छत्रपति शाहूजी महाराज

छत्रपति शाहूजी महाराज का जन्म १८ मई, १६८२ को मानगांव (महाराष्ट्र) के गंगावाली किले में छत्रपति संभाजी महाराज तथा माता येसूबाई के यहां हुआ था। शाहू जी जब ७ वर्ष के थे तब यानी वर्ष १६८९ को संभाजी महाराज की हत्या हो गई। मुगलों ने संभाजी के शरीर को बड़ी ही बेरहमी से काटकर नदी में फेंक दिया और शाहू जी तथा उसकी माता येसूबाई को मुगलों ने बंदी बनाकर जेल में डाल दिया।

वर्ष १७०७ में जब औरंगजेब की मृत्यु हो गई, तब शाहू महाराज को रिहा कर दिया गया परंतु उसकी माता येसुबाई को अभी भी बंदी बनाकर रखा गया ताकि शाहू महाराज मुगलों के विरुद्ध विद्रोह खड़ा ना कर सके। वर्ष १७१९ को जब शाहू जी को शासन करते हुए १२ वर्ष हो गए, तब जाकर उनकी माता येसूबाई को भी रिहा कर दिया गया।

शासन पर अधिकार…

शाहू जी महाराज जब रिहा होकर वापस आए, उस समय मराठा साम्राज्य का शासन पर शिवाजी द्वितीय का अधिकार था, जिसे महारानी ताराबाई चलाती थी। शाहू जी को उत्तराधिकार के लिए महारानी ताराबाई के साथ युद्ध करना पड़ा। महारानी ताराबाई राजाराम प्रथम की पत्नी थी और राजाराम प्रथम छत्रपति शिवाजी महाराज के छोटे पुत्र थे यानि की शाहू जी के चाचा थे। वर्ष १७०७ में बालक शिवाजी द्वितीय को शासन से हटाने के बाद शाहू जी महाराज मराठा साम्राज्य के शासक बने।

परिवार व व्यक्तिगत जीवन…

शाहू जी महाराज की चार पत्नियां थीं, जिनसे उन्हें दो पुत्र तथा चार पुत्रियां थीं। शाहू जी महाराज के पुत्र संभाजी राजे द्वितीय थे। इतना ही नहीं शाहू जी महाराज ने पार्वती बाई नामक एक कन्या को गोद भी लिया था। जब वह १५ वर्ष की हुई तब उन्होंने उसका विवाह श्रीमंत सदाशिव राव भाऊ से करवाया था। उसका विवाह तथा रहन-सहन का खर्चा भी शाहू ने उठाया था। इसके अलावा शाहू जी ने फतेहसिंह प्रथम तथा रामराज को भी गोद लिया। शाहू जी की मृत्यु के बाद उसका गोद लिया हुआ पुत्र रामराज मराठा साम्राज्य की राजगद्दी पर बैठा।

उनके दूसरे दत्तक पुत्र फतेहसिंह प्रथम मेहरबान सयाजी लोखंडे के पुत्र थे जो पारूद के पाटिल थे। फतेह सिंह को गोद लेने से पहले उसका नाम रानूजी लोखंडे था। बाद में सब लोग उन्हें फतेहसिंह‌ राजे साहिब भोंसले के नाम से पुकारने लगे। फतेहसिंह को गोद लेने के बाद उन्हें अक्कलकोट शहर तथा उसके आसपास के क्षेत्र दे दिए।

शासन…

शाहू जी महाराज ने १२ जनवरी, १७०७ को मराठा साम्राज्य की बागडोर संभाली और उसी समय उन्होंने बालाजी विश्वनाथ को अपना पेशवा नियुक्त किया। बालाजी विश्वनाथ एक वफादार तथा समझदार पेशवा थे और वह अपनी मृत्यु दम तक शाहू के साथ ही रहे। विश्वनाथ की मृत्यु के बाद उनके पुत्र बाजीराव प्रथम ने पेशवा का पद संभाला। बाजीराव एक बहुत ही महान योद्धा साबित हुए। पेशवा बाजीराव प्रथम ने शिंदे, होलकर, गायकवाड, पवार तथा नागपुर के भोंसले इत्यादि के साथ अच्छे संबंध बनाकर मराठा साम्राज्य को उत्तरी भारत तथा लगभग हर दिशा में विस्तारित किया।

शाहू जी महाराज की मृत्यु…

१५ दिसंबर, १७४९ को ६७ वर्ष की आयु में छत्रपति शाहू जी महाराज की मृत्यु सतारा जिले के रंगमहल में हो गया। शाहू जी ने लगभग ४२ वर्षों तक दक्षिणी भारत के मराठा साम्राज्य पर शासन किया।

अंत में…

छत्रपति महाराज की मृत्यु के पश्चात, उनका गोद लिया हुआ पुत्र रामराज ने स्वयं को उत्तराधिकारी घोषित किया। क्योंकि वह मानता था कि उसकी दादी ताराबाई है जो शाहूजी की चाची थी। परंतु राज्य की वास्तविक शक्तियां एक बार पुनः ताराबाई के पास आ गई।

 

छत्रपति रामराज (छत्रपति राजाराम और महाराणी ताराबाई का पौत्र)

अश्विनी रायhttp://shoot2pen.in
माताजी :- श्रीमती इंदु राय पिताजी :- श्री गिरिजा राय पता :- ग्राम - मांगोडेहरी, डाक- खीरी, जिला - बक्सर (बिहार) पिन - ८०२१२८ शिक्षा :- वाणिज्य स्नातक, एम.ए. संप्रत्ति :- किसान, लेखक पुस्तकें :- १. एकल प्रकाशित पुस्तक... बिहार - एक आईने की नजर से प्रकाशन के इंतजार में... ये उन दिनों की बात है, आर्यन, राम मंदिर, आपातकाल, जीवननामा - 12 खंड, दक्षिण भारत की यात्रा, महाभारत- वैज्ञानिक शोध, आदि। २. प्रकाशित साझा संग्रह... पेनिंग थॉट्स, अंजुली रंग भरी, ब्लौस्सौम ऑफ वर्ड्स, उजेस, हिन्दी साहित्य और राष्ट्रवाद, गंगा गीत माला (भोजपुरी), राम कथा के विविध आयाम, अलविदा कोरोना, एकाक्ष आदि। साथ ही पत्र पत्रिकाओं, ब्लॉग आदि में लिखना। सम्मान/पुरस्कार :- १. सितम्बर, २०१८ में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा विश्व भर के विद्वतजनों के साथ तीन दिनों तक चलने वाले साहित्योत्त्सव में सम्मान। २. २५ नवम्बर २०१८ को The Indian Awaz 100 inspiring authors of India की तरफ से सम्मानित। ३. २६ जनवरी, २०१९ को The Sprit Mania के द्वारा सम्मानित। ४. ०३ फरवरी, २०१९, Literoma Publishing Services की तरफ से हिन्दी के विकास के लिए सम्मानित। ५. १८ फरवरी २०१९, भोजपुरी विकास न्यास द्वारा सम्मानित। ६. ३१ मार्च, २०१९, स्वामी विवेकानन्द एक्सिलेन्सि अवार्ड (खेल एवं युवा मंत्रालय भारत सरकार), कोलकाता। ७. २३ नवंबर, २०१९ को अयोध्या शोध संस्थान, संस्कृति विभाग, अयोध्या, उत्तरप्रदेश एवं साहित्य संचय फाउंडेशन, दिल्ली के साझा आयोजन में सम्मानित। ८. The Spirit Mania द्वारा TSM POPULAR AUTHOR AWARD 2K19 के लिए सम्मानित। ९. २२ दिसंबर, २०१९ को बक्सर हिन्दी साहित्य सम्मेलन, बक्सर द्वारा सम्मानित। १०. अक्टूबर, २०२० में श्री नर्मदा प्रकाशन द्वारा काव्य शिरोमणि सम्मान। आदि। हिन्दी एवं भोजपुरी भाषा के प्रति समर्पित कार्यों के लिए छोटे बड़े विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा सम्मानित। संस्थाओं से जुड़ाव :- १. जिला अर्थ मंत्री, बक्सर हिंदी साहित्य सम्मेलन, बक्सर बिहार। बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन, पटना से सम्बद्ध। २. राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सह न्यासी, भोजपुरी विकास न्यास, बक्सर। ३. जिला कमिटी सदस्य, बक्सर। भोजपुरी साहित्य विकास मंच, कलकत्ता। ४. सदस्य, राष्ट्रवादी लेखक संघ ५. जिला महामंत्री, बक्सर। अखिल भारतीय साहित्य परिषद। ६. सदस्य, राष्ट्रीय संचार माध्यम परिषद। ईमेल :- ashwinirai1980@gmail.com ब्लॉग :- shoot2pen.in

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