वर्ष १७७७ से लेकर वर्ष १८०८ के काल तक मराठा साम्राज्य के शासक छत्रपति शाहू जी द्वितीय थे। वे राजाराम द्वितीय के दत्तक पुत्र थे। आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि वे उनके शासनकाल में छत्रपति की शक्ति मात्र सतारा तक ही सीमित रह गई थी और वे मात्र कठपुतली शासक के रूप में जाने जाते थे।
उनके शासन काल में सबसे ताकतवर मराठा सरदार महादजी शिंदे थे, जिनका समस्त उत्तर भारत में प्रभुत्व था। उस समय नाना फडणवीस और महादजी सिंधिया की समस्त मराठा साम्राज्य में चलती थी उनके शासनकाल में सवाई माधवराव और बाजीराव पेशवा रहे परंतु उनका शासन उसके ऊपर नहीं उठ पाया क्योंकि वास्तविक शक्ति मराठा सरदारों के हाथ में चली गई थी और छत्रपति की शक्ति मात्र उसके सातारा तक ही सीमित थी। दूसरी तरफ शाहु जी को राजनीति पसंद भी नहीं थी।
अंत में…
३ मई, १८०८ को उनकी मृत्यु के पश्चात उनके बेटे प्रताप सिंह ने आगे चलकर उनकी गद्दी को संभाला और मराठा साम्राज्य के छत्रपति बने।
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