श्री ज्योतिरीश्वर ठाकुर

मैथिली व संस्कृत भाषा के मूर्धन्य कवि, लेखक, नाटककार एवम संगीतकार श्री ज्योतिरीश्वर ठाकुर या कविशेखराचार्य ज्योतिरीश्वर ठाकुर को वर्ण रत्नाकर के लिए जाना जाता है, जो मैथिली भाषा में उनका विश्वकोशीय कार्य है।

परिचय…

श्री ज्योतिरीश्वर ठाकुर के जन्म की तारीख का तो पता नहीं, मगर वर्ष १२९० को जन्में ज्योतिरीश्वर के पिताजी का नाम श्री रामेश्वर ठाकुर और दादा जी का नाम श्री धीरेश्वर ठाकुर था। अपने पूर्वजों की तरह ही वे भी मिथिला के कर्नाट राजवंश के दरबारी कवि थे। उनके समय में यानी वर्ष १३०० से वर्ष १३२४ तक कर्नाट राजवंश के राजा हरिसिंहदेव जी थे।

प्रमुख कार्य…

वर्ष १३२४ में मैथिली भाषा में श्री ज्योतिरीश्वर ठाकुर का सबसे महत्वपूर्ण कार्य, गद्य में एक विश्वकोशीय वर्ण रत्नाकर है। इस कार्य में विभिन्न विषयों और स्थितियों का वर्णन है। यह कार्य मध्यकालीन भारत के जीवन और संस्कृति के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान करता है। पाठ को सात कल्लोल (तरंगों) में विभाजित किया गया है : नागर वर्ण, नायिका वर्ण, अस्थान वर्ण, ऋतु वर्ण, प्राण वर्ण, भट्टादि वर्ण और श्मशान वर्ण। ८४ सिद्धों की एक अधूरी सूचीपाठ में सिर्फ ७६ नाम ही मिले हैं। इस ग्रन्थ की एक पाण्डुलिपि एशियाटिक सोसाइटी, कोलकाता (बंगाल की एशियाटिक सोसाइटी की सुश्री संख्या ४८२४) में संरक्षित है।

वर्ष १३२० में प्रकाशित उनका प्रमुख संस्कृत नाटक, धूर्त समागम (द मीटिंग ऑफ द नेव्स) एवम एक दो एक्ट प्रहसन (हास्य) है। यह नाटक एक धार्मिक भिक्षुक विश्वनगर और उनके शिष्य दुराचार के बीच एक सुंदर गणिका अंगसेना को लेकर प्रतियोगिता से संबंधित है, जिसकी मध्यस्थता के लिए वे असज्जति मिश्र नामक एक ब्राह्मण को रखते हैं। इस नाटक की विशेषता यह है कि इसके श्रेष्ठ पात्र संस्कृत में बोलते हैं, निम्नतर पात्र प्राकृत में बोलते हैं और गीत मैथिली में हैं।

उनका एक अन्य संस्कृत कार्य, पंचसायक (पांच तीर) है, जो पांच भागों में है। यह रचना उन्हीं विषयों से संबंधित है, जो कामशास्त्र पर अन्य मानक कार्यों में निपटाए गए हैं।

अश्विनी राय
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माताजी :- श्रीमती इंदु राय पिताजी :- श्री गिरिजा राय पता :- ग्राम - मांगोडेहरी, डाक- खीरी, जिला - बक्सर (बिहार) पिन - ८०२१२८ शिक्षा :- वाणिज्य स्नातक, एम.ए. संप्रत्ति :- किसान, लेखक पुस्तकें :- १. एकल प्रकाशित पुस्तक... बिहार - एक आईने की नजर से प्रकाशन के इंतजार में... ये उन दिनों की बात है, आर्यन, राम मंदिर, आपातकाल, जीवननामा - 12 खंड, दक्षिण भारत की यात्रा, महाभारत- वैज्ञानिक शोध, आदि। २. प्रकाशित साझा संग्रह... पेनिंग थॉट्स, अंजुली रंग भरी, ब्लौस्सौम ऑफ वर्ड्स, उजेस, हिन्दी साहित्य और राष्ट्रवाद, गंगा गीत माला (भोजपुरी), राम कथा के विविध आयाम, अलविदा कोरोना, एकाक्ष आदि। साथ ही पत्र पत्रिकाओं, ब्लॉग आदि में लिखना। सम्मान/पुरस्कार :- १. सितम्बर, २०१८ में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा विश्व भर के विद्वतजनों के साथ तीन दिनों तक चलने वाले साहित्योत्त्सव में सम्मान। २. २५ नवम्बर २०१८ को The Indian Awaz 100 inspiring authors of India की तरफ से सम्मानित। ३. २६ जनवरी, २०१९ को The Sprit Mania के द्वारा सम्मानित। ४. ०३ फरवरी, २०१९, Literoma Publishing Services की तरफ से हिन्दी के विकास के लिए सम्मानित। ५. १८ फरवरी २०१९, भोजपुरी विकास न्यास द्वारा सम्मानित। ६. ३१ मार्च, २०१९, स्वामी विवेकानन्द एक्सिलेन्सि अवार्ड (खेल एवं युवा मंत्रालय भारत सरकार), कोलकाता। ७. २३ नवंबर, २०१९ को अयोध्या शोध संस्थान, संस्कृति विभाग, अयोध्या, उत्तरप्रदेश एवं साहित्य संचय फाउंडेशन, दिल्ली के साझा आयोजन में सम्मानित। ८. The Spirit Mania द्वारा TSM POPULAR AUTHOR AWARD 2K19 के लिए सम्मानित। ९. २२ दिसंबर, २०१९ को बक्सर हिन्दी साहित्य सम्मेलन, बक्सर द्वारा सम्मानित। १०. अक्टूबर, २०२० में श्री नर्मदा प्रकाशन द्वारा काव्य शिरोमणि सम्मान। आदि। हिन्दी एवं भोजपुरी भाषा के प्रति समर्पित कार्यों के लिए छोटे बड़े विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा सम्मानित। संस्थाओं से जुड़ाव :- १. जिला अर्थ मंत्री, बक्सर हिंदी साहित्य सम्मेलन, बक्सर बिहार। बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन, पटना से सम्बद्ध। २. राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सह न्यासी, भोजपुरी विकास न्यास, बक्सर। ३. जिला कमिटी सदस्य, बक्सर। भोजपुरी साहित्य विकास मंच, कलकत्ता। ४. सदस्य, राष्ट्रवादी लेखक संघ ५. जिला महामंत्री, बक्सर। अखिल भारतीय साहित्य परिषद। ६. सदस्य, राष्ट्रीय संचार माध्यम परिषद। ईमेल :- ashwinirai1980@gmail.com ब्लॉग :- shoot2pen.in

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