काशी के घाट भाग – ५

काशी में गंगा तट पर अनेक सुंदर घाट बने हैं, ये सभी घाट किसी न किसी पौराणिक या धार्मिक कथा से संबंधित हैं। काशी में लगभग ८४ घाट हैं, जो लगभग ४ मील लम्‍बे तट पर बने हुए हैं। इन ८४ घाटों में पाँच घाट बहुत ही पवित्र माने जाते हैं। इन्‍हें सामूहिक रूप से ‘पंचतीर्थ’ कहा जाता है। ये हैं असी घाट, दशाश्वमेध घाट, आदिकेशव घाट, पंचगंगा घाट तथा मणिकर्णिका घाट।

६४. राजा घाट का निर्माण माधोराव पेशवा ने करवाया था।

६५. राजेंद्र प्रसाद घाट का निर्माण नगर निगम ने करवाया था।

६६. राणा घाट का निर्माण उदयपुर के राजा ने करवाया था।

६७. राम घाट का निर्माण माधोराव पेशवा ने करवाया था।

६८. ललिता घाट घाट का निर्माण नेपाल नरेश ने करवाया था।

६९. लल्ली घाट का निर्माण महाराजा बनारस ने करवाया था।

७०. लाल घाट का निर्माण नगर निगम ने करवाया था।

७१. लाला मिश्र घाट का निर्माण महाराजा रीवां ने करवाया था।

७२. वरुणा संगम घाट का निर्माण नगर निगम ने करवाया था।

७३. विजयनगरम घाट का निर्माण महाराजा विजयनगरम ने करवाया था।

७४. शिवाला घाट का निर्माण पं. बैजनाथ मिश्र ने करवाया था।

७५. शीतला घाट का निर्माण महाराजा, बूँदी ने करवाया था।

७६. शीतला घाट का निर्माण नगर निगम ने करवाया है।

७७. संकटा घाट का निर्माण महाराज बड़ौदा ने करवाया था।

७८. संकटा घाट गंगामहल, का निर्माण महाराजा ग्वालियर ने करवाया था।

७९. सिंधिंया घाट का निर्माण महाराजा, ग्वालियर ने करवाया था।

८०. सोमेश्वर घाट का निर्माण कुमार स्वामी ने करवाया था।

८१. हनुमान घाट का निर्माण महंत हरिहर जी ने करवाया था।

८२. हरिश्चंद घाट का निर्माण नगर निगम ने करवाया था।

८३. रविदास घाट वर्तमान नगवाँ क्षेत्र में स्थित है। घाट तट पर राज्य सरकार के द्वारा संत रविदास पार्क का निर्माण कराया गया है जो सुन्दर, हरा-भरा एवं रमणीय है। इस घाट पर भी स्नानार्थियों की संख्या नगण्य है, गंगा एवं प्रकृति के समन्वय स्थल के मनोरम दृश्य का आनन्द लेने के लिये लोग इस पार्क में आते हैं। धार्मिक दृष्टि से इसका कोई विशेष महत्व नहीं है परन्तु पर्यटकों का आवागमन काफी संख्या में होता है।

८४. मालवीय घाट; अस्सी घाट के दक्षिणी भाग का विस्तार करने के पश्चात् घाट का पक्का निर्माण कराया गया। इस विस्तारित क्षेत्र को महामना मदन मोहन मालवीय जी के नाम पर मालवीय घाट से नामकरण किया गया। अस्सी घाट से सटे होने के कारण पर्यटकों एवं स्नानार्थियों का यहां भी आगमन होता है।

८५. सामने घाट या कच्चा घाट वाराणसी के प्रसिद्ध घाटों में से एक है। वर्तमान में यह घाट कच्चा है, गंगा तट के सामने दूसरे तट पर रामनगर में वर्तमान काशी नरेश का किला है, जिसके कारण इसका नाम सामने घाट से प्रचलित हो गया। गंगा के उस पार जाने के लिये पक्के पुल का निर्माण हुआ है जो रामनगर को काशी से जोड़ता है। धार्मिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से इस घाट का कोई खास महत्व नहीं है फिर भी स्थानीय निवासी यहां स्नान कार्य एवं पूजा-पाठ करते हैं।

काशी का अस्सी 

अश्विनी रायhttp://shoot2pen.in
माताजी :- श्रीमती इंदु राय पिताजी :- श्री गिरिजा राय पता :- ग्राम - मांगोडेहरी, डाक- खीरी, जिला - बक्सर (बिहार) पिन - ८०२१२८ शिक्षा :- वाणिज्य स्नातक, एम.ए. संप्रत्ति :- किसान, लेखक पुस्तकें :- १. एकल प्रकाशित पुस्तक... बिहार - एक आईने की नजर से प्रकाशन के इंतजार में... ये उन दिनों की बात है, आर्यन, राम मंदिर, आपातकाल, जीवननामा - 12 खंड, दक्षिण भारत की यात्रा, महाभारत- वैज्ञानिक शोध, आदि। २. प्रकाशित साझा संग्रह... पेनिंग थॉट्स, अंजुली रंग भरी, ब्लौस्सौम ऑफ वर्ड्स, उजेस, हिन्दी साहित्य और राष्ट्रवाद, गंगा गीत माला (भोजपुरी), राम कथा के विविध आयाम, अलविदा कोरोना, एकाक्ष आदि। साथ ही पत्र पत्रिकाओं, ब्लॉग आदि में लिखना। सम्मान/पुरस्कार :- १. सितम्बर, २०१८ में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा विश्व भर के विद्वतजनों के साथ तीन दिनों तक चलने वाले साहित्योत्त्सव में सम्मान। २. २५ नवम्बर २०१८ को The Indian Awaz 100 inspiring authors of India की तरफ से सम्मानित। ३. २६ जनवरी, २०१९ को The Sprit Mania के द्वारा सम्मानित। ४. ०३ फरवरी, २०१९, Literoma Publishing Services की तरफ से हिन्दी के विकास के लिए सम्मानित। ५. १८ फरवरी २०१९, भोजपुरी विकास न्यास द्वारा सम्मानित। ६. ३१ मार्च, २०१९, स्वामी विवेकानन्द एक्सिलेन्सि अवार्ड (खेल एवं युवा मंत्रालय भारत सरकार), कोलकाता। ७. २३ नवंबर, २०१९ को अयोध्या शोध संस्थान, संस्कृति विभाग, अयोध्या, उत्तरप्रदेश एवं साहित्य संचय फाउंडेशन, दिल्ली के साझा आयोजन में सम्मानित। ८. The Spirit Mania द्वारा TSM POPULAR AUTHOR AWARD 2K19 के लिए सम्मानित। ९. २२ दिसंबर, २०१९ को बक्सर हिन्दी साहित्य सम्मेलन, बक्सर द्वारा सम्मानित। १०. अक्टूबर, २०२० में श्री नर्मदा प्रकाशन द्वारा काव्य शिरोमणि सम्मान। आदि। हिन्दी एवं भोजपुरी भाषा के प्रति समर्पित कार्यों के लिए छोटे बड़े विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा सम्मानित। संस्थाओं से जुड़ाव :- १. जिला अर्थ मंत्री, बक्सर हिंदी साहित्य सम्मेलन, बक्सर बिहार। बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन, पटना से सम्बद्ध। २. राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सह न्यासी, भोजपुरी विकास न्यास, बक्सर। ३. जिला कमिटी सदस्य, बक्सर। भोजपुरी साहित्य विकास मंच, कलकत्ता। ४. सदस्य, राष्ट्रवादी लेखक संघ ५. जिला महामंत्री, बक्सर। अखिल भारतीय साहित्य परिषद। ६. सदस्य, राष्ट्रीय संचार माध्यम परिषद। ईमेल :- ashwinirai1980@gmail.com ब्लॉग :- shoot2pen.in

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