घर घर की कहानी

समा है सुहाना सुहाना, नशे में जहां है। किसी को किसी की खबर ही कहां है। इस गाने को किशोर कुमार ने गया था, जो उस समय के दौर से काफी आगे का गाना था और जो उस समय से लेकर आज तक, यानी श्वेत श्याम के जमाने से लेकर आज के डिजिटल जमाने में भी, घर घर में सबसे ज्यादा सुना जाने वाला गाना बन गया है। अरे! घर घर से याद आया कि यह गाना भी तो घर घर की कहानी का ही तो है।

परिचय…

वर्ष १९७० में बी. नागी रेड्डी द्वारा निर्मित एवं टी. प्रकाश राव द्वारा निर्देशित घर घर की कहानी अपने नाम के अनुरूप हर एक घर की कहानी है, जिसे आज की भाषा में बॉलीवुड ड्रामा कहा जाता है।फिल्म की मुख्य भूमिका में द ग्रेट बलराज साहनी, सदाबहार निरूपा रॉय और हास्य और जीवंतता के प्रत्यक्ष उदाहरण ओम प्रकाश जी जैसे महान और कालजई कलाकार हैं और उनके सहयोगी कलाकार के रूप में तात्कालिक नवोदित अभिनेता राकेश रोशन, भारती, शशिकला आदि ने काम किया है। इतना ही नहीं, बाल कलाकार के रूप में महेश कोठारे, नीतू सिंह, मास्टर रिपल, महमूद जूनियर आदि ने काम किया है।

इस फिल्म में एक गाना हेमलता ने गाया है जो उस समय के यूथ के लिए टॉनिक और मोटीवेशन का काम करता था ऐसा बनूंगा अभिनेता मैं यारों, वैसा बनूंगा। अगर इस गाने को ही आधार बनाया जाए तो इस फिल्म से तीन नाम निकल कर प्रकाश में आते हैं, महेश कोठारे, नीतू सिंह और महमूद जूनियर…

महेश कोठारे : इस फिल्म में इन्होने शंकरनाथ के बड़े बेटे रवि का किरदार निभाया है। ये मराठी फिल्म उद्योग में एक क्रांतिकारी शख्सियत माने जाते हैं। इन्होंने अपने निर्देशन करियर की शुरुआत वर्ष १९८० में धूम धड़ाका से की और तब से २० वर्षों की अवधि में बॉक्स ऑफिस पर कई हिट फिल्में दी हैं। कोठारे की फिल्में उनकी तकनीकी बारीकियों और फंतासी अवधारणाओं के लिए जानी जाती हैं और वह उन कुछ भारतीय फिल्म निर्माताओं में से एक हैं जिन्होंने फंतासी शैली में सफल फिल्में बनाई हैं।

नीतू सिंह : इस फिल्म में इन्होने शंकरनाथ की बेटी का किरदार निभाया है। वे वर्ष १९६०, १९७० और १९८० के दशक की शुरुआत में हिंदी फिल्मों में दिखाई देने वाली बड़ी अभिनेत्रियों में शुमार थीं। वर्ष १९८० में, उन्होंने कपूर खानदान के चश्मों चिराग और महान अभिनेता ऋषि कपूर से शादी की, जो वर्ष २०२० में उनकी मृत्यु तक चली। उनके दो बच्चे हैं, बेटा रणबीर आज के समय का सबसे चहेता और महंगे हीरो में से एक हैं और जिनकी शादी सुप्रसिद्ध निर्माता निर्देशक महेश भट्ट की पुत्री आलिया भट्ट से हुई है। वह भी बॉलिवुड ऐक्ट्रेस हैं। बेटी रिद्धिमा कपूर साहनी, एक फैशन डिजाइनर हैं, जिन्होंने वर्ष २००६ में दिल्ली के उद्योगपति भरत साहनी से शादी की।

महमूद जूनियर : इस फिल्म में इन्होने शंकरनाथ के साले के पुत्र गोपी का किरदार निभाया है। महमूद जूनियर उर्फ नईम सैय्यद एक भारतीय फिल्म अभिनेता, गायक और मराठी फिल्म निर्देशक हैं। जूनियर महमूद नाम उन्हें महमूद अली द्वारा तब दिया गया था, जब घर घर की कहानी के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था। महमूद जूनियर ने ७ अलग-अलग भाषाओं में २६५ फिल्मों में अभिनय किया है और ६ मराठी फिल्मों का निर्माण और निर्देशन भी किया है।

कहानी…

शंकरनाथ, उच्च पद पर नियुक्त एक ईमानदार सरकारी अफसर है, वहीं कार्यरत साधुराम एक भ्रष्ट कर्मचारी है। शंकरनाथ, बड़ी ऊंची कमाई वाला पर्यवेक्षी पद पर कार्यरत होने के बावजूद मात्र ६३०/- रुपए मासिक पर ही अपने परिवार का खर्च चलाता है। उसके तीनों बच्चों रवि, रूपा और राजा द्वारा रखी गई किसी भी मांग को स्वीकार करने में वह असमर्थ है। जब तीनों को लगता है कि उनके पिता उनकी मांग को जानबूझ कर, पैसे रहते हुए भी मना कर रहे हैं तो वे अपनी मांगों को पूरा होने तक भूख हड़ताल की घोषणा करते हैं। इसपर शंकरनाथ रवि को अपना पूरा वेतन लगातार छः माह तक देने का वादा कर और देता भी है, छह महीने की अवधि के लिए घर का खर्च चलाने का फैसला करता है। इस पर रवि सोचता है कि वह बहुत सारा पैसा बचा सकता है और अपने और अपने भाई-बहनों के लिए सामान प्राप्त कर सकता है। परंतु घर के खर्च, पैसे के खोने से, बीमारी और मेहमानों के आगमन से तथा त्योहारों ने रवि को आटे दाल का भाव समझा दिया। वह समझ गया कि कोई भी व्यक्ति जो कमाता है और घर चलाता है, उस पर क्या क्या नहीं गुजराती है।

फिल्म में दुसरी तरफ बेईमानी की कमाई से चकाचौंध की दुनिया में रहने वाले और तेजी से अमीर बनने का सपना संजोने वाले साधुराम और उसका परिवार एक दिन विजिलेंस के हाथों पकड़ा जाता है और रोड पर आ जाता है।

एक तीसरी कहानी भी संग में चलती है, शंकरनाथ के साले की। जहां पति को दबा कर पत्नी अपने बेटे को लाड़ प्यार से बिगाड़ती ही जा रही है। वह जुआ खेलता है, झूठ बोलता है, देर रात तक जगता और देर सुबह तक सोता है, पश्चिम के संस्कार का आदि, बेड·टी पिता है और एक दिन आवारा दस्तों द्वारा लूट लिया जाता है, उसे बड़ी मार भी पड़ती है।

इन सब के अलावा सुरेश और सीमा के प्यार मुहब्बत की एक छोटी सी कहानी भी चलती है। सीमा, भ्रष्ट कर्मचारी साधुराम की पुत्री है और सुरेश, ईमानदार अधिकारी शंकरनाथ के स्वर्गवासी मित्र का पुत्र है। इसमें इस कहानी के कोई खास मायने तो नहीं हैं, मगर हैं तो हैं।

विजया प्रोडक्शंस द्वारा निर्मित घर घर की कहानी फिल्म को संगीत दिया है, कल्याणजी-आनंदजी ने और छायांकन का काम मार्कस बार्टले ने किया है।

कास्ट…

बलराज साहनी (शंकरनाथ), निरूपा रॉय (पद्मा), गजानन जागीरदार (पद्मा के भाई), ओम प्रकाश (साधुराम), शशिकला (जमना), राकेश रोशन (सुरेश), भारती (सीमा), सुलोचना चटर्जी (सुरेश की मां), जगदीप (सुरेंद्र), शबनम पांडुरम (सुरेंद्र की पत्नी), प्रवीण पॉल (गोपी की माँ), जलाल आगा (कॉलेज का छात्र), महेश कोठारे (रवि), नीतू सिंह (रूपा), मास्टर रिपल (राजा), महमूद जूनियर (गोपी), बीरबल (शंकरनाथ का अधीनस्थ) आदि।

अश्विनी रायhttp://shoot2pen.in
माताजी :- श्रीमती इंदु राय पिताजी :- श्री गिरिजा राय पता :- ग्राम - मांगोडेहरी, डाक- खीरी, जिला - बक्सर (बिहार) पिन - ८०२१२८ शिक्षा :- वाणिज्य स्नातक, एम.ए. संप्रत्ति :- किसान, लेखक पुस्तकें :- १. एकल प्रकाशित पुस्तक... बिहार - एक आईने की नजर से प्रकाशन के इंतजार में... ये उन दिनों की बात है, आर्यन, राम मंदिर, आपातकाल, जीवननामा - 12 खंड, दक्षिण भारत की यात्रा, महाभारत- वैज्ञानिक शोध, आदि। २. प्रकाशित साझा संग्रह... पेनिंग थॉट्स, अंजुली रंग भरी, ब्लौस्सौम ऑफ वर्ड्स, उजेस, हिन्दी साहित्य और राष्ट्रवाद, गंगा गीत माला (भोजपुरी), राम कथा के विविध आयाम, अलविदा कोरोना, एकाक्ष आदि। साथ ही पत्र पत्रिकाओं, ब्लॉग आदि में लिखना। सम्मान/पुरस्कार :- १. सितम्बर, २०१८ में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा विश्व भर के विद्वतजनों के साथ तीन दिनों तक चलने वाले साहित्योत्त्सव में सम्मान। २. २५ नवम्बर २०१८ को The Indian Awaz 100 inspiring authors of India की तरफ से सम्मानित। ३. २६ जनवरी, २०१९ को The Sprit Mania के द्वारा सम्मानित। ४. ०३ फरवरी, २०१९, Literoma Publishing Services की तरफ से हिन्दी के विकास के लिए सम्मानित। ५. १८ फरवरी २०१९, भोजपुरी विकास न्यास द्वारा सम्मानित। ६. ३१ मार्च, २०१९, स्वामी विवेकानन्द एक्सिलेन्सि अवार्ड (खेल एवं युवा मंत्रालय भारत सरकार), कोलकाता। ७. २३ नवंबर, २०१९ को अयोध्या शोध संस्थान, संस्कृति विभाग, अयोध्या, उत्तरप्रदेश एवं साहित्य संचय फाउंडेशन, दिल्ली के साझा आयोजन में सम्मानित। ८. The Spirit Mania द्वारा TSM POPULAR AUTHOR AWARD 2K19 के लिए सम्मानित। ९. २२ दिसंबर, २०१९ को बक्सर हिन्दी साहित्य सम्मेलन, बक्सर द्वारा सम्मानित। १०. अक्टूबर, २०२० में श्री नर्मदा प्रकाशन द्वारा काव्य शिरोमणि सम्मान। आदि। हिन्दी एवं भोजपुरी भाषा के प्रति समर्पित कार्यों के लिए छोटे बड़े विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा सम्मानित। संस्थाओं से जुड़ाव :- १. जिला अर्थ मंत्री, बक्सर हिंदी साहित्य सम्मेलन, बक्सर बिहार। बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन, पटना से सम्बद्ध। २. राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सह न्यासी, भोजपुरी विकास न्यास, बक्सर। ३. जिला कमिटी सदस्य, बक्सर। भोजपुरी साहित्य विकास मंच, कलकत्ता। ४. सदस्य, राष्ट्रवादी लेखक संघ ५. जिला महामंत्री, बक्सर। अखिल भारतीय साहित्य परिषद। ६. सदस्य, राष्ट्रीय संचार माध्यम परिषद। ईमेल :- ashwinirai1980@gmail.com ब्लॉग :- shoot2pen.in

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