

शशि भूषण रायचौधरी

यानी शशिदा का जन्म ८जनवरी१८६३ को वर्तमान पश्चिमबंगाल के बैरकपुर के पास टेघरिया नामक गाँव में हुआ था। वे श्रीमती सौदामिनी देवी और श्री आनंदचंद्र के सबसे छोटे बेटे थे। सोदपुर हाई स्कूल में पढ़ाई करते समय उन्हें यह आभास हुआ की शिक्षा सिर्फ एक दिखवा है यह तो सिर्फ एक छात्र को हथियार के रूप में ढालने का कारखाना मात्र है। मिशनरियों के देख रेख में यह पाठशाला खून में बसे सनातनी विचारों को धीरे धीरे निकाल रहे हैं और दूसरी ओर से पश्चिमी विचारधाराओं के अशुद्ध पानी चढ़ा रहे हैं। शशिदा ने मूल पाठशालाओं के बच्चों को धर्मनिरपेक्ष शिक्षा देने के लिए पाठशाला शैली का एक पारम्परिक प्राथमिक स्कूल खोला, जो आमतौर पर उत्साही ईसाई प्रचारकों द्वारा देखा जाता था। समय के साथ चलने वाले शशिदा ने वयस्कों के लिए शाम की कक्षाएं भी बनाईं और, बंगाली, इतिहास और गणित की अशुद्ध एवं असभ्य चलन को दूर करने के लिए उन्होंने सक्षम सहयोगियों को अपने साथ जोड़ कर एक संगठनात्मक शिक्षक समूह बनाया।

सरकार की नजर से बचने के लिए उन्होंने सक्षम सहयोगियों से बुनाई को पहल करने के लिए आमंत्रित किया, जिनमें रेशम-कीड़े और कुटीर उद्योग को भी बढ़ावा मिले।

कुछ ही समय में शशिदा के राष्ट्रभक्त आत्मा ने देशभक्ति की चिंगारी पकड़ी और आनंदमोहन बसु के साथ, छात्रसंघ का गठन कर दिया। पारंपरिक आत्मरक्षा के लिए, वह स्वामी विवेकानंद से मिले जिन्होंने अध्यात्म की भी शिक्षा दी साथ ही उन्होंने जतिंद्रनाथ मुखर्जी जैसा सहयोगी भी खोज कर दिया जिन्हें भविष्य में बाघा जतिन के नाम से भी जाना गया।

ब्रह्मबांधव द्वारा आमंत्रित, ६ जनवरी १९०२ को, शशिदा ने शांति निकेतन में गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा स्थापित नए बोर्डिंग स्कूल में शिक्षकों के पहले जत्थे में शामिल हुए, उनके साथ उस समय के सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों की टोली में श्री जगदानंद रे , श्री रेवाचांद मखीजानी , श्री शिवधन विद्यावर्न , सुबोधचंद्र मजुमदार और मनोरंजना बनर्जी भी शामिल हुए।

कुछ ही समय के पश्चात शशिदा को अनुशीलन समिति के उद्घाटन के लिए कोलकाता लौटना पड़ा। अनुशीलन समिति ने शशिदा के मार्गदर्शन में, श्रमजीवी विद्यालय या “वर्किंग मेन्स इंस्टीट्यूशन” कोलकाता में खोला गया जहाँ शाम की कक्षाओं ने ऐसे लोगों को आकर्षित किया जिनके पास शिक्षित होने का कोई साधन नहीं था। कई गरीब छात्रों ने भी विभिन्न विषयों में पूरक कोचिंग प्राप्त की। समिति ने समाजसेवा के लिए स्वयंसेवकों की भर्ती भी की, जिनका काम था बीमारों की देखभाल करना; अंतिम संस्कार; शशिदा के गाँव के कुटीर उद्योग के उत्पादों से हस्तनिर्मित साबुन, सहकारी आधार पर बेचना, आदि। धीरे धीरे उन्होने अपने सेवा कार्य को बिहार और उड़ीसा में भी बढ़ाया।

समय की धारा में बहते हुए और अपने खराब स्वास्थ्य के बावजूद अपने अंतिम वक्त तक शशिदा ने सामाजिक गतिविधियों को बनाए रखा।

शशिदा! आपके जन्मदिवस के शुभ अवसर पर,
आपको अश्विनी राय “अरुण” का कोटि कोटि
नमन… वंदन…

धन्यवाद !

अश्विनी रायhttp://shoot2pen.in
माताजी :- श्रीमती इंदु राय पिताजी :- श्री गिरिजा राय पता :- ग्राम - मांगोडेहरी, डाक- खीरी, जिला - बक्सर (बिहार) पिन - ८०२१२८ शिक्षा :- वाणिज्य स्नातक, एम.ए. संप्रत्ति :- किसान, लेखक पुस्तकें :- १. एकल प्रकाशित पुस्तक... बिहार - एक आईने की नजर से प्रकाशन के इंतजार में... ये उन दिनों की बात है, आर्यन, राम मंदिर, आपातकाल, जीवननामा - 12 खंड, दक्षिण भारत की यात्रा, महाभारत- वैज्ञानिक शोध, आदि। २. प्रकाशित साझा संग्रह... पेनिंग थॉट्स, अंजुली रंग भरी, ब्लौस्सौम ऑफ वर्ड्स, उजेस, हिन्दी साहित्य और राष्ट्रवाद, गंगा गीत माला (भोजपुरी), राम कथा के विविध आयाम, अलविदा कोरोना, एकाक्ष आदि। साथ ही पत्र पत्रिकाओं, ब्लॉग आदि में लिखना। सम्मान/पुरस्कार :- १. सितम्बर, २०१८ में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा विश्व भर के विद्वतजनों के साथ तीन दिनों तक चलने वाले साहित्योत्त्सव में सम्मान। २. २५ नवम्बर २०१८ को The Indian Awaz 100 inspiring authors of India की तरफ से सम्मानित। ३. २६ जनवरी, २०१९ को The Sprit Mania के द्वारा सम्मानित। ४. ०३ फरवरी, २०१९, Literoma Publishing Services की तरफ से हिन्दी के विकास के लिए सम्मानित। ५. १८ फरवरी २०१९, भोजपुरी विकास न्यास द्वारा सम्मानित। ६. ३१ मार्च, २०१९, स्वामी विवेकानन्द एक्सिलेन्सि अवार्ड (खेल एवं युवा मंत्रालय भारत सरकार), कोलकाता। ७. २३ नवंबर, २०१९ को अयोध्या शोध संस्थान, संस्कृति विभाग, अयोध्या, उत्तरप्रदेश एवं साहित्य संचय फाउंडेशन, दिल्ली के साझा आयोजन में सम्मानित। ८. The Spirit Mania द्वारा TSM POPULAR AUTHOR AWARD 2K19 के लिए सम्मानित। ९. २२ दिसंबर, २०१९ को बक्सर हिन्दी साहित्य सम्मेलन, बक्सर द्वारा सम्मानित। १०. अक्टूबर, २०२० में श्री नर्मदा प्रकाशन द्वारा काव्य शिरोमणि सम्मान। आदि। हिन्दी एवं भोजपुरी भाषा के प्रति समर्पित कार्यों के लिए छोटे बड़े विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा सम्मानित। संस्थाओं से जुड़ाव :- १. जिला अर्थ मंत्री, बक्सर हिंदी साहित्य सम्मेलन, बक्सर बिहार। बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन, पटना से सम्बद्ध। २. राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सह न्यासी, भोजपुरी विकास न्यास, बक्सर। ३. जिला कमिटी सदस्य, बक्सर। भोजपुरी साहित्य विकास मंच, कलकत्ता। ४. सदस्य, राष्ट्रवादी लेखक संघ ५. जिला महामंत्री, बक्सर। अखिल भारतीय साहित्य परिषद। ६. सदस्य, राष्ट्रीय संचार माध्यम परिषद। ईमेल :- ashwinirai1980@gmail.com ब्लॉग :- shoot2pen.in

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