शिक्षक, सामाजिक कार्यकर्ता, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, मराठी भाषा के प्रसिद्ध लेखक आदि पांडुरंग सदाशिव साने जी का पूर्ण परिचय नहीं दे पाता, मगर ऐसा कुछ तो होगा उनमें जिससे लोग उन्हें साने गुरूजी के नाम से पुकारते थे। और इतना ही नहीं, जनमानस के मध्य प्रसिद्धी के अलावा लेखकों, प्रकाशकों और विद्वानों को भी उनमें ऐसा कुछ दिखा होगा, तभी तो साने गुरुजी का जीवनचरित अनेक लेखकों ने लिखा है। उदाहरण के लिए हम उनमें से कुछ पुस्तकों एवं उनके लेखकों के नाम नीचे दे रहे हैं…
१. आपले साने गुरुजी – डॉ. विश्वास पाटील
२. जीवनयोगी साने गुरुजी – डॉ. रामचंद्र देखणे
३. निवडक साने गुरुजी – रा.ग. जाधव
४. महाराष्ट्राची आई साने गुरुजी – वि.दा. पिंपळे
५. साने गुरुजी – यदुनाथ थत्ते, रामेश्वर दयाल दुबे
६. साने गुरुजी आणि पंढरपूर मंदिरप्रवेश चळवळीचे अध्यात्म – आत्माराम वाळिंजकर
७. साने गुरुजी गौरव ग्रंथ – रा.तु. भगत
८. साने गुरुजी जीवन परिचय – यदुनाथ थत्ते
९. साने गुरुजी : जीवन, साहित्य आणि विचार – डॉ. अनिल गोडबोले
१०. साने गुरुजी पुनर्मूल्यांकन – भालचंद्र नेमाडे
११. साने गुरुजी यांची सुविचार संपदा – वि.गो. दुर्गे
१२. साने गुरुजी साहित्य संकलन – प्रेम सिंह
१३. सेनानी साने गुरुजी – राजा मंगळवेढेकर आदि।
परिचय…
पाण्डुरंग साने जी का जन्म २४ दिसम्बर, १८९९ को महाराष्ट्र के रत्नगिरि जनपद के पालगढ़ कस्बे के रहने वाले सदाशिव साने तथा यशोधाबाई साने के यहां हुआ था। बचपन में उनकी प्राथमिक शिक्षक उनकी मां थीं।
सामाजिक जीवन…
कालांतर में शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात उन्होने अमलनेर के प्रताप उच्च विध्यालय में शिक्षक के रूप में कार्य किया। साथ ही प्रताप उच्च विध्यालय में छात्रावास की भी जिम्मेदारी सम्हालने को मिला। इस जिम्मेदारी को सम्भालते हुए उन्हे बहुत प्रसिद्धि मिली। उन्होने छात्रावास में छात्रों को स्वयं के जीवन के स्वावलम्बन का पाठ पढाया। अमलनेर में उन्होने तत्त्वज्ञान मंदीर से तत्त्वज्ञान की शिक्षा प्राप्त की।
वर्ष १९२८ में उन्होने ‘विद्यार्थी’ नामक एक मासिक पत्रिका की शुरुवात की। वे सादा जीवन उच्च विचार को मानते थे, इसलिए वो खादी के कपड़े पहना करते थे। वर्ष १९३० में उन्होने शिक्षक की नौकरी छोड़ दी और उसके बाद उन्होंने सविनय अवज्ञा आन्दोलन में भाग लिया।
प्रकाशित साहित्य…
अमोल गोष्टी, आपण सारे भाऊ भाऊ, आस्तिक, इस्लामी संस्कृति, कर्तव्याची हाक, कला आणि इतर निबंध, कला म्हणजे काय?, कल्की अर्थात् संस्कृतीचे भविष्य, ‘कुरल’ नावाच्या तमिळ महाकाव्याचे मराठी भाषांतर, क्रांति, गीताहृदय, गुरुजींच्या गोष्टी, गोड निबंध भाग १ और २, गोड शेवट, गोष्टीरूप विनोबाजी, जीवन प्रकाश, तीन मुले, ते आपले घर, त्रिवेणी, दिल्ली डायरी, देशबंधु दास, धडपडणारी मुले, नवा प्रयोग, पंडित ईश्वरचंद्र विद्यासागर, पत्री, भगवान श्रीकृष्ण व इतर चरित्रे, भारतीय संस्कृती, मानवजातीचा इतिहास, मोरी गाय, मृगाजिन, रामाचा शेला, राष्ट्रीय हिंदुधर्म (भगिनी निवेदिता की मूल पुस्तक का अनुवाद), विनोबाजी भावे, विश्राम, श्याम खंड १ और २, श्यामची आई, श्यामची पत्रे, सती, संध्या, समाजधर्म (लेखक : भगिनी निवेदिता व साने गुरुजी), साधना (साप्ताहिक) (संस्थापक, संपादक), सुंदर पत्रे, सोनसाखळी व इतर कथा, सोन्या मारुती, स्त्री जीवन,स्वप्न आणि सत्य, स्वर्गातील माळ, हिमालयाची शिखरे व इतर चरित्र, गोड गोष्टी (कथामाला), भाग १ से १० तक। भाग १ – खरा मित्र, भाग २ – घामाची फुले, भाग ३ – मनूबाबा, भाग ४ – फुलाचा प्रयोग, भाग ५ – दुःखी, भाग ६ – सोराब आणि रुस्तुम, भाग ७ – बेबी सरोजा, भाग ८ – करुणादेवी, भाग ९ – यती की पती, भाग १० – चित्रा नि चारू