नृपेंद्र मिश्रा

आज हम अपने इस आलेख में एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बात करने जा रहे हैं जो गांव की माटी में जन्मा और आसमान की बुलंदियों पर जा बैठा मगर वह आज भी अपनी माटी से वैसे ही जुड़ा है जैसे बरगद जुड़ा रहता है।

यह कहानी है उस व्यक्ति की जिसने प्रशासनिक गलियारों में अपना एक अलग मुकाम हासिल किया, जिसने राजनीति को इतने नजदीक से देखा कि राजनीति का हर पुरोधा उन्हें अपने साथ जोड़ने खातिर होड़ में लग गए। यहां तक की भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र भाई मोदी जी भी उनकी आभा मंडल के आगे नतमस्तक हो गए।

ऐसी ही अनेक बातें हैं जिसे हम यहां विस्तार से चर्चा करेंगे…

वर्ष २०१४ की बात है, केंद्र में भारी बहुमत से जब भाजपा की सरकार बनी तो प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने से पूर्व ही श्री नरेंद्र मोदी जी अपनी सरकार चलाने के लिए ‘नवरत्नों’ की तलाश मे जुट गए थे। जानकारों की मानें तो वे अपने प्रुमख सचिव पद के लिए उन्हें ऐसा काबिल अफसर की तालाश थी, जो केंद्र में काम कर चुका हो, साथ ही उसके दामन पर कोई दाग भी ना हो। साथ ही मोदी जी यह भी चाहते थे कि उस अफसर को उत्तरप्रदेश के राजनीति की भी जानकारी हो।इतना ही नहीं उन्हें अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के लिए भी कुछ बड़ा करना था अतः खोज शुरू हुई।

मोदी जी की यह खोज काफी लंबा चला मगर अंततः उनकी खोज वर्ष १९६७ बैच के रिटायर्ड आईएएस अफसर नृपेंद्र मिश्रा पर जाकर खत्म हुई। नृपेंद्र मिश्रा जी उत्तरप्रदेश जैसे बड़े राज्य के दो-दो मुख्यमंत्रियों के साथ पहले ही काम कर चुके थे, सुर्खियों से दूर रहने वाले नृपेंद्र मिश्रा मोदी जी के कठिन पैमाने पर एकदम सटीक बैठे। और फिर वे वर्ष २०१४ में प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव बन गए। इतना ही नहीं वे २०१४ के कार्यकाल में अपने कार्यों से प्रधानमंत्री मोदी का भरोसा जीतने में सफल रहे और फिर से प्रधानमंत्री के दोबारा प्रमुख सचिव बन गए।

परिचय…

नृपेंद्र मिश्रा जी का जन्म ८ मार्च, १९४५ को उत्तरप्रदेश के देवरिया जिला अंतर्गत कसिली गांव निवासी सिवेशचंद्र मिश्रा के बड़े बेटे के रूप में हुआ था। प्राथमिक शिक्षा के उपरांत उन्होंने तीन-तीन विषयों में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से उन्होंने रसायन विज्ञान, राजनीतिक विज्ञान और लोक प्रशासन विषय से पोस्ट ग्रेजुएट किया। तत्पश्चात उन्होंने विदेश में भी पढ़ाई की। लोक प्रशासन विषय से उन्होंने जॉन एफ केनेडी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से मास्टर्स डिग्री ली। फिर वर्ष १९६७ में यूपी काडर के आईएएस बने।

कार्य…

देश के शीर्ष स्तर के नौकरशाह के रूप में नृपेंद्र मिश्रा का लंबा और असाधारण कॅरियर रहा है। देश के नीति निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं। उनको एक सक्षम और व्यवसाय समर्थक प्रशासक होने का श्रेय जाता है। वह दयानिधि मारन के मंत्री के कार्यकाल के दौरान दूरसंचार सचिव रह चुके हैं और उनको ब्राडबैंड नीति का श्रेय जाता है। उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह यादव और कल्याण सिंह सरकार में नृपेंद्र मिश्रा प्रमुख सचिव रह चुके हैं। इस बड़े राज्य में काम करते हुए उन्होंने तेज तर्रार और ईमानदार अफसर की पहचान बनाई। जिसके इनाम के तौर पर उन्हें प्रतिनियुक्ति पर केंद्र में काम करने का मौका मिला। केंद्र में कई अहम पदों पर उन्होंने काम किया। दयानिधि मारन के मंत्री के कार्यकाल के दौरान दूरसंचार सचिव रह चुके हैं और उनको ब्राडबैंड नीति का श्रेय जाता है। डिपार्टमेंट ऑफ फर्टिलाइजर्स में भी २००२ से २००४ के बीच सचिव रहे। रिटायर होने के बाद मनमोहन सिंह की सरकार में नृपेंद्र मिश्रा २००६ से २००९ के बीच टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) के भी चेयरमैन रहे। साल २०१४ में बीजेपी की अगुवाई वाली ‘राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन’ (राजग) सरकार के सत्ता में आने के बाद नृपेंद्र मिश्रा को मोदी टीम में शामिल किया गया था। वह राजग के २०१९ में और भी बड़े बहुमत के साथ सत्ता में लौटने के बाद भी मोदी की प्रमुख टीम में बने रहे। उसके बाद उन्हें नए बनाए गए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू एवं कश्मीर या दिल्ली के उप-राज्यपाल बनाने की अटकलें भी सामने आई थी। नृपेंद्र मिश्रा मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान भी पीएम मोदी के प्रमुख सचिव बनाए गए थे। हालांकि उस समय उनकी नियुक्ति को लेकर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया था। विपक्ष का तर्क था कि ट्राई के नियमों के मुताबिक़ इसका अध्यक्ष रिटायर होने के बाद सरकार से जुड़े किसी पद पर नियुक्त नहीं किया जा सकता, चाहे वह केंद्र की सरकार हो या राज्य की। हालांकि मोदी सरकार ने इस नियम को अध्यादेश लाकर संशोधित कर दिया था, जिसके बाद नृपेंद्र मिश्रा की नियुक्ति की राह आसान हो गई थी। बड़े थिंक टैंक्स से जुड़ाव ट्राई के चेयरमैन पद से रिटायर होने के बाद नृपेंद्र मिश्रा पब्लिक इंटरेस्ट फाउंडेशन से जुड़े। दिल्ली के ग्रेटर कैलाश स्थित दफ्तर में वह कुछ रिसर्च स्कॉलर्स के साथ काम करते थे। यह फाउंडेशन समाज में हाशिए पर पहुंचे लोगों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए एक थिंकटैंक के रूप में काम करने के लिए जाना जाता है। कुछ समय तक वह मशहूर थिंक टैंक विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन में भी प्रमुख पद पर रहे थे।

विदेश में कार्य…

नृपेंद्र मिश्रा ने विदेश में भी काम करने का अनुभव हासिल किया है। उन्होंने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में स्पेशल सेक्रेटरी के तौर पर काम करते हुए देश से जुड़े मामलों में मजबूती से पक्ष रखा। इसके अलावा वह मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स में ज्वाइंट सेक्रेटरी रहे। इसके अलावा वर्ल्ड बैंक, एशियन डिवेलपमेंट बैंक, नेपाल सरकार में सलाहकार के रूप में भी उन्होंने काम किया हुआ है।

खास बात…

रिटायर होने के बाद नृपेंद्र मिश्रा जी २००६ से २००९ के बीच ट्राई के चेयरमैन पद पर रहे थे। नियम के मुताबिक ट्राई का चेयरमैन आगे चलकर केंद्र या राज्य सरकार में कोई पद धारण नहीं कर सकता था। यह नियम जब नृपेंद्र मिश्रा जी की राह में रोड़ा बना तो मोदी सरकार ने ट्राई एक्ट में अध्यादेश के जरिए संशोधन कर उनके प्रमुख सचिव बनने का रास्ता साफ कर दिया। यह कदम भी पीएम मोदी का उनके प्रति भरोसे का सबूत माना जा सकता है।

आज के दिन श्री मिश्रा जी अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं।

अश्विनी राय
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माताजी :- श्रीमती इंदु राय पिताजी :- श्री गिरिजा राय पता :- ग्राम - मांगोडेहरी, डाक- खीरी, जिला - बक्सर (बिहार) पिन - ८०२१२८ शिक्षा :- वाणिज्य स्नातक, एम.ए. संप्रत्ति :- किसान, लेखक पुस्तकें :- १. एकल प्रकाशित पुस्तक... बिहार - एक आईने की नजर से प्रकाशन के इंतजार में... ये उन दिनों की बात है, आर्यन, राम मंदिर, आपातकाल, जीवननामा - 12 खंड, दक्षिण भारत की यात्रा, महाभारत- वैज्ञानिक शोध, आदि। २. प्रकाशित साझा संग्रह... पेनिंग थॉट्स, अंजुली रंग भरी, ब्लौस्सौम ऑफ वर्ड्स, उजेस, हिन्दी साहित्य और राष्ट्रवाद, गंगा गीत माला (भोजपुरी), राम कथा के विविध आयाम, अलविदा कोरोना, एकाक्ष आदि। साथ ही पत्र पत्रिकाओं, ब्लॉग आदि में लिखना। सम्मान/पुरस्कार :- १. सितम्बर, २०१८ में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा विश्व भर के विद्वतजनों के साथ तीन दिनों तक चलने वाले साहित्योत्त्सव में सम्मान। २. २५ नवम्बर २०१८ को The Indian Awaz 100 inspiring authors of India की तरफ से सम्मानित। ३. २६ जनवरी, २०१९ को The Sprit Mania के द्वारा सम्मानित। ४. ०३ फरवरी, २०१९, Literoma Publishing Services की तरफ से हिन्दी के विकास के लिए सम्मानित। ५. १८ फरवरी २०१९, भोजपुरी विकास न्यास द्वारा सम्मानित। ६. ३१ मार्च, २०१९, स्वामी विवेकानन्द एक्सिलेन्सि अवार्ड (खेल एवं युवा मंत्रालय भारत सरकार), कोलकाता। ७. २३ नवंबर, २०१९ को अयोध्या शोध संस्थान, संस्कृति विभाग, अयोध्या, उत्तरप्रदेश एवं साहित्य संचय फाउंडेशन, दिल्ली के साझा आयोजन में सम्मानित। ८. The Spirit Mania द्वारा TSM POPULAR AUTHOR AWARD 2K19 के लिए सम्मानित। ९. २२ दिसंबर, २०१९ को बक्सर हिन्दी साहित्य सम्मेलन, बक्सर द्वारा सम्मानित। १०. अक्टूबर, २०२० में श्री नर्मदा प्रकाशन द्वारा काव्य शिरोमणि सम्मान। आदि। हिन्दी एवं भोजपुरी भाषा के प्रति समर्पित कार्यों के लिए छोटे बड़े विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा सम्मानित। संस्थाओं से जुड़ाव :- १. जिला अर्थ मंत्री, बक्सर हिंदी साहित्य सम्मेलन, बक्सर बिहार। बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन, पटना से सम्बद्ध। २. राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सह न्यासी, भोजपुरी विकास न्यास, बक्सर। ३. जिला कमिटी सदस्य, बक्सर। भोजपुरी साहित्य विकास मंच, कलकत्ता। ४. सदस्य, राष्ट्रवादी लेखक संघ ५. जिला महामंत्री, बक्सर। अखिल भारतीय साहित्य परिषद। ६. सदस्य, राष्ट्रीय संचार माध्यम परिषद। ईमेल :- ashwinirai1980@gmail.com ब्लॉग :- shoot2pen.in

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