मनुवाद बनाम न्याय प्रक्रिया और आरोप…

 

यदि, वेदों पर आधारित मूल मनुस्मृति का अवलोकन करने पर हम पाएंगे कि आज मनुवाद का विरोध बस अज्ञानता का परिचायक है और वह मनुस्मृति से बिल्कुल उलट और निरर्थक है। महर्षि मनु की दण्ड व्यवस्था अपराध के स्वरूप और उसके प्रभाव एवं अपराधी की शिक्षा, पद और समाज में उसके प्रभाव पर निर्भर करता है।

मनुस्मृति में ब्राह्मण का दर्जा सिर्फ ज्ञानी को है नाकि उसके उच्च कुल में जन्म के आधार पर।
माता के गर्भ से जन्म के उपरांत कोई मनुष्य अपना कुल उच्च करने का यहाँ अधिकारी है, वह
यहाँ विद्या, ज्ञान और संस्कार से पुनः जन्म प्राप्त कर द्विज बन सकता है और अपने सदाचार से ही समाज में प्रतिष्ठा पा सकता है।

मनुस्मृति के अनुसार सामर्थ्यवान व्यक्ति की जवाबदेही भी अधिक होती है, अत: यदि वे अपने उत्तरदायित्व को सही तरीके से नहीं निभाता है तो वह कठोर दण्ड का भागी है। जिस अपराध में सामान्य जन को एक पैसा दण्ड दिया जाए वहां शासक वर्ग को एक हजार गुना दण्ड देना चाहिए।

(अगर कोई अपनी स्वेच्छा से और अपने पूरे होशो हवास में चोरी करता है तो उसे एक सामान्य चोर से ८ गुना सजा का प्रावधान होना चाहिए यदि वह शूद्र है, अगर वैश्य है तो १६ गुना, क्षत्रिय है तो ३२ गुना, ब्राह्मण है तो ६४ गुना। यहां तक कि ब्राह्मण के लिए दण्ड १०० गुना या १२८ गुना तक भी हो सकता है। दूसरे शब्दों में दण्ड अपराध करने वाले की शिक्षा और सामाजिक स्तर के अनुपात में होना चाहिए।)

प्रचलित धारणा के विपरीत मनु शूद्रों के लिए शिक्षा के अभाव में सबसे कम दण्ड का विधान करते हैं। मनु ब्राह्मणों को कठोरतर और शासकीय अधिकारीयों को कठोरतम दण्ड का विधान करते हैं। सामान्य नागरिकों में से भी शिक्षित तथा प्रभावशाली वर्ग, यदि अपने कर्तव्यों से मुंह मोड़ता है तो कठोर दण्ड के लायक है। अत: मनुस्मृति के अनुसार अपराधी की पद के साथ ही उसका दण्ड भी बढ़ता जाना चाहिए।

मनुस्मृति के अनुसार जो ब्राह्मण वेदों के अलावा अन्यत्र परिश्रम करते हैं, वह शूद्र हैं। जब तक कि वह सम्पूर्ण वेदों का अध्ययन न कर लें और पूरी तरह से अपने दुर्गुणों से मुक्त न हो जाएं जिस में कटु वचन बोलना भी शामिल है।

(क्योंकि साधारण लोगों की तुलना में ब्राह्मणों को ६४ से १२८ गुना ज्यादा दण्ड दिया जाना चाहिए।)

मनुस्मृति के अनुसार, एक शक्तिशाली और उचित दण्ड ही शासक है। दण्ड न्याय का प्रचारक है। दण्ड अनुशासनकर्ता है। दण्ड प्रशासक भी है। दण्ड ही चार वर्णों और जीवन के चार आश्रमों का रक्षक है। यदि भली- भांति विचार पूर्वक दण्ड का प्रयोग किया जाए तो वह समृद्धि और प्रसन्नता लाता है परंतु बिना सोचे समझे प्रयोग करने पर दण्ड उन्हीं का विनाश कर देता है जो इसका दुरूपयोग करते हैं।

अश्विनी राय ‘अरूण’

अश्विनी रायhttp://shoot2pen.in
माताजी :- श्रीमती इंदु राय पिताजी :- श्री गिरिजा राय पता :- ग्राम - मांगोडेहरी, डाक- खीरी, जिला - बक्सर (बिहार) पिन - ८०२१२८ शिक्षा :- वाणिज्य स्नातक, एम.ए. संप्रत्ति :- किसान, लेखक पुस्तकें :- १. एकल प्रकाशित पुस्तक... बिहार - एक आईने की नजर से प्रकाशन के इंतजार में... ये उन दिनों की बात है, आर्यन, राम मंदिर, आपातकाल, जीवननामा - 12 खंड, दक्षिण भारत की यात्रा, महाभारत- वैज्ञानिक शोध, आदि। २. प्रकाशित साझा संग्रह... पेनिंग थॉट्स, अंजुली रंग भरी, ब्लौस्सौम ऑफ वर्ड्स, उजेस, हिन्दी साहित्य और राष्ट्रवाद, गंगा गीत माला (भोजपुरी), राम कथा के विविध आयाम, अलविदा कोरोना, एकाक्ष आदि। साथ ही पत्र पत्रिकाओं, ब्लॉग आदि में लिखना। सम्मान/पुरस्कार :- १. सितम्बर, २०१८ में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा विश्व भर के विद्वतजनों के साथ तीन दिनों तक चलने वाले साहित्योत्त्सव में सम्मान। २. २५ नवम्बर २०१८ को The Indian Awaz 100 inspiring authors of India की तरफ से सम्मानित। ३. २६ जनवरी, २०१९ को The Sprit Mania के द्वारा सम्मानित। ४. ०३ फरवरी, २०१९, Literoma Publishing Services की तरफ से हिन्दी के विकास के लिए सम्मानित। ५. १८ फरवरी २०१९, भोजपुरी विकास न्यास द्वारा सम्मानित। ६. ३१ मार्च, २०१९, स्वामी विवेकानन्द एक्सिलेन्सि अवार्ड (खेल एवं युवा मंत्रालय भारत सरकार), कोलकाता। ७. २३ नवंबर, २०१९ को अयोध्या शोध संस्थान, संस्कृति विभाग, अयोध्या, उत्तरप्रदेश एवं साहित्य संचय फाउंडेशन, दिल्ली के साझा आयोजन में सम्मानित। ८. The Spirit Mania द्वारा TSM POPULAR AUTHOR AWARD 2K19 के लिए सम्मानित। ९. २२ दिसंबर, २०१९ को बक्सर हिन्दी साहित्य सम्मेलन, बक्सर द्वारा सम्मानित। १०. अक्टूबर, २०२० में श्री नर्मदा प्रकाशन द्वारा काव्य शिरोमणि सम्मान। आदि। हिन्दी एवं भोजपुरी भाषा के प्रति समर्पित कार्यों के लिए छोटे बड़े विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा सम्मानित। संस्थाओं से जुड़ाव :- १. जिला अर्थ मंत्री, बक्सर हिंदी साहित्य सम्मेलन, बक्सर बिहार। बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन, पटना से सम्बद्ध। २. राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सह न्यासी, भोजपुरी विकास न्यास, बक्सर। ३. जिला कमिटी सदस्य, बक्सर। भोजपुरी साहित्य विकास मंच, कलकत्ता। ४. सदस्य, राष्ट्रवादी लेखक संघ ५. जिला महामंत्री, बक्सर। अखिल भारतीय साहित्य परिषद। ६. सदस्य, राष्ट्रीय संचार माध्यम परिषद। ईमेल :- ashwinirai1980@gmail.com ब्लॉग :- shoot2pen.in

Similar Articles

Comments

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Advertismentspot_img

Instagram

Most Popular