प्रभु भल कीन्ह मोहि सिख दीन्हीं।
मरजादा पुनि तुम्हरी कीन्हीं॥
ढोल गंवार सूद्र पसु नारी।
सकल ताड़ना के अधिकारी॥
अर्थात : प्रभु ने अच्छा किया जो मुझे शिक्षा दी (दंड दिया), किंतु मर्यादा (जीवों का स्वभाव)...
(सच्ची रामायण का सच भाग – १ से आगे)
पेरियार की काशी यात्रा...
वर्ष १९०४ की बात है, एक ब्राह्मण थे जिसे पेरियार के पिता बेहद आदर और सम्मान करते थे। उन ब्राह्मण के...
गोस्वामी श्री तुलसीदास जी का जन्मस्थान आज भी विवाद का विषय बना हुआ है। कुछ विद्वानों का मानना है कि इनका जन्म सोरों शूकरक्षेत्र यानी वर्तमान के कासगंज (एटा) उत्तरप्रदेश में हुआ...
आज भी सबसे बड़ी चिन्ताजनक बात यह है की रामायण कब लिखा गया ? यह रामचरित है या सिर्फ कोई काल्पनिक ग्रंथ, वगैरह वगैरह। और इसमें कुछ भारतीय विद्वान समय सीमा तय...