November 23, 2024

सुरेश चंद्र गुप्ता एक भारतीय वैज्ञानिक हैं। वह स्वचालित नियंत्रण, उपकरण और अंतरिक्ष प्रणाली विश्लेषण में अग्रणी योगदान के साथ एक प्रसिद्ध अंतरिक्ष इंजीनियर थे। डॉ. एस. सी. गुप्ता भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत से ही इसके साथ जुड़े रहे थे।

 

परिचय…

७ जनवरी, १९३४ को जन्मे सुरेश चंद्र गुप्ता ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से बीएससी और भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर से डीआईआईएससी की डिग्री ली। बाद में उन्होंने अमेरिका के पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। १९६५ में घर वापस आने के बाद डॉ. गुप्ता ने तिरुवनंतपुरम में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में अनुसंधान और विकास के लिए सुविधाओं की योजना बनाने और स्थापित करने में डॉ. विक्रम साराभाई के तहत विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (तब एसएसटीसी) में अपना कॅरियर शुरू किया।

 

कैरियर…

सुरेश चंद्र गुप्ता अंतरिक्ष वाहनों के लिए नियंत्रण, मार्गदर्शन और इंस्ट्रूमेंटेशन सिस्टम के विकास के लिए भी जिम्मेदार थे। उन्होंने उपग्रह प्रक्षेपण यान परियोजनाओं को बहु-विषयक नेतृत्व प्रदान किया, जिससे एएसएलवी और पीएसएलवी का सफल विकास हुआ। उन्होंने अंतरिक्ष कार्यक्रमों के लिए इलेक्ट्रॉनिक पैकेज के उत्पादन में भारतीय उद्योग के साथ सहयोग को सफलतापूर्वक बढ़ावा दिया।

 

सन १९८५ में वीएसएससी के निदेशक के रूप में कार्यभार संभालने से पहले उन्होंने प्रमुख, नियंत्रण, मार्गदर्शन और इंस्ट्रुमेंटेशन डिवीजन, समूह निदेशक, एवियोनिक्स और एसोसिएट निदेशक, वीएसएससी के रूप में कार्य किया और १९९४ तक उस पद पर बने रहे। वह १९९३-१९९४ के दौरान अंतरिक्ष आयोग के सदस्य भी थे। डॉ. गुप्ता नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग, एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया और नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज, भारत के फेलो थे। आजीवन सदस्य होने के अलावा उन्होंने १२ वर्षों तक सिस्टम्स सोसाइटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। वह इंटरनेशनल एकेडमी ऑफ एस्ट्रोनॉटिक्स के सदस्य भी थे। सुरेश चंद्र गुप्ता क्षेत्रीय कैंसर केंद्र, तिरुवनंतपुरम की गवर्निंग काउंसिल, केरल हाईटेक इंडस्ट्रीज लिमिटेड के निदेशक मंडल और पर्यावरण और विकास केंद्र, तिरुवनंतपुरम के शासी निकाय के अध्यक्ष जैसे कई परिषदों और बोर्डों के सदस्य रहे।

 

सम्मान…

सुरेश चंद्र गुप्ता के नाम कई सम्मान और पुरस्कार हैं। उनमें से प्रमुख हैं-

१. राष्ट्रीय प्रणाली पुरस्कार (१९७५)

२. श्री हरिओम आश्रम पेरिट डॉ. विक्रम साराभाई अनुसंधान पुरस्कार (१९७९)

३. राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी पुरस्कार (१९८९)

४. विद्युत विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए वासविक अनुसंधान पुरस्कार (१९९०) का आर्यभट्ट पुरस्कार

५. द एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया फॉर लाइफ-टाइम कंट्रीब्यूशन (१९९६)

६. अमेरिका बायोग्राफिकल इंस्टीट्यूट इंक, रैले, एनसी, यूएसए द्वारा नामांकित मैन ऑफ द ईयर (१९९४, १९९५)

About Author

Leave a Reply