यह तो जगजाहिर है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज के संस्थापक स्वर्गीय धीरूभाई अंबानी के दो पुत्र हैं। मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी।
आज हम धीरूभाई अंबानी के बड़े बेटे मुकेश अंबानी के बारे में बात करेंगे…
मुकेश धीरुभाई अंबानी का जन्म…
१९ अप्रैल, १९५७ को अदेन में हुआ था, जिसे हम आज यमन कहते हैं।
शिक्षा…
मुकेश अंबानी की शिक्षा अपने भाई अनिल अंबानी के साथ मुंबई के पेडर रोड स्थित हिल ग्रेंज हाई स्कूल में हुई। उन्होंने इंस्टिट्यूट ऑफ़ केमिकल टेक्नोलॉजी से केमिकल इंजीनियरिंग में बीई की डिग्री प्राप्त करने के बाद स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में एमबीए करने के लिए दाखिला लिया। लेकिन वर्ष १९८० में अपने पिता को रिलायंस में मदद करने के लिए उन्हें पढाई बीच में ही छोड़नी पड़ी।
आज हम स्कूली शिक्षा के पीछे जान लड़ा देते हैं, वहीं धीरूभाई का मानना था कि “वास्तविक जीवन कौशल का अनुभव अनुभवों के माध्यम से किया जाता है न कि किसी कक्षा में बैठने से।” इसलिए उन्होंने मुकेश को अपनी कंपनी में एक धागा निर्माण परियोजना की कमान लेने के लिए स्टैनफोर्ड से भारत वापस बुलाया।
कैरियर…
वर्ष १९८१ से मुकेश अपने पिता की उद्योग चलाने में सहायता करने लगे। उन्होंने रिलायंस के पुराने व्यावसाय वस्त्र उद्योग के अंतर्गत पॉलिएस्टर फाइबर और फिर पेट्रोकेमिकल को आगे बढाया। जिस समय मुकेश को इसकी कमान मिली थी उस समय रिलायंस की उत्पादन क्षमता १० लाख टन प्रति वर्ष भी नहीं थी लेकिन उन्होंने उसे १ करोड़ २० लाख टन प्रतिवर्ष तक पहुंचा दी।
उन्होंने जामनगर, (गुजरात) में बुनियादी स्तर की विश्व की सबसे बड़ी पेट्रोलियम रिफायनरी की स्थापना की। वर्तमान में इसकी क्षमता छह लाख साठ हजार बैरल प्रति दिन है यानी तीन करोड़ तीस लाख टन प्रति वर्ष। एक लाख करोड़ रुपए यानी अंतरास्ट्रीय भाषा में बात करें तो लगभग २६ बिलियन अमरीकी डॉलर के निवेश से बनी इस रिफायनरी में पेट्रोकेमिकल, पावर जेनरेशन, पोर्ट तथा सम्बंधित आधारभूत ढांचा है।
मुकेश अंबानी ने भारत की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनियों में से एक रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड को स्थापित किया। हालांकि, दोनों भाइयों में बंटवारे के बाद रिलायंस इंफोकॉम अनिल धीरूभाई अंबानी समूह में चली गयी। मुकेश अंबानी के नेतृत्व में, रिलायंस ने अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी रिलायंस रीटेल के अंतर्गत खुदरा बाज़ार में प्रवेश किया। दूरसंचार उद्योगों में उत्पादों और सेवाओं को भी शामिल किया । ५ सितंबर, २०१६ को मुकेश ने जियो नामक नए व्यावसाय में प्रवेश किया, जो लांच के साथ ही देश की दूरसंचार सेवाओं में शीर्ष पांच में पहुंच गई।
मुकेश के अगुआई में रिलायंस रीटेल ने डीलाईट स्टोर की नयी चेन भी लॉन्च की है और नोवा केमिकल्स के साथ रिलायंस रीटेल को ऊर्जा सक्षम बनने हेतु उन्होंने नया अनुबंध भी किया है।
मुकेश अंबानी, बीसीसीआई द्वारा शुरू की गई इंडियन प्रीमियर लीग की टीम मुंबई इंडियंस के मालिक भी हैं। साथ ही इन्होने मुंबई में धीरूभाई अंबानी इन्टरनेशनल स्कूल की स्थापना भी की है।
मुकेश अंबानी की पत्नी नीता अंबानी रिलायंस इंडस्ट्रीज के व्यावसाय के साथ साथ सामाजिक एवं धर्मार्थ कार्यो को देखती हैं। उन दोनों के तीन बच्चे हैं, आकाश, ईशा और अनंत।
उपलब्धियां …
वर्ष २००७ में एनडीटीवी द्वारा कराये गए सर्वे में बिजनेशमैन ऑफ़ द ईयर चुने गए।
यूनाईटेड स्टेटस-इंडिया बिज़नस कौंसिल (USIBC) ने वाशिंगटन में २००७ में ‘ग्लोबल विज़न’ के लिए लीडरशिप अवार्ड दिया।
विश्व के सबसे सम्मानित बिज़नस लीडरों में उन्हें ४२ वां स्थान हासिल किया। प्राईस वाटर हाउस कूपर्स एवं फाइनेंशियल टाइम्स, लन्दन द्वारा कराये गए नवम्बर, २००४ में प्रकाशित सर्वे में विश्व के चार सीईओ में उन्हें दूसरा स्थान मिला है।
टोटल टेलिकॉम ने अक्टूबर, २००४ में दूरसंचार के क्षेत्र में सबसे प्रभावशाली व्यक्ति के तौर पर वर्ल्ड कम्युनिकेशन अवार्ड दिया।
वायस एंड डाटा पत्रिका ने सितम्बर, २००४ में टेलिकॉम मैंन ऑफ़ दा ईयर चुना।
फोर्च्यून पत्रिका के अगस्त, २००४ अंक में एशिया के २५ सबसे शक्तिशाली कारोबारियों में उन्हें १३ वाँ स्थान दिया।
मई २००४, एशिया सोसाइटी, वॉशिंगटन डीसी द्वारा एशिया सोसाइटी लीडरशिप अवार्ड प्रदान किया गया। संयुक्त राज्य अमरीका।
इंडिया टुडे के मार्च २००४ अंक में द पॉवर लिस्ट २००४ में उन्होंने लगातार दुसरे वर्ष पहला स्थान हासिल किया।
जून, २००७ में भारत के पहले Trillionaire चुने गए। गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों ‘चित्रलेखा पर्सन ऑफ़ द ईयर-२००७’ पुरस्कार प्राप्त किया।