माधवराव नारायण उर्फ माधवराव द्वितीय

माधवराव नारायण उर्फ माधवराव द्वितीय का जन्म उनके पिता पेशवा नारायणराव की मृत्यु के बाद उसकी विधवा गंगाबाई के गर्भ से १८ अप्रैल, १७७४ को हुआ था। माधवराव अभी मात्र दस दिन के थे, तब यानी २८ मई, १७७४ को ‘माधवराव नारायण’ के नाम से मराठा साम्राज्य का पेशवा बनाया गया।

पेशवाई…

पेशवा बनाये जाते समय माधवराव मात्र दस दिन के शिशु थे अतः शासन कार्य चलाने के लिए एक समिति नियुक्त कर दी गई और नाना फड़नवीस इस समिति का प्रधान नियुक्त हुए। इस समिति में कुल १२ सदस्य थे, इसीलिए समिति को ‘बारभाई’ के नाम से जाना जाता था।

षडयंत्र…

रघुनाथ राव उर्फ पूर्व की भांति पेशवा बनने के लिए षड़यंत्र करने लगा। राघोवा ने ईस्ट इण्डिया कम्पनी की मदद से स्वयं पेशवा बनने का प्रयत्न करने लगा, जिसके फलस्वरूप ‘प्रथम मराठा युद्ध’ हुआ, जो वर्ष १७७५ से लेकर वर्ष १७८२ तक चला और इसका अन्त वर्ष १७८२ में हुए साल्बाई की सन्धि के तहत हुआ।

प्रतिद्वन्द्विता अथवा ताकत का प्रदर्शन…

‘साल्बाई की सन्धि’ के फलस्वरूप पेशवा का राज्य अखण्डित हो गया। पेशवा अभी बालक थे, इसका फायदा उठाने सत्ता पर अपना अधिकार प्राप्त करने के लिए महादजी शिन्दे और नाना फड़नवीस में गहरी प्रतिद्वन्द्विता शुरू हो गई। यही प्रतिद्वन्द्विता मराठों की शक्ति क्षीण करने और पतन की ओर ले जाने का मुख्य वजह बन गई। प्रतिद्वन्द्विता तो वर्ष १७९४ में महादजी शिन्दे की मृत्यु के बाद समाप्त हो गई, मगर मराठा साम्राज्य की नीव में दीमक का काम कर गई।

और अंत में…

धीरे धीरे अन्य राज्य अब अपनी ताकत दिखाने का मौका नहीं छोड़ रहे थे, जैसे; निजाम। मराठों ने खर्डा की लड़ाई में निज़ाम को पराजित तो कर दिया, परंतु नवयुवक पेशवा ‘माधवराव नारायण’ नाना फड़नवीस की कड़ी निगरानी में रहने के कारण ज़िन्दगी से ऊब गया था और वर्ष १७९५ में आत्महत्या कर ली।

बाजीराव द्वितीय 

अश्विनी राय
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माताजी :- श्रीमती इंदु राय पिताजी :- श्री गिरिजा राय पता :- ग्राम - मांगोडेहरी, डाक- खीरी, जिला - बक्सर (बिहार) पिन - ८०२१२८ शिक्षा :- वाणिज्य स्नातक, एम.ए. संप्रत्ति :- किसान, लेखक पुस्तकें :- १. एकल प्रकाशित पुस्तक... बिहार - एक आईने की नजर से प्रकाशन के इंतजार में... ये उन दिनों की बात है, आर्यन, राम मंदिर, आपातकाल, जीवननामा - 12 खंड, दक्षिण भारत की यात्रा, महाभारत- वैज्ञानिक शोध, आदि। २. प्रकाशित साझा संग्रह... पेनिंग थॉट्स, अंजुली रंग भरी, ब्लौस्सौम ऑफ वर्ड्स, उजेस, हिन्दी साहित्य और राष्ट्रवाद, गंगा गीत माला (भोजपुरी), राम कथा के विविध आयाम, अलविदा कोरोना, एकाक्ष आदि। साथ ही पत्र पत्रिकाओं, ब्लॉग आदि में लिखना। सम्मान/पुरस्कार :- १. सितम्बर, २०१८ में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा विश्व भर के विद्वतजनों के साथ तीन दिनों तक चलने वाले साहित्योत्त्सव में सम्मान। २. २५ नवम्बर २०१८ को The Indian Awaz 100 inspiring authors of India की तरफ से सम्मानित। ३. २६ जनवरी, २०१९ को The Sprit Mania के द्वारा सम्मानित। ४. ०३ फरवरी, २०१९, Literoma Publishing Services की तरफ से हिन्दी के विकास के लिए सम्मानित। ५. १८ फरवरी २०१९, भोजपुरी विकास न्यास द्वारा सम्मानित। ६. ३१ मार्च, २०१९, स्वामी विवेकानन्द एक्सिलेन्सि अवार्ड (खेल एवं युवा मंत्रालय भारत सरकार), कोलकाता। ७. २३ नवंबर, २०१९ को अयोध्या शोध संस्थान, संस्कृति विभाग, अयोध्या, उत्तरप्रदेश एवं साहित्य संचय फाउंडेशन, दिल्ली के साझा आयोजन में सम्मानित। ८. The Spirit Mania द्वारा TSM POPULAR AUTHOR AWARD 2K19 के लिए सम्मानित। ९. २२ दिसंबर, २०१९ को बक्सर हिन्दी साहित्य सम्मेलन, बक्सर द्वारा सम्मानित। १०. अक्टूबर, २०२० में श्री नर्मदा प्रकाशन द्वारा काव्य शिरोमणि सम्मान। आदि। हिन्दी एवं भोजपुरी भाषा के प्रति समर्पित कार्यों के लिए छोटे बड़े विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा सम्मानित। संस्थाओं से जुड़ाव :- १. जिला अर्थ मंत्री, बक्सर हिंदी साहित्य सम्मेलन, बक्सर बिहार। बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन, पटना से सम्बद्ध। २. राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सह न्यासी, भोजपुरी विकास न्यास, बक्सर। ३. जिला कमिटी सदस्य, बक्सर। भोजपुरी साहित्य विकास मंच, कलकत्ता। ४. सदस्य, राष्ट्रवादी लेखक संघ ५. जिला महामंत्री, बक्सर। अखिल भारतीय साहित्य परिषद। ६. सदस्य, राष्ट्रीय संचार माध्यम परिषद। ईमेल :- ashwinirai1980@gmail.com ब्लॉग :- shoot2pen.in

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