रामधारी सिंह दिनकर
रश्मिरथी (पंचम सर्ग) रामधारी सिंह “दिनकर” आ गया काल विकराल शान्ति के क्षय...
रश्मिरथी (चतुर्थ सर्ग) रामधारी सिंह “दिनकर” प्रेमयज्ञ अति कठिन, कुण्ड में कौन वीर...
रश्मिरथी (तृतीय सर्ग) रामधारी सिंह “दिनकर” हो गया पूर्ण अज्ञात वास, पाडंव लौटे...
रश्मिरथी (द्वितीय सर्ग) रामधारी सिंह “दिनकर” शीतल, विरल एक कानन शोभित अधित्यका के...
रश्मिरथी (प्रथम सर्ग) रामधारी सिंह “दिनकर” ‘जय हो’ जग में जले जहाँ भी,...