प्रभु भल कीन्ह मोहि सिख दीन्हीं।
मरजादा पुनि तुम्हरी कीन्हीं॥
ढोल गंवार सूद्र पसु नारी।
सकल ताड़ना के अधिकारी॥
अर्थात : प्रभु ने अच्छा किया जो मुझे शिक्षा दी (दंड दिया), किंतु मर्यादा (जीवों का स्वभाव)...
आज भी सबसे बड़ी चिन्ताजनक बात यह है की रामायण कब लिखा गया ? यह रामचरित है या सिर्फ कोई काल्पनिक ग्रंथ, वगैरह वगैरह। और इसमें कुछ भारतीय विद्वान समय सीमा तय...
साहित्यिक प्रतियोगिता : १.१९
दिनाँक : १९/११/१९
विषय : उत्साह
विनय राम की
हांथ जोड़ राम सागर से बोले
कर दो पार हमें क्यूँ बाधा हो
ना डूबाओगे बस ये वादा दो
गर इसमे भी कोई बाधा हो
तो दे...
दीन दयाल बिरिदु संभारी।
हरहु नाथ मम संकट भारी॥
१७ अगस्त अर्थात आज ही, श्रावण मास की सप्तमी को तुलसीदासजी की जयंती मनाई जाती है। तुलसीदास जी ने सगुण भक्ति की रामभक्ति धारा को...