मेरा साया

फिल्म अभिनेत्री साधना के साथ निर्देशक राज खोसला की केमिस्ट्री खूब बनती थी। एक निर्देशक के रूप में उनकी हीरोइन के रूप में पहली पसन्द साधना ही हुआ करती थीं, इसलिए राज खोसला ने साधना को बतौर अभिनेत्री लेकर अपनी सस्पेंस फिल्मों की एक तिगड़ी बनाई थी।तभी तो उन्होंने तीनों ही सस्पेंस मूवीज में साधना को बतौर नायिका चुना था। वो तीनो ही फिल्में थीं, ‘वो कौन थी’, ‘अनीता’ और ‘मेरा साया’। ‘वो कौन थी’ और ‘अनीता’ में साधना के साथ मुख्य भूमिका में मनोज कुमार थे और ‘मेरा साया’ में साधना के साथ सुनील दत्त थे। लेकिन ‘मेरा साया’ में वह सभी कुछ था जो एक मसाला फिल्म के हिट होने के लिए चाहिए। फिल्म समीक्षकों के अनुसार ‘मेरा साया’ एक सस्पेंस फिल्म है, तथा इसमें कोर्ट रूम ड्रामा भी है। मगर मेरी नजर में यह फिल्म एक कंफ्यूजन से शुरू होती है, जो अंत में सुलझ जाती है।

टीम…

निर्देशक : राज खोसला
संगीतकार : मदन मोहन
गीत : मेहंदी अली हसन
अभिनय : सुनील दत्त, साधना, जगदीश सेठी, के.एन. सिंह, अनवर हुसैन, शिवराज, रत्नमाला, नर्बदा शंकर, मुकरी, मनमोहन, तिवारी, एस नज़ीर, धूमल, प्रेम चोपड़ा, आदि।

कहानी…

फिल्म शुरू होती है, एक प्रसिद्ध वकील ठाकुर राकेश सिंह की पत्नी गीता की मौत से। मगर जब पुलिस द्वारा एक डाकू लड़की को गिरफ्तार किया जाता है, जो हुबहू गीता की तरह है, और स्वयं को गीता बताती है। कहानी यहीं से आगे बढ़ती है, विवाद बढ़ता है और कोर्ट तक जाता है। जहां पुलिस, दुनिया और गीता का पति उसे फरेबी और डाकू मानता है वहीं वह लड़की अपने जिद पर अड़ी हुई कोर्ट में अपना पक्ष रखती है। मुकदमे के दौरान गीता उसे दोनों के बीच अंतरंग क्षणों के बारे में बताती हैं तो ठाकुर राकेश को गहन आश्चर्य होता है। कोर्ट में वह लड़की ठाकुर राकेश के हर सवाल का ठीक से जवाब देती है और बताती है कि उसका तीन दिन पहले अपहरण हुआ था। हालांकि, ठाकुर राकेश सिंह के मंगलसूत्र और डायरी के सवाल पर झूठी पड़ जाती है। फैसला अपने हक में न आते देख वह कोर्ट में बेहोश हो जाती है। जज उसे मेंटल अस्पताल भेज देते हैं जहां से वह हर रात घर आ जाती है और ठाकुर राकेश सिंह को वह पूरी कहानी बताती है कि उस रात क्या हुआ था?

समीक्षा…

फिल्म में अभिनेता और अभिनेत्री का मन्त्र मुग्ध कर देने वाली प्रेम कहानी के साथ सस्पेंस जिस तरह चलता है, वह वाकई अद्भुत है, लेकिन इसके पीछे उसके संगीत, अदालती बहस, गुदगुदाने वाली हास्य दृश्य, रोमांस और रोमांच का तालमेल और अंत में संवाद और कहानी को कहने का अंदाज बेमिसाल थे। कहने के लिए तो निर्देशक की यह सस्पेंस की तिगड़ी थी, मगर यह फिल्म ‘वो कौन थी’ व ‘अनीता’ की तरह विशुद्ध सस्पेंस थ्रिलर से अलग एक ड्रामा फिल्म थी, जो गलतफहमी पर आधारित थी। साधना और सुनील दत्त की एक्टिंग इस फिल्म में सिर चढ़कर बोली है। कोर्ट रूम में सुनील दत्त की जिरह रोमांच पैदा करता है। इस फिल्म की शूटिंग उदयपुर में हुई थी और उदयपुर की झीलों को जितना खूबसूरत इस फिल्म में दिखाया गया, वैसा किसी अन्य फिल्म में नहीं।

गीत और संगीत…

प्राय: ऐसा होता है कि किसी फिल्म के एक-दो गीत ही लोकप्रिय होते हैं परंतु मदन मोहन के संगीत की बदौलत ‘मेरा साया’ के सभी गीत लोकप्रिय हुए। जो धुन फिल्म के बैक ग्राउंड में चलती है ‘तू जहां-जहां चलेगा, मेरा साया साथ होगा’ लगता है कि कोई आत्मा ही गुनगुना रही होगी। ‘झुमका गिरा रे बरेली के बाजार में’ किसी समय में हर एक पार्टी में बजने वाला गीत रहा है। रफी द्वारा गाया गीत ‘आपके पहलू में आ कर रो दिए’ आज भी हर चोट खाए मजनूं के दिल पर मरहम का काम करता है। ‘नैनों में बदरा छाए’ ब्याहता युवतियों का अपने प्रेमी-पति को निमंत्रण है। सभी गाने साठ और सत्तर के दशक के लोगों के पसंदीदा रहे हैं।

विशेष…

वर्ष १९६६ में बनी यह फिल्म बॉक्स आफिस पर खूब कमाऊ फिल्म साबित हुई। देखते ही देखते सुपर हिट हो गयी, जो मराठी फिल्म ‘पठलाग’ की रीमेक है।

अश्विनी रायhttp://shoot2pen.in
माताजी :- श्रीमती इंदु राय पिताजी :- श्री गिरिजा राय पता :- ग्राम - मांगोडेहरी, डाक- खीरी, जिला - बक्सर (बिहार) पिन - ८०२१२८ शिक्षा :- वाणिज्य स्नातक, एम.ए. संप्रत्ति :- किसान, लेखक पुस्तकें :- १. एकल प्रकाशित पुस्तक... बिहार - एक आईने की नजर से प्रकाशन के इंतजार में... ये उन दिनों की बात है, आर्यन, राम मंदिर, आपातकाल, जीवननामा - 12 खंड, दक्षिण भारत की यात्रा, महाभारत- वैज्ञानिक शोध, आदि। २. प्रकाशित साझा संग्रह... पेनिंग थॉट्स, अंजुली रंग भरी, ब्लौस्सौम ऑफ वर्ड्स, उजेस, हिन्दी साहित्य और राष्ट्रवाद, गंगा गीत माला (भोजपुरी), राम कथा के विविध आयाम, अलविदा कोरोना, एकाक्ष आदि। साथ ही पत्र पत्रिकाओं, ब्लॉग आदि में लिखना। सम्मान/पुरस्कार :- १. सितम्बर, २०१८ में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा विश्व भर के विद्वतजनों के साथ तीन दिनों तक चलने वाले साहित्योत्त्सव में सम्मान। २. २५ नवम्बर २०१८ को The Indian Awaz 100 inspiring authors of India की तरफ से सम्मानित। ३. २६ जनवरी, २०१९ को The Sprit Mania के द्वारा सम्मानित। ४. ०३ फरवरी, २०१९, Literoma Publishing Services की तरफ से हिन्दी के विकास के लिए सम्मानित। ५. १८ फरवरी २०१९, भोजपुरी विकास न्यास द्वारा सम्मानित। ६. ३१ मार्च, २०१९, स्वामी विवेकानन्द एक्सिलेन्सि अवार्ड (खेल एवं युवा मंत्रालय भारत सरकार), कोलकाता। ७. २३ नवंबर, २०१९ को अयोध्या शोध संस्थान, संस्कृति विभाग, अयोध्या, उत्तरप्रदेश एवं साहित्य संचय फाउंडेशन, दिल्ली के साझा आयोजन में सम्मानित। ८. The Spirit Mania द्वारा TSM POPULAR AUTHOR AWARD 2K19 के लिए सम्मानित। ९. २२ दिसंबर, २०१९ को बक्सर हिन्दी साहित्य सम्मेलन, बक्सर द्वारा सम्मानित। १०. अक्टूबर, २०२० में श्री नर्मदा प्रकाशन द्वारा काव्य शिरोमणि सम्मान। आदि। हिन्दी एवं भोजपुरी भाषा के प्रति समर्पित कार्यों के लिए छोटे बड़े विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा सम्मानित। संस्थाओं से जुड़ाव :- १. जिला अर्थ मंत्री, बक्सर हिंदी साहित्य सम्मेलन, बक्सर बिहार। बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन, पटना से सम्बद्ध। २. राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सह न्यासी, भोजपुरी विकास न्यास, बक्सर। ३. जिला कमिटी सदस्य, बक्सर। भोजपुरी साहित्य विकास मंच, कलकत्ता। ४. सदस्य, राष्ट्रवादी लेखक संघ ५. जिला महामंत्री, बक्सर। अखिल भारतीय साहित्य परिषद। ६. सदस्य, राष्ट्रीय संचार माध्यम परिषद। ईमेल :- ashwinirai1980@gmail.com ब्लॉग :- shoot2pen.in

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