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दूरदर्शन पर प्रसारित ‘रामायण’ की यादें आज भी लोगों के जेहन में उसी तरह ताजा हैं, जैसी प्रथम प्रसारण के वक्त हुआ करती थी। रामानंद सागर जी की रामायण की आश्चर्यजनक सफलता के पीछे सबसे बड़ा श्रेय उसके कलाकारों का था। रामायण अंतर्गत किरदार को निभाने वाले हर शख्स ने इस धारावाहिक को जीवंत बनाया है, जैसे आजा भी जान पड़ता है कि हम साक्षात उस काल में आ उस किरदार के सम्मुख खड़े हो गए हैं। इन्हीं में से एक किरदार विभीषण जी का भी था, जिसे मुकेश रावल जी ने निभाया था। आइए आज हम उनके बारे में कुछ बात करें…

परिचय…

मुकेश जी का जन्म वर्ष १९५० या ५१ में मुंबई में हुआ था। मुकेश कॉलेज के ड्रामा में हिस्सा लिया करते थे। वर्ष १९८६ के समय की बात है, रामानंद सागर जी अपने नए धारावाहिक ‘रामायण’ के किरदार की तलाश कर रहे थे। इस दौरान वह इंडियन नैशनल थिअटर पहुंचे, जहां उनकी नजर मुकेश रावल पर पड़ी। उनकी एक्टिंग देखकर रामानंद सागर ने उन्हें तुरंत रोल का ऑफर दे दिया। रामानंद सागर ने मुकेश से पूछा कि वह कौन सा रोल करना चाहते हैं तो इस पर उन्होंने कहा इंद्रजीत का। हालांकि जब उनका स्क्रीन टेस्ट हुआ तो सभी को उन पर विभीषण का किरदार पसंद आया। जिसके बाद मुकेश रावल ने रामायण में विभीषण का किरदार निभाया था।

कैरियर…

हिंदी भाषा के अलावा उन्होंने गुजराती इंडस्ट्री में काफी काम किया। जिद्द, ये मझदार, लहू के दो रंग, सत्ता, औजार और कसक जैसी हिंदी फिल्मों में उनके किरदार को लोगों ने काफी पसंद किया। इसके अलावा वो गुजराती फिल्मों में भी नजर आए।

फिल्मों के अलावा मुकेश जी छोटे पर्दे पर भी काफी ज्यादा काम कर चुके थे। उन्होंने रामायण के अलावा वह हसरतें, बीन्द बनूंगा घोड़ी चढ़ूंगा जैसे सीरियल में नजर आ चुके हैं। आखिरी बार वो गुजराती सीरियल नस नस में खुन्नस में नजर आए थे। यह सीरियल वर्ष २०१६ में प्रसारित हुआ था।

आघात…

मुकेश रावल जी के 3 बच्चे थे। एक बेटा और दो बेटियां। वर्ष २००० में मुकेश जी के हृदय पर तब गहरा सदमा पहुंचा, जब उन्हें यह खबर मिली कि ट्रेन से गिरकर उनके बेटे की मौत हो गई। बेटे की मौत से मुकेश पूरी तरह बिखर चुके थे। कहा जाता है कि वह कभी बेटे की मौत के गम से बाहर निकल ही नहीं सके थे। उन्होंने अपनी नौकरी भी छोड़ दी थी।

अंत में…

और फिर अचानक एक दिन खबर आई कि मुकेश रावल जी की मौत हो गई। यह घटना १५ नवंबर, २०१६ की है। मुंबई के कांदिवली रेलवे स्टेशन के नजदीक ट्रैक पर पुलिस को उनका शव मिला था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मुकेश रावल ने अवसाद में खुदकुशी कर ली थी। हालांकि उनके घरवालों से इस बात से साफ इंकार कर दिया।

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