(सच्ची रामायण का सच भाग – १ से आगे)
पेरियार की काशी यात्रा...
वर्ष १९०४ की बात है, एक ब्राह्मण थे जिसे पेरियार के पिता बेहद आदर और सम्मान करते थे। उन ब्राह्मण के...
राम! राम! राम! राम! राम! राम! राम! राम! राम! राम!
भगवान श्रीराम हम सनातनियों के लिये आदर्श हैं, पूजनीय हैं और अगर मानवीय रूप में कहें तो महापुरुष हैं। उनका जीवन शैली, चरित्र...
सन् १६०१ से १६०४ ई. के मध्य शेक्सपियर द्वारा लिखित जूलियस सीज़र अंग्रेजी भाषा का एक दुःखान्त नाटक है। यह नाटक निराशा, वेदना और तिक्तता से अधिक कुछ भी नहीं देता। वैसे...
गीता जयंती...
प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष मास के शुक्लपक्ष की एकादशी को गीता जयंती मनाई जाती है। इस एकादशी को मोक्षदा एकादशी भी कहते हैं जो उत्पन्ना एकादशी के बाद आती है। इस वर्ष...
हमारी नई साझा संग्रह...
हिन्दी साहित्य और राष्ट्रवाद
संपादक : डॉ रघुनाथ पाण्डेय, डॉ दिलीप कुमार अवस्थी
हिन्दी लेखकों और हिन्दी भाषा जानने वालों का सदा से ही यह कहना है कि हिन्दी दिवस केवल...
आदरणीय मंच, अध्यक्ष जी एवं प्रबुद्धजन को अश्विनी राय 'अरूण' का प्रणाम!
हिंदी साहित्य में लघुकथा नवीनतम् विधा है। हिंदी के अन्य सभी विधाओं की तुलना में लघुआकार होने के कारण यह समकालीन...
नागरिकता संशोधन कानून की पूरी सच्चाई को दर्शाती: नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में नव फासीवादी मनोवृति (पुस्तिका), समीक्षा (अश्विनी राय ‘अरूण’)
पुस्तक परिचय :- नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में नव फासीवादी मनोवृति
पुस्तक :...
पुस्तक : मेरे सपनों की सरकार
(५५ माह बनाम ५५ साल)
लेखक : डॉ स्वामीनाथ तिवारी
(MLA, ब्रह्मपुर : १९९०)
सपनों का अतीत से गहरा रिश्ता होता है। मनोविज्ञान के जानकार लोग ऐसा दावा भी करते...