पंडित लक्ष्मीनारायण मिश्र

एकांकी की अगर हम बात करें तो, इसे हम तीन युगों में बांट सकते हैं, भारतेंदु युग, द्विवेदी युग और आधुनिक युग। वैसे तो हम आधुनिक युग को जयशंकर प्रसाद जी का युग भी कह सकते हैं। आधुनिक युग के प्रमुख स्तंभ की अगर बात की जाए तो, डॉ॰ रामकुमार वर्मा, लक्ष्मीनारायण लाल, उदयशंकर भट्ट, तथा उपेन्द्र नाथ अश्क प्रमुख एकांकीकारों में गिने जाते हैं। परन्तु पंडित लक्ष्मीनारायण मिश्र जी का स्वर इन सबसे अलग है। हिन्दी के एकांकीकारों में उनका स्थान विशेष है।

परिचय…

पंडित लक्ष्मीनारायण मिश्र का जन्म उत्तरप्रदेश के आजमगढ़ जिले के बस्ती क्षेेत्र में हुआ था। उन्होंने वर्ष १९२८ में अपनी बी.ए. की परीक्षा ‘केंद्रीय हिन्दू कॉलेज’, काशी से उत्तीर्ण की थी।

साहित्य…

१८ वर्ष की अवस्था से ही लक्ष्मी नारायण मिश्र जी का झुकाव साहित्य सृजन की ओर हुआ। उनकी वर्ष १९२१·२२ में प्रकाशित ‘अंतर्जगत्’ नामक काव्य रचना उसी समय की है। इसके उपरांत ही उनकी नाटकीय प्रतिभा का उदय प्रारम्भ हुआ और ‘अशोक’ उनका पहला नाटक था।

नाट्य साहित्य : इनके समस्त नाट्य साहित्य के दो वर्ग में बांट कर हम देख सकते हैं।

१. सांस्कृतिक अथवा ऐतिहासिक
२. सामाजिक

आधारभूत सत्य की दृष्टि से लक्ष्मीनारायण मिश्र के समूचे नाट्य-साहित्य में भारतीय संस्कृति के आदर्शों और मान्यताओं का प्रभाव है। सब नाटकों की शिल्पविधि और रूपगठन आधुनिक (पाश्चात्य) है, पर नाटक अपनी आंतरिक प्रकृति में प्राय: भारतीय हैं; किंतु उस अर्थ में प्राचीन भारतीय और पाश्चात्य नाट्य-तत्त्वों का समंवय नहीं, जैसा कि जयशंकर प्रसाद के नाटकों में है। दूसरे ही स्तर पर मिश्रजी के नाटक अपने बहिरंग में आधुनिक पाश्चात्य नाट्य-शिल्प के अनुरूप हैं और आंतरिकता में विशुद्ध भारतीय हैं। यह सत्य वस्तुत: दृष्टिकोण और भावधारा के स्तर पर प्रतिष्ठित है। जहाँ एक शिल्प गठन का प्रश्न है, आपके नाटकों का विकास और निर्माण गीतों, स्वगत कथनों और भावुकतापूर्ण कवित्व वर्णनों के माध्यम से न होकर, बिल्कुल नये ढंग से होता है। ऐतिहासिक नाटकों में निश्चय ही तात्त्विक विवेचनों और सैद्धांतिक विचार विनिमय के गहन तत्त्व हैं। मिश्र जी ने इब्सन के दो प्रसिद्ध नाटक ‘पिलर ऑफ़ द सोसाइटी’ और ‘डाल्स हाउस’ का अनुवाद क्रमश: ‘समाज के स्तम्भ’ और ‘गुड़िया का घर’ नाम से किया है।

कृतियाँ…

मिश्र जी लगभग २५ नाटकों और १०० एकांकियो का सृजन किया है। अशोक वन, प्रलय के मंच पर, कावेरी में कमल, बलहीन, नारी का रंग, स्वर्ग से विप्लव, भगवान मनु आदि उनके प्रख्यात एकांकी संग्रह हैं। उन पर पाश्चात्य नाटककार इन्सन, शा, मैटरलिंक आदि का खासा प्रभाव था। लेकिन फिर भी उनके एकांकियों में भारत की आत्मा बसती थी।

(क) नाटक :

१. अशोक (१९२६)
२. संन्यासी (१९३०)
३. राक्षस का मन्दिर (१९३१)
४. मुक्तिका रहस्य (१९३२)
५. राजयोग और सिन्दूर की होली (१९३३)
६. आधी रात (१९३६)
७. गरुड़ध्वज (१९४५)
८. नारद की वीणा (१९४६)
९. वत्सराज और दशाश्वमेध (१९५०)
१०. वितस्ता की लहरें (१९५३)
११. चक्रव्युह (१९५५)
१२. समाज के स्तम्भ
१३. गुड़िया का घर

(ख) अन्य रचनाएँ :

१. अन्तर्जगत् (कविता संग्रह,१९२४)
२. अशोक वन (एकांकी संग्रह,१९५०)

अश्विनी रायhttp://shoot2pen.in
माताजी :- श्रीमती इंदु राय पिताजी :- श्री गिरिजा राय पता :- ग्राम - मांगोडेहरी, डाक- खीरी, जिला - बक्सर (बिहार) पिन - ८०२१२८ शिक्षा :- वाणिज्य स्नातक, एम.ए. संप्रत्ति :- किसान, लेखक पुस्तकें :- १. एकल प्रकाशित पुस्तक... बिहार - एक आईने की नजर से प्रकाशन के इंतजार में... ये उन दिनों की बात है, आर्यन, राम मंदिर, आपातकाल, जीवननामा - 12 खंड, दक्षिण भारत की यात्रा, महाभारत- वैज्ञानिक शोध, आदि। २. प्रकाशित साझा संग्रह... पेनिंग थॉट्स, अंजुली रंग भरी, ब्लौस्सौम ऑफ वर्ड्स, उजेस, हिन्दी साहित्य और राष्ट्रवाद, गंगा गीत माला (भोजपुरी), राम कथा के विविध आयाम, अलविदा कोरोना, एकाक्ष आदि। साथ ही पत्र पत्रिकाओं, ब्लॉग आदि में लिखना। सम्मान/पुरस्कार :- १. सितम्बर, २०१८ में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा विश्व भर के विद्वतजनों के साथ तीन दिनों तक चलने वाले साहित्योत्त्सव में सम्मान। २. २५ नवम्बर २०१८ को The Indian Awaz 100 inspiring authors of India की तरफ से सम्मानित। ३. २६ जनवरी, २०१९ को The Sprit Mania के द्वारा सम्मानित। ४. ०३ फरवरी, २०१९, Literoma Publishing Services की तरफ से हिन्दी के विकास के लिए सम्मानित। ५. १८ फरवरी २०१९, भोजपुरी विकास न्यास द्वारा सम्मानित। ६. ३१ मार्च, २०१९, स्वामी विवेकानन्द एक्सिलेन्सि अवार्ड (खेल एवं युवा मंत्रालय भारत सरकार), कोलकाता। ७. २३ नवंबर, २०१९ को अयोध्या शोध संस्थान, संस्कृति विभाग, अयोध्या, उत्तरप्रदेश एवं साहित्य संचय फाउंडेशन, दिल्ली के साझा आयोजन में सम्मानित। ८. The Spirit Mania द्वारा TSM POPULAR AUTHOR AWARD 2K19 के लिए सम्मानित। ९. २२ दिसंबर, २०१९ को बक्सर हिन्दी साहित्य सम्मेलन, बक्सर द्वारा सम्मानित। १०. अक्टूबर, २०२० में श्री नर्मदा प्रकाशन द्वारा काव्य शिरोमणि सम्मान। आदि। हिन्दी एवं भोजपुरी भाषा के प्रति समर्पित कार्यों के लिए छोटे बड़े विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा सम्मानित। संस्थाओं से जुड़ाव :- १. जिला अर्थ मंत्री, बक्सर हिंदी साहित्य सम्मेलन, बक्सर बिहार। बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन, पटना से सम्बद्ध। २. राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सह न्यासी, भोजपुरी विकास न्यास, बक्सर। ३. जिला कमिटी सदस्य, बक्सर। भोजपुरी साहित्य विकास मंच, कलकत्ता। ४. सदस्य, राष्ट्रवादी लेखक संघ ५. जिला महामंत्री, बक्सर। अखिल भारतीय साहित्य परिषद। ६. सदस्य, राष्ट्रीय संचार माध्यम परिषद। ईमेल :- ashwinirai1980@gmail.com ब्लॉग :- shoot2pen.in

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