राम कथा के विविध परिप्रेक्ष्य!

जब मनुष्य अपनी मूलभूत आवश्यकताओं को सरलता से पूरा करने लगा, अर्थात जब उसने प्रकृति पर पूर्णतया नियंत्रण कर लिया, उसके पश्चात ही उसने एक सभ्य समाज का निर्माण किया तभी हमारी संस्कृति का जन्म हुआ। भारतीय संस्कृति की प्रगति का मूल आधार मनुष्य को पूर्णता प्रदान करना ही रहा है।

ब्रह्म पूर्ण है उसकी सृष्टि पूर्ण है। पूर्ण से ही पूर्ण का आगमन हुआ है। पूर्ण से पूर्ण निकालने पर भी पूर्ण ही शेष रहता है। क्रमशः

इसी पुस्तक से…

धन्यवाद !

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