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#UBI_contest_111
#कविता

विषय : आम का अचार

आम का अचार बनाते हैं,
आओ खाते हैं, खिलाते हैं।
खुश्बू इसकी बड़ी मनोहर
दिल को ये ललचाते हैं।।

आम फलों का राजा है,
गर्मी में ही ये तो आता है।
अचार बनाने का यही मौसम
सोच कर ही मजा आता है।।

कच्चे आम काट धूप में सुखाते हैं।
नमक, सरसों, जीरा, सौंफ सहित
इसमें थोड़ी हल्दी, मिर्च जुटाते हैं।
तेल डाल इनको प्यार से मिलाते हैं।।

थोड़ा खट्टा थोड़ा तिखा
बनता पूरा मसालेदार है।
मस्ताना होता इसका स्वाद,
क्योंकि बड़ा चटाकेदार है।।

हर खाने का ये स्वाद बढ़ाए,
थाली में जब सज कर आए।
एक निवाला इसका खाकर देखो,
तृप्ति को ये चरम पर ले जाए।।

इसकी खुश्बू के तब क्या कहने,
मसालों से जब ये लिपटा रहता है।
सबको इससे प्यार हो जाता,
तेल की मटकी से जब बाहर आता है।।

विद्यावाचस्पति अश्विनी राय ‘अरुण’

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