निर्मला

मुंशी प्रेमचंद जी के लघु उपन्यास ’निर्मला’ में दहेज जैसी कुरितियो से होने वाली समस्याओं के विषय को उठाया गया है, और यह समस्या आज भी बदस्तूर जारी है। इसी वजह से इस उपन्यास प्रासंगिकता इतने वर्षो के बाद भी कम नहीं हुई है। इस लघु उपन्यास में प्रेमचंद जी ने बेमेल विवाह तथा दहेज के दुष्परिणामों का बड़ा ही मार्मिक चित्रण किया है। ’निर्मला’ उपन्यास में दहेज रूपी दानव जिसने घरों के घर बर्बाद कर दिये, के संबंध में बड़ा ही दुखद वर्णन कर इसे आम पाठकों के बीच पहुंचाया है। आम पाठकों से संबंधित समस्या होने के कारण पाठकों के बीच यह उपन्यास बेहद लोकप्रिय बन गया तथा हिन्दी पाठकों ने भी इसका खुले दिल से स्वागत किया। चूंकि इस उपन्यास की कथावस्तु दहेज की व्यवस्था न हो पाने के कारण ज़िदंगी भर घर गृहस्थी में पिसती एक आम महिला की ज़िदंगी की त्रासद कहानी थी, इस कारण महिलाओ ने इस उपन्यास को बेहद पसंद किया। इस उपन्यास की कथावस्तु के संबंध में कतिपय विद्वानों ने अपने-अपने विचार व्यक्त किये हैं जिन्हें पाठकों के समक्ष रखा जाना आवश्यक है।

(1) ’’यह उपन्यास दहेज और अनमेल विवाह की समस्या को लेकर लिखा गया है…..अनमेल विवाह, व्यर्थ आशंका और ननद-भावज के झगड़ों के कारण एक सुखी गृहस्थी को कलह का अखाड़ा बनते दिखाया गया है। कलह इतना बढ़ता है कि घर उजड़ जाता है।” जो कि आज की भी समस्या है।

(2) ’’और इसमें शक नहीं कि औरत की ज़िन्दगी का दर्द जिस तरह इस किताब में निचुड़ कर आ गया है वैसा मुंशी जी की और किसी किताब में मुमकिन न हुआ, न आगे न पीछे। समाज के ज़ालिम ढकोसले, लेन-देन की नहूसते, बेवा की बेचारगी और निपट अकेलापन, अनमेल ब्याह की गुत्थियां दर गुत्थियां सब कुछ जैसे जाग पड़ा, बोल उठा इस किताब में ।’’ क्या यह परेशानी आज की महिलाओं के साथ नहीं है?

(3) ’’इसमें वृद्ध विवाह, अनमेल विवाह तथा दहेज के दुष्परिणामों का मनोवैज्ञानिक रूप में चित्रण हुआ है ।’’ क्या आज मजबूरी का फायदा नहीं उठाया जाता है?

(4) ’’इस उपन्यास में लड़कियों के विवाह की समस्या को लिया गया है।’’ जो आज भी बदस्तूर जारी है।

अश्विनी रायhttp://shoot2pen.in
माताजी :- श्रीमती इंदु राय पिताजी :- श्री गिरिजा राय पता :- ग्राम - मांगोडेहरी, डाक- खीरी, जिला - बक्सर (बिहार) पिन - ८०२१२८ शिक्षा :- वाणिज्य स्नातक, एम.ए. संप्रत्ति :- किसान, लेखक पुस्तकें :- १. एकल प्रकाशित पुस्तक... बिहार - एक आईने की नजर से प्रकाशन के इंतजार में... ये उन दिनों की बात है, आर्यन, राम मंदिर, आपातकाल, जीवननामा - 12 खंड, दक्षिण भारत की यात्रा, महाभारत- वैज्ञानिक शोध, आदि। २. प्रकाशित साझा संग्रह... पेनिंग थॉट्स, अंजुली रंग भरी, ब्लौस्सौम ऑफ वर्ड्स, उजेस, हिन्दी साहित्य और राष्ट्रवाद, गंगा गीत माला (भोजपुरी), राम कथा के विविध आयाम, अलविदा कोरोना, एकाक्ष आदि। साथ ही पत्र पत्रिकाओं, ब्लॉग आदि में लिखना। सम्मान/पुरस्कार :- १. सितम्बर, २०१८ में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा विश्व भर के विद्वतजनों के साथ तीन दिनों तक चलने वाले साहित्योत्त्सव में सम्मान। २. २५ नवम्बर २०१८ को The Indian Awaz 100 inspiring authors of India की तरफ से सम्मानित। ३. २६ जनवरी, २०१९ को The Sprit Mania के द्वारा सम्मानित। ४. ०३ फरवरी, २०१९, Literoma Publishing Services की तरफ से हिन्दी के विकास के लिए सम्मानित। ५. १८ फरवरी २०१९, भोजपुरी विकास न्यास द्वारा सम्मानित। ६. ३१ मार्च, २०१९, स्वामी विवेकानन्द एक्सिलेन्सि अवार्ड (खेल एवं युवा मंत्रालय भारत सरकार), कोलकाता। ७. २३ नवंबर, २०१९ को अयोध्या शोध संस्थान, संस्कृति विभाग, अयोध्या, उत्तरप्रदेश एवं साहित्य संचय फाउंडेशन, दिल्ली के साझा आयोजन में सम्मानित। ८. The Spirit Mania द्वारा TSM POPULAR AUTHOR AWARD 2K19 के लिए सम्मानित। ९. २२ दिसंबर, २०१९ को बक्सर हिन्दी साहित्य सम्मेलन, बक्सर द्वारा सम्मानित। १०. अक्टूबर, २०२० में श्री नर्मदा प्रकाशन द्वारा काव्य शिरोमणि सम्मान। आदि। हिन्दी एवं भोजपुरी भाषा के प्रति समर्पित कार्यों के लिए छोटे बड़े विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा सम्मानित। संस्थाओं से जुड़ाव :- १. जिला अर्थ मंत्री, बक्सर हिंदी साहित्य सम्मेलन, बक्सर बिहार। बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन, पटना से सम्बद्ध। २. राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सह न्यासी, भोजपुरी विकास न्यास, बक्सर। ३. जिला कमिटी सदस्य, बक्सर। भोजपुरी साहित्य विकास मंच, कलकत्ता। ४. सदस्य, राष्ट्रवादी लेखक संघ ५. जिला महामंत्री, बक्सर। अखिल भारतीय साहित्य परिषद। ६. सदस्य, राष्ट्रीय संचार माध्यम परिषद। ईमेल :- ashwinirai1980@gmail.com ब्लॉग :- shoot2pen.in

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