उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष, वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी का जन्म लखनऊ के एक सामान्य मुस्लिम परिवार में हुआ था। उनके पिता रेलवे में कार्यरत थे, परंतु जब रिजवी कक्षा ६ की पढ़ाई कर रहे थे तो उनके पिता का देहांत हो गया। इसके बाद रिजवी और उनके भाई-बहनों की जिम्मेदारी उनकी माँ पर आ गई। रिजवी अपने भाई-बहनों में सबसे बड़े थे। उन्होंने १२वीं की पढ़ाई के बाद नैनीताल के एक कॉलेज में प्रवेश लिया।
कार्य…
कालांतर में वे सऊदी अरब चले गए और एक होटल में सफाई का काम करने लगे। किस्मत ने उन्हें जापान जाने का मौका दिया, जहां वे एक कारखाने में काम करने लगे। इसके बाद वे काम की तालाश अमेरिका चले गए, जहां उन्होंने एक स्टोर में काम किया। समय आगे निकलता गया, उनके सामाजिक और आर्थिक स्थिति अच्छी होने लगी तो वे भारत आ गए। यहाँ आकर उन्होंने नगर निगम का चुनाव लड़ने का फैसला किया। यहीं से उनके राजनीतिक जीवन की शुरूआत हुई। इसके बाद वो कालांतर में वक्फ बोर्ड के सदस्य बने और उसके बाद चेयरमैन के पद तक पहुंचे। जहां वे लगभग दस सालों तक रहे।
राजनीतिक जीवन…
रिजवी वर्ष २००० में लखनऊ में ओल्ड सिटी के कश्मीरी मोहल्ला वार्ड से समाजवादी पार्टी (सपा) के नगरसेवक चुने गए और वर्ष २००८ में शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के सदस्य बने। वर्ष २०१२ में, रिजवी को छह साल के लिए सपा से निष्कासित कर दिया गया था, जिसमें उन पर धन के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया था। परंतु रिजवी को अदालत से राहत मिली।
विवादों से नाता…
अपने बयानों के चलते रिजवी कई बार विवादों में घिरे और उन पर इस्लाम-विरोधी होने का आरोप भी लगता रहता है। इस्लामी इमामों के द्वारा उन्हें इस्लाम से खारिज़ भी कर दीया गया। अंततः उन्होंने ६ दिसंबर, २०२१ को पूरे रीति रिवाज एवं विधि विधान के साथ गाजियाबाद के डासना मंदिर में महंत यति नरसिंहांनंद जी के समक्ष सनातन धर्म को अपना लिया।
वसीम रिजवी के कुछ विवादित बयान…
१. देश की नौ विवादित मस्जिदों को हिन्दुओं को सौंप दें मुसलमान।
२. हिन्दुस्तान की धरती पर कलंक की तरह है बाबरी ढांचा।
३. रिजवी ने कहा कि चांद तारे वाला हरा झंडा इस्लाम का धार्मिक झंडा नहीं है। ये पाकिस्तान की राजनैतिक पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग से मिलता जुलता है। इस झंडे को फहराने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। रिजवी ने यहां तक कह दिया कि पैगम्बर मोहम्मद साहब अपने कारवां में सफेद या काले रंग का झंडा प्रयोग करते थे।
४. इस्लामी मदरसों को बंद कर देना चाहिए क्योंकि ये आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं। ये भारतीय मुसलमानों के लिए अच्छे नहीं हैं। ये मुसलमान नौजवानों के दिमाग में ज़हर घोलते हैं। बहुत मदरसों में आतंकी ट्रेनिंग दी जाती है। यहां आधुनिक शिक्षा नहीं दी जाती। मजहबी कट्टरता सिखाई जाती है।
५. जनवरी २०२० में जनसंख्या नियंत्रण पर संभावित कानून का समर्थन करते हुए वसीम रिजवी ने कहा, कुछ लोग मानते हैं कि बच्चों का जन्म प्राकृतिक है और इससे कोई छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए। लेकिन कई-कई बच्चों को जन्म देना समाज और देश के लिए काफी हानिकारक है। अगर देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून लाया जाता है तो यह बेतहाशा बढ़ती आबादी पर काबू पाने के लिए बेहतर होगा।
६. मार्च २०२१ में वसीम रिजवी ने कुरान की २६ आयतों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की है। अपनी याचिका में वसीम रिजवी ने कहा है कि कुरान की इन आयतों से आतंकवाद को बढ़ावा मिलता है। वसीम रिजवी का कहना है कि मदरसों में बच्चों को कुरान की इन आयतों को पढ़ाया जा रहा है, जिससे उनका ज़हन कट्टरपंथ की ओर बढ़ रहा है।
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