शुभ दीपावली…
त्यौहारों के उत्साह और उत्सव का मजा सपरिवार आता है…माता पिता के आशीष से, भाई बहन के प्यार में बच्चों के उमंग में और पति पत्नी के आपसी स्नेह से।
इस सुन्दर परिवार को उल्लेखित करती मेरी एक छोटी कृति आप सभी के सम्मुख प्रस्तुत है।
शीर्षक : मेरा परिवार
है जीवन का पर्याय यहां पर,
ऐसा किसलय परिवार।
जिसका सुपरिचय दे रहा,
अमृत कलश संसार॥
“गिरिजा” हैं प्रेम की धुरी, –
“इंदु” है संसार।
“अश्विनी” हैं जीत के पर्याय,
अनुग्रह खातिर “अनीता”
हर पल तैयार।
विशाल हृदय “विराट” का,
जिस पर “रम्भा” रहे सवार।
विनती कर “विनीत” से,
“छाया” की प्रतिछाया करे दुलार।
“आर्यन” सुधा चरित है,
“वेदांत” करे वेदों का व्यापार।
शुभ मंगल शुभ उत्सव में
सदा खुश रहे ये मेरा प्यारा परिवार।
अश्विनी राय ‘अरूण’