April 6, 2025

आजादी

आधी अधूरी आजादी
हिंद सिसक सिसक कहता है,
क्या ये जश्न इतना जरूरी है।
सपने कहां हुए हैं अपने,
आजादी अभी आधी अधूरी है॥
इसको पाने को गिरे जो कटकर,
उनको आओ आज याद करें।
आज़ादी किस कीमत पर आई थी,
उसका भी कुछ हिसाब करें॥
जहां कभी धरती आसमां मिलते थे,
वो जगहा आज हमे नहीं दिखता।
भारत खंडे, खंड खंड हुआ,
जंबू द्वीप आज कहां है बसता॥
चिथड़ी हुई थी जब अस्मीता,
कहते हो आजादी की बात करें।
चौबीस टुकड़े हो गए जिसके,
उसके हृदय पर क्या आघात करें॥
मेरी बात पर गर विश्वास नहीं तो,
और सुनने पर जीव घबराता है।
तो खोदो माटी उससे पूछो, कैसे,
इतिहास से पन्ना फाड़ा जाता है॥
गर विश्वास हो हम पर तो,
मैं माटी खोद कर लाया हूँ।
जो खंड खंड हो गए,
उसे अखंड बोलने आया हूँ॥
जम्बूद्वीप में बसता था भारतवर्ष,
भारतवर्ष में बसता था आर्यावर्त।
आज कहां है जम्बूद्वीप और
भारतवर्ष या विलक्षण आर्यावर्त॥
आज कहते हो हम आजाद हैं,
भारत, इंडिया या हिन्दुस्थान हैं।
सच मानो तो इसमें आधा,
बांग्लादेश और आधा पाकिस्तान हैं॥
आओ सच्ची आजादी खातिर,
कमर कसें और ईमान रखें।
जो पाया है वो खो ना जाए,
जो खोया है पाने का संधान करें॥

RocketplayRocketplay casinoCasibom GirişJojobet GirişCasibom Giriş GüncelCasibom Giriş AdresiCandySpinzDafabet AppJeetwinRedbet SverigeViggoslotsCrazyBuzzer casinoCasibomJettbetKmsauto DownloadKmspico ActivatorSweet BonanzaCrazy TimeCrazy Time AppPlinko AppSugar rush