अभियंता दिवस

आज अभियंता दिवस है…
यानी भारतरत्न मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया जी का जन्मदिन।

श्री विश्वेश्वरैया जी भारत के महानतम अभियंता (इंजिनियर) थे, आपको यह जानकर आश्चर्य होगा की इन्होंने ही आधुनिक भारत की रचना की है। उनकी विलक्षण प्रतिभा एवं तीक्ष्ण दृष्टि ने इंजीनियरिंग के क्षेत्र में नए नए आयाम स्थापित किए हैं। जिस पर चलकर बाद के अभियंताओं, वैज्ञानिकों ने नए नए अभियांत्रिकी प्रयोगों एवं आविष्कारों के द्वारा देश के नाम को सम्पूर्ण संसार में स्थापित किया। श्री बीश्वेश्वरैया ने विज्ञान और अभियांत्रिकी में ऐसे ऐसे द्वारों कों खोला है जिससे गुजर कर अब्दुल कलाम, सी.वी.वेंकट रमन, भाभा, चंद्रशेखर, विक्रम साराभाई, श्रीनिवास रामानुजन, बीरबल साहनी, एस.भटनागर, मेघनाद साहा, राजा रमन्ना इत्यादि वैज्ञानिकों ने एक सम्पूर्ण युग की प्रतिष्ठा कर डाली। यह हमारे देश के वैज्ञानिक इतिहास का एक उज्जवल पृष्ठ है।

विश्वेश्वरैया जी का जन्म १५ सितम्बर, १८६० में मैसूर रियासत में हुआ था, जो आज का कर्नाटक है। इनके पिता श्रीनिवास शास्त्री संस्कृत विद्वान और आयुर्वेदिक चिकित्सक थे और माता वेंकचाम्मा एक धार्मिक महिला थी। मगर जब विश्वेश्वरैया १५ वर्ष की अल्प आयु के थे, तब उनके पिताजी का देहांत हो गया।

मगर कालांतर में…
इंजीनियरिंग पास करने के बाद विश्वेश्वरैया को बॉम्बे सरकार की तरफ से सहयोग करने का न्योता आया, और उन्हें नासिक में असिस्टेंट इंजिनियर के तौर पर काम मिला। एक इंजीनियर के रूप में उन्होंने बहुत से अद्भुत कार्य किये। उन्होंने सिन्धु नदी से पानी की सप्लाई सुक्कुर गाँव तक करवाई, साथ ही एक नई सिंचाई प्रणाली ‘ब्लाक सिस्टम’ को शुरू किया। इन्होने पहली बार बाँध में इस्पात के दरवाजे लगवाए, ताकि बाँध के पानी के प्रवाह को आसानी से रोका जा सके। उन्होंने मैसूर में कृष्णराज सागर बांध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ऐसे बहुत से और कार्य विश्वेश्वरैया ने किये, जिसकी गिनती अंतहीन है।
पुणे के खड़कवासला जलाशय में बाँध बनवाया। इसके दरवाजे ऐसे थे जो बाढ़ के दबाब को भी झेल सकते थे, और इससे बाँध को भी कोई नुकसान नहीं पहुँचता था। इस बांध की सफलता के बाद ग्वालियर में तिगरा बांध एवं कर्नाटक के मैसूर में कृष्णा राजा सागरा का निर्माण किया गया। कावेरी नदी पर बना कृष्णा राजा सागरा को विश्वेश्वरैया ने अपनी देख रेख में बनवाया था। जब इस बांध का निर्माण हो रहा था, उस समय तक यह एशिया में यह सबसे बड़ा जलाशय था।

हैदराबाद को बनाने का पूरा श्रेय विश्वेश्वरैया जी को ही है। उन्होंने वहां एक बाढ़ सुरक्षा प्रणाली तैयार की, जिसके बाद समस्त भारत में उनका नाम हो गया। उन्होंने समुद्र कटाव से विशाखापत्तनम बंदरगाह की रक्षा के लिए एक प्रणाली विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी जो आज भी प्रचलन में है।

विश्वेश्वरैया जी को मॉडर्न मैसूर स्टेट का पिता कहा जाता था। क्योंकि विज्ञान का कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं जहाँ इनकी नजर और पकड़ ना रही हो। इन्होने जब मैसूर सरकार के साथ काम किया, तब उन्होंने वहां मैसूर साबुन फैक्ट्री, परजीवी प्रयोगशाला, मैसूर आयरन एंड स्टील फैक्ट्री, श्री जयचमराजेंद्र पॉलिटेक्निक संस्थान, बैंगलोर एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, स्टेट बैंक ऑफ़ मैसूर, सेंचुरी क्लब, मैसूर चैम्बर्स ऑफ़ कॉमर्स एवं यूनिवर्सिटी विश्वेश्वरैया कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग की स्थापना करवाई। इसके साथ ही और भी अन्य शैक्षिणक संस्थान एवं फैक्ट्री की भी स्थापना की गई।

विश्वेश्वरैया जी ने तिरुमला और तिरुपति के बीच सड़क निर्माण के लिए भी जाना जाता है…

यानी पहाड़ की ऊंचाई से समुंद्र की गहराई का विज्ञान अथवा जीव से परिजिवि का विज्ञान हो, बैंकिग सिस्टम से कृषि विज्ञान तक, अन्तरिक्ष से खदान तक का विज्ञान…

सभी तो है यहां, यानी आलराउंडर!

अश्विनी राय
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माताजी :- श्रीमती इंदु राय पिताजी :- श्री गिरिजा राय पता :- ग्राम - मांगोडेहरी, डाक- खीरी, जिला - बक्सर (बिहार) पिन - ८०२१२८ शिक्षा :- वाणिज्य स्नातक, एम.ए. संप्रत्ति :- किसान, लेखक पुस्तकें :- १. एकल प्रकाशित पुस्तक... बिहार - एक आईने की नजर से प्रकाशन के इंतजार में... ये उन दिनों की बात है, आर्यन, राम मंदिर, आपातकाल, जीवननामा - 12 खंड, दक्षिण भारत की यात्रा, महाभारत- वैज्ञानिक शोध, आदि। २. प्रकाशित साझा संग्रह... पेनिंग थॉट्स, अंजुली रंग भरी, ब्लौस्सौम ऑफ वर्ड्स, उजेस, हिन्दी साहित्य और राष्ट्रवाद, गंगा गीत माला (भोजपुरी), राम कथा के विविध आयाम, अलविदा कोरोना, एकाक्ष आदि। साथ ही पत्र पत्रिकाओं, ब्लॉग आदि में लिखना। सम्मान/पुरस्कार :- १. सितम्बर, २०१८ में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा विश्व भर के विद्वतजनों के साथ तीन दिनों तक चलने वाले साहित्योत्त्सव में सम्मान। २. २५ नवम्बर २०१८ को The Indian Awaz 100 inspiring authors of India की तरफ से सम्मानित। ३. २६ जनवरी, २०१९ को The Sprit Mania के द्वारा सम्मानित। ४. ०३ फरवरी, २०१९, Literoma Publishing Services की तरफ से हिन्दी के विकास के लिए सम्मानित। ५. १८ फरवरी २०१९, भोजपुरी विकास न्यास द्वारा सम्मानित। ६. ३१ मार्च, २०१९, स्वामी विवेकानन्द एक्सिलेन्सि अवार्ड (खेल एवं युवा मंत्रालय भारत सरकार), कोलकाता। ७. २३ नवंबर, २०१९ को अयोध्या शोध संस्थान, संस्कृति विभाग, अयोध्या, उत्तरप्रदेश एवं साहित्य संचय फाउंडेशन, दिल्ली के साझा आयोजन में सम्मानित। ८. The Spirit Mania द्वारा TSM POPULAR AUTHOR AWARD 2K19 के लिए सम्मानित। ९. २२ दिसंबर, २०१९ को बक्सर हिन्दी साहित्य सम्मेलन, बक्सर द्वारा सम्मानित। १०. अक्टूबर, २०२० में श्री नर्मदा प्रकाशन द्वारा काव्य शिरोमणि सम्मान। आदि। हिन्दी एवं भोजपुरी भाषा के प्रति समर्पित कार्यों के लिए छोटे बड़े विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा सम्मानित। संस्थाओं से जुड़ाव :- १. जिला अर्थ मंत्री, बक्सर हिंदी साहित्य सम्मेलन, बक्सर बिहार। बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन, पटना से सम्बद्ध। २. राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सह न्यासी, भोजपुरी विकास न्यास, बक्सर। ३. जिला कमिटी सदस्य, बक्सर। भोजपुरी साहित्य विकास मंच, कलकत्ता। ४. सदस्य, राष्ट्रवादी लेखक संघ ५. जिला महामंत्री, बक्सर। अखिल भारतीय साहित्य परिषद। ६. सदस्य, राष्ट्रीय संचार माध्यम परिषद। ईमेल :- ashwinirai1980@gmail.com ब्लॉग :- shoot2pen.in

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