रामानन्द चैटर्जी

पत्रकारिता जगत के एक पुरोगामी शख्सियत, कोलकाता से प्रकाशित पत्रिका ‘मॉडर्न रिव्यू’ के संस्थापक, संपादक एवं मालिक तथा भारतीय पत्रकारिता के जनक श्री रामानन्द चैटर्जी जी का जन्म २९ मई, १८६५ को बांकुड़ा ज़िला में हुआ था। उन्होंने कलकत्ता और बांकुड़ा से अपनी शिक्षा-दीक्षा ग्रहण की। कलकत्ता विश्वविद्यालय से वर्ष १८९० में अंग्रेज़ी में स्नात्तकोत्तर परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की थी। वे आचार्य जगदीश चन्द्र बोस तथा शिवनाथ शास्त्री से अत्यन्त प्रभावित थे। उनके सामने इंग्लैंड जाकर आगे अध्ययन करने का प्रस्ताव भी आया, पर रामानंद ने उसे स्वीकार नहीं किया, क्योंकि तब तक उन पर ब्रह्म समाज का प्रभाव पड़ चुका था।

सम्पादन कार्य…

रामानन्द चैटर्जी पत्रकारिता जगत के पुरोगामी शख्सियत थे यानी भारतीय पत्रकारिता के जनक। उन्होंने प्रवासी, बंगाल भाषा, ‘मॉडर्न रिव्यू’ अंग्रेज़ी में तथा ‘विशाल भारत’ जैसी पत्रिकाएँ निकालीं। रामानंद चटर्जी ने प्रसिद्ध भारतीय मासिक पत्र ‘मॉडर्न रिव्यु’ का दिसंबर १९०६ में प्रकाशन आरंभ किया। वर्ष १९०१ ई. में उन्होंने बांग्ला भाषा के पत्र ‘प्रवासी’ का संपादन किया। विद्यार्थी जीवन में ही उन्होंने ‘द इंडियन मैसेंजर’ के संपादन का काम अपने हाथ में ले लिया था और बांग्ला पत्र ‘संजीवनी’ में नियमित रूप से लिखा करते थे। उनका ‘देशाश्रय’ नाम के सामाजिक संगठन से संपर्क हुआ तो उसकी मुखपत्र ‘दासी’ का सम्पादन भी उन्होंने ही किया। उन्होंने बच्चों की पत्रिका ‘मुकुल’ और साहित्यिक पत्रिका ‘प्रदीप’ के संपादन में भी सहयोग दिया। इनके माध्यम से ही रामानंद का रबींद्रनाथ टैगोर से परिचय हुआ था। शीघ्र ही यह ‘प्रवासी’ नामक पत्रिका बंगला भाषा-भाषियों की अत्यंत प्रिय पत्रिका बन गई। यह अपने समय का अत्यंत प्रसिद्ध पत्र बन गया। उच्च कोटि के लेखक‍ इसमें अपनी रचनाएं भेजते थे। इसकी संपादकीय टिप्पणियां ज्ञानवर्धक और प्रेरक होती थीं।

प्रधानाचार्य…

कुछ समय बाद रामानन्द चैटर्जी की कायस्थ पाठशाला, इलाहाबाद के प्रधानाचार्य के पद पर नियुक्ति हुई और वे कोलकाता से इलाहाबाद आ गए। इसी बीच जातीय भेदभाव के कारण उन्हें कायस्थ पाठशाला से त्यागपत्र देना पड़ा।

विदेश यात्रा…

रामानन्द चैटर्जी कुछ वर्ष बाद हिंदू महासभा के अध्यक्ष बने। पत्रकार के रूप में उनकी ख्याति के कारण राष्ट्र संघ ने अपनी कार्रवाई स्वयं देखने के लिए उन्हें जिनेवा आमंत्रित किया था। तभी उन्होंने यूरोप के विभिन्न देशों का भी भ्रमण किया। उन्हें रूस से भी निमंत्रण मिला था, पर वहां अभिव्यक्ति पर प्रतिबंधों को देखते हुए उन्होंने उसे स्वीकार नहीं किया। वे ‘प्रवासी बंग साहित्य सम्मेलन’ के संस्थापकों में से थे और उसके अध्यक्ष भी रहे।

कांग्रेस समर्थक…

रामानन्द भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रबल समर्थक थे। कुछ वर्षों के पश्चात् उन्होंने कांग्रेस राष्ट्रवादी पार्टी और हिन्दू सभा का सहयोग दिया। रामानन्द सम्पादकीय विचार की स्वाधीनता के प्रबल समर्थक थे।

मृत्यु…

रामानन्द चैटर्जी का निधन कोलकाता में ३० सितंबर, १९४३ को हो गया।

अश्विनी राय
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माताजी :- श्रीमती इंदु राय पिताजी :- श्री गिरिजा राय पता :- ग्राम - मांगोडेहरी, डाक- खीरी, जिला - बक्सर (बिहार) पिन - ८०२१२८ शिक्षा :- वाणिज्य स्नातक, एम.ए. संप्रत्ति :- किसान, लेखक पुस्तकें :- १. एकल प्रकाशित पुस्तक... बिहार - एक आईने की नजर से प्रकाशन के इंतजार में... ये उन दिनों की बात है, आर्यन, राम मंदिर, आपातकाल, जीवननामा - 12 खंड, दक्षिण भारत की यात्रा, महाभारत- वैज्ञानिक शोध, आदि। २. प्रकाशित साझा संग्रह... पेनिंग थॉट्स, अंजुली रंग भरी, ब्लौस्सौम ऑफ वर्ड्स, उजेस, हिन्दी साहित्य और राष्ट्रवाद, गंगा गीत माला (भोजपुरी), राम कथा के विविध आयाम, अलविदा कोरोना, एकाक्ष आदि। साथ ही पत्र पत्रिकाओं, ब्लॉग आदि में लिखना। सम्मान/पुरस्कार :- १. सितम्बर, २०१८ में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा विश्व भर के विद्वतजनों के साथ तीन दिनों तक चलने वाले साहित्योत्त्सव में सम्मान। २. २५ नवम्बर २०१८ को The Indian Awaz 100 inspiring authors of India की तरफ से सम्मानित। ३. २६ जनवरी, २०१९ को The Sprit Mania के द्वारा सम्मानित। ४. ०३ फरवरी, २०१९, Literoma Publishing Services की तरफ से हिन्दी के विकास के लिए सम्मानित। ५. १८ फरवरी २०१९, भोजपुरी विकास न्यास द्वारा सम्मानित। ६. ३१ मार्च, २०१९, स्वामी विवेकानन्द एक्सिलेन्सि अवार्ड (खेल एवं युवा मंत्रालय भारत सरकार), कोलकाता। ७. २३ नवंबर, २०१९ को अयोध्या शोध संस्थान, संस्कृति विभाग, अयोध्या, उत्तरप्रदेश एवं साहित्य संचय फाउंडेशन, दिल्ली के साझा आयोजन में सम्मानित। ८. The Spirit Mania द्वारा TSM POPULAR AUTHOR AWARD 2K19 के लिए सम्मानित। ९. २२ दिसंबर, २०१९ को बक्सर हिन्दी साहित्य सम्मेलन, बक्सर द्वारा सम्मानित। १०. अक्टूबर, २०२० में श्री नर्मदा प्रकाशन द्वारा काव्य शिरोमणि सम्मान। आदि। हिन्दी एवं भोजपुरी भाषा के प्रति समर्पित कार्यों के लिए छोटे बड़े विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा सम्मानित। संस्थाओं से जुड़ाव :- १. जिला अर्थ मंत्री, बक्सर हिंदी साहित्य सम्मेलन, बक्सर बिहार। बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन, पटना से सम्बद्ध। २. राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सह न्यासी, भोजपुरी विकास न्यास, बक्सर। ३. जिला कमिटी सदस्य, बक्सर। भोजपुरी साहित्य विकास मंच, कलकत्ता। ४. सदस्य, राष्ट्रवादी लेखक संघ ५. जिला महामंत्री, बक्सर। अखिल भारतीय साहित्य परिषद। ६. सदस्य, राष्ट्रीय संचार माध्यम परिषद। ईमेल :- ashwinirai1980@gmail.com ब्लॉग :- shoot2pen.in

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