एक नई सुबह का वादा बीते साल की धुंधली यादें, आँखों के कोरों...
हिंदी कविता
चार दीवारी, पर घर नहीं किराए का घर—एक अस्थायी पता, जहाँ दीवारों को...
मोबाइल मेरी परछाई नहीं, मेरे कल के काल का अंधेरा है। पीठ पर लादे...
मूल से मूल निकालोगे, तो क्या मूल्य तुम पाओगे। सत्य से सत्य को...
अगर बरसातें होती तो क्या बात होती अगर बरसातें… तो क्या… कुछ...
दोपहर की चाय पर काव्य पाठ: अकेलेपन की साथी क्या खास है इसमें...
बड़ी चाह थी कि जिंदगी लहरा कर चलती रहे, मगर हादसे ऐसे हुए...
कविता का विषय: आंतरिक शांति की तलाश, सुकून का विरोधाभास, विवाह बनाम अकेलापन। ...
अपने मुंह में, तुझे धर लेगा। अजगर की तरह, जकड़ लेगा। अगर विश्वास...