डॉ. चिन्तामणि द्वारकानाथ देशमुख

साहेबान मेहरबान कदरदान, हम हर दिन के भांति
आज फिर से आ गए हैं, करने आप को परेशान।

तो आइए पेश-ए-खिदमत है, एक पुरानी कहानी,
ना तो इसमे कोई राजा है, और ना ही कोई रानी।

बात १४ जनवरी, १८९६ की है, जब महाराष्ट्र के रायगढ़ ज़िले के रहने वाले एक प्रतिष्ठित वकील श्री द्वारिकानाथ गणेश देशमुख जी और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती भागीरथीबाई जी को पुत्ररत्न की प्राप्ति हुई। द्वारिकानाथ जी अत्यंत समृद्ध थे और जोत भूमी की पृष्ठभूमि भी उस जमाने के अनुसार काफी कही जा सकती है। उनका परिवार सार्वजनिक सेवा की परंपरा से जुड़ा हुआ भी था, अतः इतना तो कहा ही जा सकता है की मान प्रतिष्ठा में भी कोई कमी नहीं थी।

द्वारिकानाथ जी अपने पुत्र के लालन पालन में कोई कमी नहीं की और दूसरी तरफ शिक्षा में भी कोई कोताही नहीं होने दी। चिन्तामणि ने भी पढ़ाई से कभी भी जी नहीं चुराया। (द्वारिकानाथ जी ने अपने पुत्र का नाम चिन्तामणि रखा था)। चिन्तामणि का एक शानदार अकादमिक कैरियर रहा। उसने मैट्रिक परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की और संस्कृत में पूरे देश भर में पहली बार छात्रवृत्ति प्राप्त की। इसके पश्चात १९१७ में यीशु कॉलेज, कैम्ब्रिज, इंग्लैंड से वनस्पति विज्ञान, रसायन विज्ञान और भूविज्ञान के साथ स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली, जहां उसे वनस्पति विज्ञान में फ्रैंक स्मार्ट पुरस्कार प्राप्त हुआ।

अब हम आप सभी से अपने अशिष्ट भाषा के लिए माफी मांगते हैं और आगे की कथा में सुधार करते हुए चिन्तामणि जी कहेगे, क्यूंकि उन्होने १९१८ में लंदन से आई.सी.एस. (भारतीय सिविल सेवा) की परीक्षा अव्वल तरीके से उत्तीर्ण होने के बाद भारत में विभिन्न पदों पर काम करते रहे। उन्होंने भारत की ब्रिटिश राज के प्रतिनिधि के रूप में वर्षों तक ‘विश्व बैंक’ और ‘अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष’ के गवर्नर के रूप में भी काम किया। जो किसी भारतीय के लिए उस समय आसमान के तारे तोड़ने के बराबर हुआ करता था।

१९४३ का वो ऐतिहासक दिन, जिस दिन उन्हें ब्रिटिश राज द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक के पहले भारतीय गवर्नर के रूप में नियुक्त किया गया, और ब्रिटिश राज ने उन्हें सर की उपाधि भी प्रदान की।

आई.सी.एस. से सेवानिवृत्त होने के बाद वे भारतीय संसद के सदस्य और ‘योजना आयोग’ के सदस्य बनाये गए। १९५० में उन्हें देश के वित्त मंत्री के रूप में नेहरू जी के मंत्रिमंडल में सम्मिलित किया गया। महाराष्ट्र प्रदेश के निर्माण के आंदोलन के समय देशमुख जी ने वित्त मंत्री का पद तो त्याग दिया, किंतु उनको अन्य महत्त्वपूर्ण पद मिलते गए। वे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष बने और दिल्ली विश्वविद्यालय के उपकुलपति बनाये गए।

श्री चिन्तामणि द्वारिकानाथ देशमुख जी को १९७५ में राष्ट्रपति श्री डॉक्टर फ़ख़रुद्दीन अली अहमद जी ने पद्म विभूषण के अलंकरण से सम्मानित किया। भारतीय रिजर्व बैंक के पहले भारतीय गवर्नर श्री सी॰ डी॰ देशमुख (चिन्तामणि द्वारकानाथ देशमुख) जी को अश्विनी राय ‘अरुण’ का बारम्बार नमन! वंदन!

धन्यवाद !

अश्विनी राय
अश्विनी रायhttp://shoot2pen.in
माताजी :- श्रीमती इंदु राय पिताजी :- श्री गिरिजा राय पता :- ग्राम - मांगोडेहरी, डाक- खीरी, जिला - बक्सर (बिहार) पिन - ८०२१२८ शिक्षा :- वाणिज्य स्नातक, एम.ए. संप्रत्ति :- किसान, लेखक पुस्तकें :- १. एकल प्रकाशित पुस्तक... बिहार - एक आईने की नजर से प्रकाशन के इंतजार में... ये उन दिनों की बात है, आर्यन, राम मंदिर, आपातकाल, जीवननामा - 12 खंड, दक्षिण भारत की यात्रा, महाभारत- वैज्ञानिक शोध, आदि। २. प्रकाशित साझा संग्रह... पेनिंग थॉट्स, अंजुली रंग भरी, ब्लौस्सौम ऑफ वर्ड्स, उजेस, हिन्दी साहित्य और राष्ट्रवाद, गंगा गीत माला (भोजपुरी), राम कथा के विविध आयाम, अलविदा कोरोना, एकाक्ष आदि। साथ ही पत्र पत्रिकाओं, ब्लॉग आदि में लिखना। सम्मान/पुरस्कार :- १. सितम्बर, २०१८ में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा विश्व भर के विद्वतजनों के साथ तीन दिनों तक चलने वाले साहित्योत्त्सव में सम्मान। २. २५ नवम्बर २०१८ को The Indian Awaz 100 inspiring authors of India की तरफ से सम्मानित। ३. २६ जनवरी, २०१९ को The Sprit Mania के द्वारा सम्मानित। ४. ०३ फरवरी, २०१९, Literoma Publishing Services की तरफ से हिन्दी के विकास के लिए सम्मानित। ५. १८ फरवरी २०१९, भोजपुरी विकास न्यास द्वारा सम्मानित। ६. ३१ मार्च, २०१९, स्वामी विवेकानन्द एक्सिलेन्सि अवार्ड (खेल एवं युवा मंत्रालय भारत सरकार), कोलकाता। ७. २३ नवंबर, २०१९ को अयोध्या शोध संस्थान, संस्कृति विभाग, अयोध्या, उत्तरप्रदेश एवं साहित्य संचय फाउंडेशन, दिल्ली के साझा आयोजन में सम्मानित। ८. The Spirit Mania द्वारा TSM POPULAR AUTHOR AWARD 2K19 के लिए सम्मानित। ९. २२ दिसंबर, २०१९ को बक्सर हिन्दी साहित्य सम्मेलन, बक्सर द्वारा सम्मानित। १०. अक्टूबर, २०२० में श्री नर्मदा प्रकाशन द्वारा काव्य शिरोमणि सम्मान। आदि। हिन्दी एवं भोजपुरी भाषा के प्रति समर्पित कार्यों के लिए छोटे बड़े विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा सम्मानित। संस्थाओं से जुड़ाव :- १. जिला अर्थ मंत्री, बक्सर हिंदी साहित्य सम्मेलन, बक्सर बिहार। बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन, पटना से सम्बद्ध। २. राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सह न्यासी, भोजपुरी विकास न्यास, बक्सर। ३. जिला कमिटी सदस्य, बक्सर। भोजपुरी साहित्य विकास मंच, कलकत्ता। ४. सदस्य, राष्ट्रवादी लेखक संघ ५. जिला महामंत्री, बक्सर। अखिल भारतीय साहित्य परिषद। ६. सदस्य, राष्ट्रीय संचार माध्यम परिषद। ईमेल :- ashwinirai1980@gmail.com ब्लॉग :- shoot2pen.in

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