मैथिली व संस्कृत भाषा के मूर्धन्य कवि, लेखक, नाटककार एवम संगीतकार श्री ज्योतिरीश्वर ठाकुर या कविशेखराचार्य ज्योतिरीश्वर ठाकुर को वर्ण रत्नाकर के लिए जाना जाता है, जो मैथिली भाषा में उनका विश्वकोशीय...
विद्यापति मैथिली और संस्कृत भाषा के कवि, संगीतकार, लेखक, दरबारी और राज पुरोहित थे। वह शिव के भक्त थे, लेकिन उन्होंने प्रेम गीत और भक्ति वैष्णव गीत भी लिखे। उन्हें 'मैथिल कवि...
मधुबनी का भटपुरा और भटसीमर गांव भाट्टमीमांसा के गढ़ थे। मीमांसा अध्ययन की प्रधानता का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि जब १५वीं सदी के मध्य में विश्वासदेवी के शासन...
कामसूत्र एवं न्यायसूत्रभाष्य के रचनाकार वात्स्यायन या मल्लंग वात्स्यायन का काल गुप्तवंश के समय यानी छठवीं शताब्दी से आठवीं शताब्दी के मध्य माना जाता है, मगर इसमें विद्वानों का मदभेद है, जिसपर...
आज हम बात करने वाले हैं, देव भाषा संस्कृत की प्रसिद्ध नीतिपुस्तक पंचतन्त्र के रचनाकार पंडित विष्णु शर्मा जी के बारे में, जिन्होंने नीतिकथाओं में प्रथम स्थान पर स्थित पंचतन्त्र की रचना...
महाकवि बाणभट्ट सातवीं शताब्दी के राजा हर्षवर्धन के कार्यकाल में संस्कृत भाषा के महान गद्यकार और विलक्षण कवि थे।
परिचय...
महाकवि बाणभट्ट संस्कृत के ऐसे गिने-चुने लेखकों में से एक हैं जिनके जीवन एवं...
आज हम बात करने जा रहे हैं, एक ऐसे राष्ट्रसेवक, देशभक्त, हिन्दी सेवक के बारे में, जिन्होंने भारत से बाहर दक्षिण अफ्रीका में हिंदी साहित्य एवम भाषा को स्थापित किया तथा भारत...
आज हम एक ऐसे देशभक्त के बारे में बात करने जा रहे हैं, जिनके बारे में कभी एक कहावत प्रसिद्ध थी कि “रामदास जी गुड़वाले के पास इतना सोना चांदी जवाहरात है,...