जब नवाहपरायन संपन्न हुआ तो मैं बैठा विचार कर...
रामायण
आज भी सबसे बड़ी चिन्ताजनक बात यह है की...
दीन दयाल बिरिदु संभारी। हरहु नाथ मम संकट भारी॥...