गिरिधर शर्मा ‘नवरत्न’

वर्ष १९१४ की बात है, इन्दौर में मध्य भारत हिन्दी साहित्य समिति की स्थापना करने के बाद श्री गिरिधर शर्मा ‘नवरत्न’ जी जब बंबई गए तब वहाँ उनकी मुलाकात गांधी जी से हुई। कथनानुसार गांधी जी ने उन्हें हिन्दी का दीक्षा मंत्र दिया (जबकी वे पहले से ही भारतेन्दु जी और उनके साहित्य के प्रति झुकाव रखते थे, अब आगे…) जिसके परिणामस्वरूप अगले ही वर्ष लखनऊ के कांग्रेस अधिवेशन में देश की राष्ट्रभाषा हिन्दी घोषित कर दी गयी।

गिरिधर शर्मा नवरत्न जी का जन्म ६ जून, १८८१, को राजस्थान के झालरापाटन के रहने वाले श्री ब्रजेश्वर शर्मा तथा श्रीमती पन्ना देवी के यहाँ हुआ था। गिरिधर जी की आरम्भिक शिक्षा घर पर ही हुई थी, जहाँ से उन्होने हिंदी, अंग्रेज़ी, संस्कृत, प्राकृत, फ़ारसी आदि भाषाओं की शिक्षा प्राप्त की। तत्पश्चात जयपुर से प्रश्न वर श्री कान्ह जी व्यास तथा परम वेदज्ञ द्रविड़ श्री वीरेश्वर जी शास्त्री से संस्कृत पंज्च काव्य तथा संस्कृत व्याकरण का अध्ययन किया। काशी आकर उन्होने पंडित गंगाधर शास्त्री जी से संस्कृत साहित्य तथा दर्शन का विशिष्ट ज्ञान प्राप्त किया।

गिरिधर शर्मा जी के कार्य…

गिरिधर शर्मा जी ने वर्ष १९०६ में राजपूताना से ‘विद्या भास्कर’ नामक मासिक पत्र निकाला। वर्ष १९१२ में गिरिधर शर्मा जी ने झालरापाटन में ही श्री राजपूताना हिन्दी साहित्य सभा की स्थापना की जिसके संरक्षक बनने के लिए झालावाड़ नरेश श्री भवानी सिंह जी से स्वीकृति प्राप्त की। इस सभा का उद्देश्य ‘हिन्दी-भाषा’ की हर तरह से उन्नति करना और हिन्दी भाषा में व्यापार वाणिज्य, कला कौशल, इतिहास विज्ञान वैद्यक, अर्थशास्त्र समाज, नीति राजनीति, पुरातत्व, साहित्य उपन्यास आदि विविध विषयों पर अच्छे ग्रंथ तैयार करना और सस्ते मूल्य पर बेचना था।’

गिरिधर शर्मा ने १९१२ में ही भरतपुर में हिन्दी साहित्य समिति की स्थापना करके वहाँ के कार्यकर्ताओं को हिन्दी भाषा की श्री वृद्धि, प्रसार और साहित्य संवर्द्धन का कार्य सौंपा। वर्ष १९१४, इन्दौर में मध्य भारत हिन्दी साहित्य समिति की स्थापना कर चुकने के बाद वे बम्बई गए। वहीं उनकी पहली मुलाकात गांधी जी से हुई थी और कथनानुसार जहाँ उन्हें गांधी जी ने हिन्दी की दीक्षा दी थी। वर्ष १९३५ में श्री भारतेन्दु समिति, कोटा के अध्यक्ष बनने के बाद से वे ताउम्र अध्यक्ष के पद पर आसीन रहे।

गिरिधर जी की प्रकाशित कृतियां…

१. श्री भवानी सिंह कारक रत्नम्,
२. अमरशक्ति सुधाकर श्री भवानी सिंह सद्वृत्त गुच्छ:,
३. नवरत्न नीति:

४. गिरिधर सप्तशती,
५. प्रेम पयोधि,
६. योगी,
७. अभेद रस:,
८. माय वाक्सुधा सौरमण्डलम्,
९. जापान विजय,
१०. आर्यशास्त्र,
११. व्यापार-शिक्षा,
१२. शुश्रूषा,
१३. कठिनाई में विद्याभ्यास,
१४. आरोग्य दिग्दर्शन,
१५. जया जयंत,
१६. राइ का पर्वत,
१७. सरस्वती यश,
१८. सुकन्या,
१९. साविश्री,
२०. ऋतु-विनोद
२१. शुद्धाद्वैत-कुसुम-रहस्य,
२२. चित्रांगदा,
२३. भीष्म-प्रतिभा,
२४. कविता-कुसुम,
२५. कल्याण-मन्दिर,
२६. बार-भावना,
२७. रत्न करण्ड,
२८. निशापहार आदि।

इन सब के अलावा गिरिधर जी की ‘मातृवन्दना’ प्रमुख मौलिक कविता पुस्तक है। अनुवाद के क्षेत्र में इन्होंने पुष्कल कार्य किया है। अंग्रेज़ी के ‘हरमिट’ काव्य के मूल एवं अनुवाद दोनों को गिरिधर जी ने संस्कृत में पद्यबद्ध किया है। गिरिधर जी ने वर्ष १९२८ में संस्कृत काव्य ‘शिशुपाल वध’ के दो सर्गों का हिन्दी में पद्यानुवाद किया। ‘मेरो सब लगे प्रभो देश की भलाई में’ जैसी पक्तियों से सम्पन्न ‘मातृ-वन्दना’ की रचना राष्ट्रीयता एवं स्वदेश-प्रेम की प्रेरणा से हुई है। उस समय तक स्वदेश प्रेम विषयक प्रकाशित हिन्दी रचनाओं में वह तृतीय थी। उनसे पहले एक रचना गोपाल दास कृत ‘भारत भजनावली’ एवं दूसरी रचना गुरुप्रसाद सिंह द्वारा रचित ‘भारत संगीत’ हैं। अगर विद्वानो की बात मानी जाए तो इन दोनो रचनाओं की तुलना में उक्त रचना पुष्टतर और सुन्दरतर हैं। इसमें राष्ट्रीयता के शुद्ध भाव का प्रसार हुआ है। ‘मातृ-वन्दना’ का जो पावन स्वर बंगकाव्य में मुखरित हुआ था, हिन्दी-क्षेत्र भी उससे अछूता नहीं रहा। जिस समय अधिकांश कवि मध्यकालीन वातावरण में ही साँस ले रहे थे और काव्य धारा ह्रासोन्मुखी हो रही थी, स्वदेश-भाव का यह जागरण देश-प्रेम का शंखनाद ही माना जायेगा। उन्होने अतीत के प्रति निष्क्रिय मोह एवं प्रतिक्रियात्मक आसक्ति तथा राष्ट्रीयता में अंतर करते हुए जागरण का जो शंखनाद किया, उसे कभी विस्मृत नहीं किया जा सकता। अनुवाद कार्य विषय-वस्तु की विस्तृत भूमि से सम्बद्ध है। आयुर्वेद, दर्शन, व्यवहारशास्त्र, समाजशास्र नीति एवं आचरण सभी विषयों पर गिरिधर जी की लेखनी खूब चली है तथा साथ ही इन्होंने ‘विद्या भास्कर’ का सम्पादन भी किया है।

अश्विनी राय
अश्विनी रायhttp://shoot2pen.in
माताजी :- श्रीमती इंदु राय पिताजी :- श्री गिरिजा राय पता :- ग्राम - मांगोडेहरी, डाक- खीरी, जिला - बक्सर (बिहार) पिन - ८०२१२८ शिक्षा :- वाणिज्य स्नातक, एम.ए. संप्रत्ति :- किसान, लेखक पुस्तकें :- १. एकल प्रकाशित पुस्तक... बिहार - एक आईने की नजर से प्रकाशन के इंतजार में... ये उन दिनों की बात है, आर्यन, राम मंदिर, आपातकाल, जीवननामा - 12 खंड, दक्षिण भारत की यात्रा, महाभारत- वैज्ञानिक शोध, आदि। २. प्रकाशित साझा संग्रह... पेनिंग थॉट्स, अंजुली रंग भरी, ब्लौस्सौम ऑफ वर्ड्स, उजेस, हिन्दी साहित्य और राष्ट्रवाद, गंगा गीत माला (भोजपुरी), राम कथा के विविध आयाम, अलविदा कोरोना, एकाक्ष आदि। साथ ही पत्र पत्रिकाओं, ब्लॉग आदि में लिखना। सम्मान/पुरस्कार :- १. सितम्बर, २०१८ में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा विश्व भर के विद्वतजनों के साथ तीन दिनों तक चलने वाले साहित्योत्त्सव में सम्मान। २. २५ नवम्बर २०१८ को The Indian Awaz 100 inspiring authors of India की तरफ से सम्मानित। ३. २६ जनवरी, २०१९ को The Sprit Mania के द्वारा सम्मानित। ४. ०३ फरवरी, २०१९, Literoma Publishing Services की तरफ से हिन्दी के विकास के लिए सम्मानित। ५. १८ फरवरी २०१९, भोजपुरी विकास न्यास द्वारा सम्मानित। ६. ३१ मार्च, २०१९, स्वामी विवेकानन्द एक्सिलेन्सि अवार्ड (खेल एवं युवा मंत्रालय भारत सरकार), कोलकाता। ७. २३ नवंबर, २०१९ को अयोध्या शोध संस्थान, संस्कृति विभाग, अयोध्या, उत्तरप्रदेश एवं साहित्य संचय फाउंडेशन, दिल्ली के साझा आयोजन में सम्मानित। ८. The Spirit Mania द्वारा TSM POPULAR AUTHOR AWARD 2K19 के लिए सम्मानित। ९. २२ दिसंबर, २०१९ को बक्सर हिन्दी साहित्य सम्मेलन, बक्सर द्वारा सम्मानित। १०. अक्टूबर, २०२० में श्री नर्मदा प्रकाशन द्वारा काव्य शिरोमणि सम्मान। आदि। हिन्दी एवं भोजपुरी भाषा के प्रति समर्पित कार्यों के लिए छोटे बड़े विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा सम्मानित। संस्थाओं से जुड़ाव :- १. जिला अर्थ मंत्री, बक्सर हिंदी साहित्य सम्मेलन, बक्सर बिहार। बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन, पटना से सम्बद्ध। २. राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सह न्यासी, भोजपुरी विकास न्यास, बक्सर। ३. जिला कमिटी सदस्य, बक्सर। भोजपुरी साहित्य विकास मंच, कलकत्ता। ४. सदस्य, राष्ट्रवादी लेखक संघ ५. जिला महामंत्री, बक्सर। अखिल भारतीय साहित्य परिषद। ६. सदस्य, राष्ट्रीय संचार माध्यम परिषद। ईमेल :- ashwinirai1980@gmail.com ब्लॉग :- shoot2pen.in

Similar Articles

Comments

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Advertismentspot_img

Instagram

Most Popular