शरद जोशी

अस्सी से नब्बे के मध्य दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले कुछ धारावाहिक जैसे; ये जो है जिन्दगी, विक्रम बेताल, सिंहासन बत्तीसी, वाह जनाब, देवी जी, प्याले में तूफान, दाने अनार के, ये दुनिया गजब की आदि के लेखक श्री शरद जोशी जी का जन्म २१ मई, १९३१ को मध्यप्रदेश के उज्जैन में हुआ था। बड़े होने के बाद कुछ समय तक वे सरकारी नौकरी में रहे, तत्पश्चात इन्होंने लेखन को ही उन्होने आजीविका के रूप में अपना लिया। आरम्भ में कुछ कहानियाँ लिखीं, फिर पूरी तरह व्यंग्य-लेखन ही करने लगे।इन्होंने व्यंग्य लेख, व्यंग्य उपन्यास, व्यंग्य कॉलम के अतिरिक्त हास्य-व्यंग्यपूर्ण धारावाहिकों की पटकथाएँ और संवाद भी लिखे। हिन्दी व्यंग्य को प्रतिष्ठा दिलाने वाले प्रमुख व्यंग्यकारों में शरद जोशी का नाम उल्लेखनीय है। इनकी रचनाओं में समाज में पाई जाने वाली सभी विसंगतियों का बेबाक चित्रण दिखाई पड़ता है।

प्रमुख कृतियाँ…

गद्य रचनाएँ… परिक्रमा, किसी बहाने, जीप पर सवार इल्लियाँ, रहा किनारे बैठ, दूसरी सतह, प्रतिदिन(3 खण्ड), यथासंभव, यथासमय, यत्र-तत्र-सर्वत्र, नावक के तीर, मुद्रिका रहस्य, हम भ्रष्टन के भ्रष्ट हमारे, झरता नीम शाश्वत थीम, जादू की सरकार, पिछले दिनों, राग भोपाली, नदी में खड़ा कवि, घाव करे गंभीर, मेरी श्रेष्ठ व्यंग रचनाएँ आदि।

व्यंग्य नाटक… अंधों का हाथी, एक था गधा उर्फ अलादाद खाँ।

उपन्यास… मैं, मैं और केवल मैं उर्फ़ कमलमुख बीए।

टीवी धारावाहिक… यह जो है जिंदगी, मालगुड़ी डेज, विक्रम और बेताल, सिंहासन बत्तीसी, वाह जनाब, दाने अनार के, यह दुनिया गज़ब की, लापतागंज आदि।

फिल्मी सम्वाद… क्षितिज, गोधूलि, उत्सव, उड़ान, चोरनी, साँच को आँच नहीं, दिल है कि मानता नहीं आदि।

पुरस्कार एवं सम्मान…

चकल्लस पुरस्कार, काका हाथरसी पुरस्कार, श्री महाभारत हिन्दी सहित्य समिति इन्दौर द्वारा ‘सारस्वत मार्तण्ड’ की उपाधि परिवार पुरस्कार से सम्मानित, १९९० में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री की उपाधि से सम्मानित।

शरद जोशी जी ने अपने एक साक्षात्कार में कहा था, ‘लिखना मेरे लिए जीवन जीने की तरकीब है। इतना लिख लेने के बाद अपने लिखे को देख मैं सिर्फ यही कह पाता हूँ कि चलो, इतने बरस जी लिया। यह न होता तो इसका क्या विकल्प होता, अब सोचना कठिन है। लेखन मेरा निजी उद्देश्य है।’

५ सितंबर, १९९१ को मुंबई में निधन पूर्व उन्होंने लिखा था, ‘अब जीवन का विश्लेषण करना मुझे अजीब लगता है। बढ़-चढ़ कर यह कहना कि जीवन संघर्षमय रहा। लेखक होने के कारण मैंने दुखी जीवन जिया, कहना फ़िज़ूल है। जीवन होता ही संघर्षमय है। किसका नहीं होता? लिखनेवाले का होता है तो क्या अजब होता है।’

अश्विनी राय
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माताजी :- श्रीमती इंदु राय पिताजी :- श्री गिरिजा राय पता :- ग्राम - मांगोडेहरी, डाक- खीरी, जिला - बक्सर (बिहार) पिन - ८०२१२८ शिक्षा :- वाणिज्य स्नातक, एम.ए. संप्रत्ति :- किसान, लेखक पुस्तकें :- १. एकल प्रकाशित पुस्तक... बिहार - एक आईने की नजर से प्रकाशन के इंतजार में... ये उन दिनों की बात है, आर्यन, राम मंदिर, आपातकाल, जीवननामा - 12 खंड, दक्षिण भारत की यात्रा, महाभारत- वैज्ञानिक शोध, आदि। २. प्रकाशित साझा संग्रह... पेनिंग थॉट्स, अंजुली रंग भरी, ब्लौस्सौम ऑफ वर्ड्स, उजेस, हिन्दी साहित्य और राष्ट्रवाद, गंगा गीत माला (भोजपुरी), राम कथा के विविध आयाम, अलविदा कोरोना, एकाक्ष आदि। साथ ही पत्र पत्रिकाओं, ब्लॉग आदि में लिखना। सम्मान/पुरस्कार :- १. सितम्बर, २०१८ में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा विश्व भर के विद्वतजनों के साथ तीन दिनों तक चलने वाले साहित्योत्त्सव में सम्मान। २. २५ नवम्बर २०१८ को The Indian Awaz 100 inspiring authors of India की तरफ से सम्मानित। ३. २६ जनवरी, २०१९ को The Sprit Mania के द्वारा सम्मानित। ४. ०३ फरवरी, २०१९, Literoma Publishing Services की तरफ से हिन्दी के विकास के लिए सम्मानित। ५. १८ फरवरी २०१९, भोजपुरी विकास न्यास द्वारा सम्मानित। ६. ३१ मार्च, २०१९, स्वामी विवेकानन्द एक्सिलेन्सि अवार्ड (खेल एवं युवा मंत्रालय भारत सरकार), कोलकाता। ७. २३ नवंबर, २०१९ को अयोध्या शोध संस्थान, संस्कृति विभाग, अयोध्या, उत्तरप्रदेश एवं साहित्य संचय फाउंडेशन, दिल्ली के साझा आयोजन में सम्मानित। ८. The Spirit Mania द्वारा TSM POPULAR AUTHOR AWARD 2K19 के लिए सम्मानित। ९. २२ दिसंबर, २०१९ को बक्सर हिन्दी साहित्य सम्मेलन, बक्सर द्वारा सम्मानित। १०. अक्टूबर, २०२० में श्री नर्मदा प्रकाशन द्वारा काव्य शिरोमणि सम्मान। आदि। हिन्दी एवं भोजपुरी भाषा के प्रति समर्पित कार्यों के लिए छोटे बड़े विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा सम्मानित। संस्थाओं से जुड़ाव :- १. जिला अर्थ मंत्री, बक्सर हिंदी साहित्य सम्मेलन, बक्सर बिहार। बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन, पटना से सम्बद्ध। २. राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सह न्यासी, भोजपुरी विकास न्यास, बक्सर। ३. जिला कमिटी सदस्य, बक्सर। भोजपुरी साहित्य विकास मंच, कलकत्ता। ४. सदस्य, राष्ट्रवादी लेखक संघ ५. जिला महामंत्री, बक्सर। अखिल भारतीय साहित्य परिषद। ६. सदस्य, राष्ट्रीय संचार माध्यम परिषद। ईमेल :- ashwinirai1980@gmail.com ब्लॉग :- shoot2pen.in

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