वामनराव बलिराम लाखे

भैया पांचों पांडव कहिए जिनको नाम सुनाऊं
लाखे वामनराव हमारे धर्मराज को है अवतार
भीमसेन अवतारी जानो, लक्ष्मीनारायण जिनको नाम
डागा सहदेव नाम से जाहिर रउफ नकुल को है अवतार
ठाकुर अर्जुन के अवतारी योद्धा प्यारेलाल साकार

बात १९३०की है जब महात्मा गाँधी ने आन्दोलन शुरू किया था तो रायपुर में इस आन्दोलन का नेतृत्व वामनराव बलिराम लाखे, ठाकुर प्यारेलाल सिंह, मौलाना रउफ़, महंत लक्ष्मीनारायण दास और शिवदास डागा कर रहे थे। ये पांचों रायपुर में स्वाधीनता के आन्दोलन में ‘पांच पाण्डव’ के नाम से विख्यात हो गये थे। इसी लिए इस कविता में उन्हें पांच पांडव कहा गया है। मगर हम आज बात कर रहे हैं इन पांडवों के धर्मराज यानी…श्री वामनराव बलिराम लाखे की जिनका जन्म १७ सितम्बर, १८७२ में रायपुर, छत्तीसगढ़ में हुआ था। उनके पिता पण्डित बलीराव गोविंदराव लाखे एक ग़रीब व्यक्ति थे, मगर दृढ़ निश्चय और कठोर परिश्रम से उन्होंने कई गाँव ख़रीद लिये थे। जब वामनराव बलिराम लाखे का जन्म हुआ, उस समय तक उनके परिवार की गणना समृद्ध घरानों में होने लगी थी।वामनराव बलिराम लाखे बड़े होने के बाद वकालत की शिक्षा पूरी की और वकालत को अपना हथियार बना स्वाधीनता आंदोलन में कूद पड़े। कालांतर में उन्होने अपना कार्यक्षेत्र सहकारी आंदोलन को बनाया, जिससे वे जीवन पर्यन्त जुड़े रहे। जमींदार परिवार से ताल्लुक रखने के बावजूद वे सहकारिता आंदोलन के द्वारा इस अंचल के दु:खी और शोषित किसानों की सेवा तथा सहयोग करना उनका प्रमुख उद्देश्य था। १९१३ में ही उन्होंने रायपुर में ‘को-आपरेटिव सेन्ट्रल बैंक’ की स्थापना की थी, जिसके वे १९३६ तक अवैतनिक सचिव के पद पर रहकर कठोर परिश्रम तथा निष्ठा के साथ कार्य करते रहे और संस्था को उन्नति के सर्वोच्च शिखर तक पहुंचा दिया। १९३७ से १९४० तक वे इस संस्था के अध्यक्ष पद पर रहे। उनके प्रयास से ही १९३० में बैंक का अपना स्वयं का भवन बनाया गया था।१९१५ में रायपुर में ‘होमरूल लीग’ की स्थापना की गई थी। लाखे जी उसके संस्थापक थे। छत्तीसगढ़ में शुरू में जो राजनीतिक चेतना फैली थी, उसमें लाखे जी का बहुत बड़ा योगदान था। उन्होंने अपना सारा जीवन राष्ट्रीय आन्दोलन और सहकारी संगठन में बिताया। १९१५ में बलौदा बाज़ार में ‘किसान को-आपरेटिव राइस मिल’ की स्थापना उन्होंने की थी। लाखे जी को अंग्रेज़ हुकूमत ने किसानों की सेवाओं के लिए १९१६ में ‘रायसाहब’ की उपाधि दी थी। जिसे उन्होंने असहयोग आंदोलन के समय अंग्रेजों को वापस कर दिया। इसपर लोगों ने उन्हें ‘लोकप्रिय’ की और एक उपाधि दे दी। ऐसा प्रभाव था जनता में लाखे जी का…रायपुर में ऐसा कोई पद नहीं था जिसपर लाखे जी अवैतनिक आजीवन स्थापित ना रहे हों, चाहे वो सहकारिता हो, बैंक हो, डाकघर हो, स्कूल की अध्यक्षता हो अथवा नगरपालिका की। प्रभाव भी ऐसा था उनका उनकी घाट पर अंग्रेजी हुकूमत और गरम दल एक साथ बैठते थे। कांग्रेस और आमजन को भी उनके किए फैसले पर कभी विरोध ना हुआ।ऐसे महान विभूति, धर्मराज श्री वामनराव बलिराम लाखे जी को अश्विनी राय ‘अरूण’ का कोटि कोटि नमन।धन्यवाद !

अश्विनी राय
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माताजी :- श्रीमती इंदु राय पिताजी :- श्री गिरिजा राय पता :- ग्राम - मांगोडेहरी, डाक- खीरी, जिला - बक्सर (बिहार) पिन - ८०२१२८ शिक्षा :- वाणिज्य स्नातक, एम.ए. संप्रत्ति :- किसान, लेखक पुस्तकें :- १. एकल प्रकाशित पुस्तक... बिहार - एक आईने की नजर से प्रकाशन के इंतजार में... ये उन दिनों की बात है, आर्यन, राम मंदिर, आपातकाल, जीवननामा - 12 खंड, दक्षिण भारत की यात्रा, महाभारत- वैज्ञानिक शोध, आदि। २. प्रकाशित साझा संग्रह... पेनिंग थॉट्स, अंजुली रंग भरी, ब्लौस्सौम ऑफ वर्ड्स, उजेस, हिन्दी साहित्य और राष्ट्रवाद, गंगा गीत माला (भोजपुरी), राम कथा के विविध आयाम, अलविदा कोरोना, एकाक्ष आदि। साथ ही पत्र पत्रिकाओं, ब्लॉग आदि में लिखना। सम्मान/पुरस्कार :- १. सितम्बर, २०१८ में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा विश्व भर के विद्वतजनों के साथ तीन दिनों तक चलने वाले साहित्योत्त्सव में सम्मान। २. २५ नवम्बर २०१८ को The Indian Awaz 100 inspiring authors of India की तरफ से सम्मानित। ३. २६ जनवरी, २०१९ को The Sprit Mania के द्वारा सम्मानित। ४. ०३ फरवरी, २०१९, Literoma Publishing Services की तरफ से हिन्दी के विकास के लिए सम्मानित। ५. १८ फरवरी २०१९, भोजपुरी विकास न्यास द्वारा सम्मानित। ६. ३१ मार्च, २०१९, स्वामी विवेकानन्द एक्सिलेन्सि अवार्ड (खेल एवं युवा मंत्रालय भारत सरकार), कोलकाता। ७. २३ नवंबर, २०१९ को अयोध्या शोध संस्थान, संस्कृति विभाग, अयोध्या, उत्तरप्रदेश एवं साहित्य संचय फाउंडेशन, दिल्ली के साझा आयोजन में सम्मानित। ८. The Spirit Mania द्वारा TSM POPULAR AUTHOR AWARD 2K19 के लिए सम्मानित। ९. २२ दिसंबर, २०१९ को बक्सर हिन्दी साहित्य सम्मेलन, बक्सर द्वारा सम्मानित। १०. अक्टूबर, २०२० में श्री नर्मदा प्रकाशन द्वारा काव्य शिरोमणि सम्मान। आदि। हिन्दी एवं भोजपुरी भाषा के प्रति समर्पित कार्यों के लिए छोटे बड़े विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा सम्मानित। संस्थाओं से जुड़ाव :- १. जिला अर्थ मंत्री, बक्सर हिंदी साहित्य सम्मेलन, बक्सर बिहार। बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन, पटना से सम्बद्ध। २. राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सह न्यासी, भोजपुरी विकास न्यास, बक्सर। ३. जिला कमिटी सदस्य, बक्सर। भोजपुरी साहित्य विकास मंच, कलकत्ता। ४. सदस्य, राष्ट्रवादी लेखक संघ ५. जिला महामंत्री, बक्सर। अखिल भारतीय साहित्य परिषद। ६. सदस्य, राष्ट्रीय संचार माध्यम परिषद। ईमेल :- ashwinirai1980@gmail.com ब्लॉग :- shoot2pen.in

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