गिरिधर शर्मा चतुर्वेदी

भारतीय वैदिक तथा शास्त्रीय परम्पराओं के महत्त्व पर विचार के साथ ही उनका वैज्ञानिक एवं दार्शनिक विवेचन एवं विश्लेषण प्रस्तुत करने वाले एवम भारत सरकार की संविधान संस्कृतानुवाद समिति के सदस्य तथा हिन्दी साहित्य सम्मेलन के दर्शन-परिषद के सभापति रहे श्री गिरिधर शर्मा चतुर्वेदी जी के विषय में हम आज विस्तार पूर्वक चर्चा करेंगे।

परिचय…

श्री गिरिधर शर्मा चतुर्वेदी जी का जन्म २९ दिसम्बर, १८८१ को राजस्थान के जयपुर में हुआ था। शर्मा जी पंजाब विश्वविद्यालय में शिक्षा-शास्त्री, जयपुर विश्वविद्यालय में व्याकरणाचार्य तथा काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के वाचस्पति थे।

शिक्षण कार्य…

गिरिधर शर्मा वर्ष १९०८ से वर्ष १९१७ तक हरिद्वार के ऋषिकुल ब्रह्मचर्याश्रम में आचार्य थे। फिर उन्होंने वर्ष १९१८ से वर्ष १९२४ तक लाहौर के गिरिधर सनातन धर्म संस्कृत कालेज के आचार्य का पद ग्रहण किया। वर्ष १९२५ से १९४४ तक जयपुर के महाराजा संस्कृत कालेज में दर्शनशास्त्र के प्राध्यापक पद पर रहे। उसी दौरान और उससे पूर्व यानी वर्ष १९४० से १९५४ तक काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में संस्कृत अध्ययन एवं अनुशीलन मण्डल के अध्यक्ष के पद पर कार्यरत रहे। वर्ष १९६० से वाराणसेय संस्कृत विश्वविद्यालय के सम्मानित प्राध्यापक का पद ग्रहण किया। तत्पश्चात वर्ष १९५१·५२ में भारत सरकार की संविधान संस्कृतानुवाद समिति के सदस्य रहे। पूर्व में यानी वर्ष १९३० और १९४० में हिन्दी साहित्य सम्मेलन के दर्शन-परिषद के सभापति के पद पर भी कार्यरत रहे थे।

सम्मान…

१. शर्मा जी को हिन्दी साहित्य सम्मेलन द्वारा साहित्यवाचस्पति सम्मान दिया गया।
२. भारत सरकार द्बारा महामहोपाध्याय की उपाधि से विभूषित किया गया।
३. राष्ट्रपति द्वारा विशेष सम्मान से सम्मानित किया गया।

रचना…

शर्मा जी वेद, दर्शन तथा संस्कृत साहित्य के प्रकाण्ड पण्डित, महान् व्याख्याता, समर्थ लेखक तथा अनेकानेक पत्र-पत्रिकाओं के सम्पादक थे। उन्होंने बहुत से महत्त्वपूर्ण ग्रंथों का सम्पादन किया। उनकी संस्कृत तथा हिन्दी की कृतियाँ इस प्रकार हैं…

१. महाकाव्य संग्रह
२. महर्षि कुलवैभव
३. ब्रह्म सिद्धांत
४. प्रमेयपारिजात
५. चातुर्वर्ण्य
६. पाणिनीय परिचय
७. स्मृति विरोध परिहार
८. गीता व्याख्यान
९. वेद विज्ञान विन्दु
१०. वैदिक विज्ञान
११. भारतीय संस्कृति
१२. पुराण पारिजात
१३. गीता व्याख्यान

प्रतिष्ठित लेख…

शर्मा जी की ‘वैदिक विज्ञान’ और ‘भारतीय संस्कृति’ पुस्तक उत्तर प्रदेश और राजस्थान सरकारों द्वारा पुरस्कृत हुई है। वर्ष १९६२ में इनकी यह पुस्तक साहित्य अकादमी द्वारा भी पुरस्कृत हुई। इस पुस्तक का अंग्रेज़ी अनुवाद भी हो रहा था। वर्तमान युग की बहुमुखी जिज्ञासुओं तथा प्रवृत्तियों के सन्दर्भ में यह ग्रंथ बहुत ही महत्त्वपूर्ण है। महामहोपाध्याय पण्डित गिरिघर शर्मा चतुर्वेदी जी के उपर्युक्त १३ ग्रंथों के अतिरिक्त ७० छोटे-बड़े उल्लेखनीय निबन्ध प्रकाशित हैं। इनमें १८ संस्कृत के थे और शेष हिन्दी के थे। इनमें भारतीय वैदिक तथा शास्त्रीय परम्पराओं के महत्त्व पर विचार के साथ ही उनका वैज्ञानिक एवं दार्शनिक विवेचन एवं विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है।

अश्विनी राय
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माताजी :- श्रीमती इंदु राय पिताजी :- श्री गिरिजा राय पता :- ग्राम - मांगोडेहरी, डाक- खीरी, जिला - बक्सर (बिहार) पिन - ८०२१२८ शिक्षा :- वाणिज्य स्नातक, एम.ए. संप्रत्ति :- किसान, लेखक पुस्तकें :- १. एकल प्रकाशित पुस्तक... बिहार - एक आईने की नजर से प्रकाशन के इंतजार में... ये उन दिनों की बात है, आर्यन, राम मंदिर, आपातकाल, जीवननामा - 12 खंड, दक्षिण भारत की यात्रा, महाभारत- वैज्ञानिक शोध, आदि। २. प्रकाशित साझा संग्रह... पेनिंग थॉट्स, अंजुली रंग भरी, ब्लौस्सौम ऑफ वर्ड्स, उजेस, हिन्दी साहित्य और राष्ट्रवाद, गंगा गीत माला (भोजपुरी), राम कथा के विविध आयाम, अलविदा कोरोना, एकाक्ष आदि। साथ ही पत्र पत्रिकाओं, ब्लॉग आदि में लिखना। सम्मान/पुरस्कार :- १. सितम्बर, २०१८ में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा विश्व भर के विद्वतजनों के साथ तीन दिनों तक चलने वाले साहित्योत्त्सव में सम्मान। २. २५ नवम्बर २०१८ को The Indian Awaz 100 inspiring authors of India की तरफ से सम्मानित। ३. २६ जनवरी, २०१९ को The Sprit Mania के द्वारा सम्मानित। ४. ०३ फरवरी, २०१९, Literoma Publishing Services की तरफ से हिन्दी के विकास के लिए सम्मानित। ५. १८ फरवरी २०१९, भोजपुरी विकास न्यास द्वारा सम्मानित। ६. ३१ मार्च, २०१९, स्वामी विवेकानन्द एक्सिलेन्सि अवार्ड (खेल एवं युवा मंत्रालय भारत सरकार), कोलकाता। ७. २३ नवंबर, २०१९ को अयोध्या शोध संस्थान, संस्कृति विभाग, अयोध्या, उत्तरप्रदेश एवं साहित्य संचय फाउंडेशन, दिल्ली के साझा आयोजन में सम्मानित। ८. The Spirit Mania द्वारा TSM POPULAR AUTHOR AWARD 2K19 के लिए सम्मानित। ९. २२ दिसंबर, २०१९ को बक्सर हिन्दी साहित्य सम्मेलन, बक्सर द्वारा सम्मानित। १०. अक्टूबर, २०२० में श्री नर्मदा प्रकाशन द्वारा काव्य शिरोमणि सम्मान। आदि। हिन्दी एवं भोजपुरी भाषा के प्रति समर्पित कार्यों के लिए छोटे बड़े विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा सम्मानित। संस्थाओं से जुड़ाव :- १. जिला अर्थ मंत्री, बक्सर हिंदी साहित्य सम्मेलन, बक्सर बिहार। बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन, पटना से सम्बद्ध। २. राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सह न्यासी, भोजपुरी विकास न्यास, बक्सर। ३. जिला कमिटी सदस्य, बक्सर। भोजपुरी साहित्य विकास मंच, कलकत्ता। ४. सदस्य, राष्ट्रवादी लेखक संघ ५. जिला महामंत्री, बक्सर। अखिल भारतीय साहित्य परिषद। ६. सदस्य, राष्ट्रीय संचार माध्यम परिषद। ईमेल :- ashwinirai1980@gmail.com ब्लॉग :- shoot2pen.in

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