काशी का असीघाट

अस्सी घाट या यूं कहें की असीघाट अथवा सिर्फ अस्सी ही कहें। यह घाट भोले बाबा की नगरी काशी में स्थित है। काशी जहां आज भी अध्यात्म, योग, धर्म और दर्शन के केंद्र हैं। दो नदियों यानी वरुणा और असी के बीच में होने के कारण काशी का नाम वाराणसी पड़ा। यहां की सबसे प्रसिद्ध और पहला घाट अस्सी घाट ही है, जहां से महानदी देवी गंगा वाराणसी में प्रवेश करती हैं। इसी कारण इस घाट को सभी घाटों में शुद्ध माना जाता है। आप स्वयं यहाँ गंगा के स्वरुप को साफ़ सुथरा एवं प्रदुषण रहित देख सकते हैं।

वाराणसी के लगभग सौ घाटों में से प्रमुख घाट अस्सी घाट, ललिता घाट, सिंधिया घाट, तुलसी घाट, हरिश्चन्द्र घाट, मुंशी घाट, जैन घाट, अहिल्याबाई घाट, केदार घाट, प्रयाग घाट, चेतसिंह घाट, दशाश्वमेध घाट तथा नारद घाट है। इन घाटों में भी सबसे अधिक महत्व वाला तथा साफ़ सुथरा एवं सर्वाधिक रौनक वाला घाट दशाश्वमेध घाट है जहां पर गंगा आरती होती है। गंगा नदी के किनारे से अर्धचंद्राकार रुप में फैले, इन घाटों को देखने के लिए विदेशी सैलानियों का ताता लगा ही रहता है।

गंगा के बायें तट पर उत्तर से लेकर दक्षिण की ओर से फैली सभी घाटों में से सबसे दक्षिण की ओर का घाट अस्सी घाट है। घाट के पास कई मंदिर ओर अखाड़े हैं, जिनमे दक्षिण की ओर जगन्नाथ मंदिर है जहाँ प्रतिवर्ष मेला का आयोजन होता है। अब आते हैं घाट के नामकरण पर। सही मायनों में इस घाट का नाम अस्सी के बजाय असी है जिसका तात्पर्य है, तलवार। नामकरण से संबंधित पौराणिक कथा प्रचलित है।

कथा के अनुसार, माता दुर्गा ने एक लम्बे युद्ध में राक्षस शुम्‍भ – निशुम्‍भ का वध करने के पश्चात दुर्गाकुंड के तट पर विश्राम किया और यहीं अपनी असि (तलवार) को छोड़ दिया था। जिस के गिरने से एक नदी उत्पन्न हुई, जिसका नाम असी पड़ा। असी और गंगा का संगम इसी घाट पर होता है जो विशेष रूप से पवित्र माना जाता है। यहीं पर प्राचिन काशी खंडोक्त संगमेश्वर महादेव का मंदिर भी है। जानकारी के लिए बताते चलें कि अस्सी घाट काशी के पांच तीर्थों में से एक है। इस घाट का वर्णन कई धार्मिक ग्रंथों और पुराणों में मिलता है, जैसे ; मत्‍स्‍य पुराण, अग्नि पुराण, काशी कांड और पद्म पुराण आदि में। घाट पर पीपल के वृक्ष के नीचे भगवान शिव की शिवलिंग भी है और भगवान अस्‍सींगमेश्‍वारा का मंदिर भी है जिन्‍हे दो नदियों के प्रवाह और संगम का देवता माना जाता है। यहां एक काफी प्राचीन टैंक है जिसे लोरका टैंक के नाम से जाना जाता है जो जमीनी स्‍तर से १५ मीटर की गहराई पर स्थित है। अस्‍सी घाट में हर साल हजारों की संख्‍या में पर्यटक और श्रद्धालु भ्रमण करने आते हैं, खास करके माघ और चैत्र के माह में। इसके पास ही नानकपंथियों का एक अखाड़ा है और उसके समीप ही शिवजी का एक मंदिर भी है।

पर्यटक यहां सायं काल को गंगा आरती का आनंद ले सकते हैं।यहाँ से सम्पूर्ण काशी के घाटों का अवलोकन किया जा सकता है। विदेशी पर्यटक विशेष रूप से इस स्थान को पसन्द करते हैं, कारण यहाँ का वातावरण काशी के सांस्कृतिक विरासत के साथ सस्ते होटल आदि का विद्यमान होना भी है।

हमें असी संगम घाट पर जाने पर एक खास बात देखने को मिली। बनारस अब प्राचीनतम से आधुनिकता का लबादा ओढ़ने हेतु तकरीबन तैयार खड़ा है। घाटों के साथ साथ हाटों, बाजारों आदि का जिर्णोध्धार कर आधुनिक सजावट एवं पर्यटन के अनुरूप बना दिया गया है। यहां आकर आप स्वयं इसका आनंद ले सकते हैं।

दशाश्वमेध घाट

काशी के घाट 

अश्विनी रायhttp://shoot2pen.in
माताजी :- श्रीमती इंदु राय पिताजी :- श्री गिरिजा राय पता :- ग्राम - मांगोडेहरी, डाक- खीरी, जिला - बक्सर (बिहार) पिन - ८०२१२८ शिक्षा :- वाणिज्य स्नातक, एम.ए. संप्रत्ति :- किसान, लेखक पुस्तकें :- १. एकल प्रकाशित पुस्तक... बिहार - एक आईने की नजर से प्रकाशन के इंतजार में... ये उन दिनों की बात है, आर्यन, राम मंदिर, आपातकाल, जीवननामा - 12 खंड, दक्षिण भारत की यात्रा, महाभारत- वैज्ञानिक शोध, आदि। २. प्रकाशित साझा संग्रह... पेनिंग थॉट्स, अंजुली रंग भरी, ब्लौस्सौम ऑफ वर्ड्स, उजेस, हिन्दी साहित्य और राष्ट्रवाद, गंगा गीत माला (भोजपुरी), राम कथा के विविध आयाम, अलविदा कोरोना, एकाक्ष आदि। साथ ही पत्र पत्रिकाओं, ब्लॉग आदि में लिखना। सम्मान/पुरस्कार :- १. सितम्बर, २०१८ में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा विश्व भर के विद्वतजनों के साथ तीन दिनों तक चलने वाले साहित्योत्त्सव में सम्मान। २. २५ नवम्बर २०१८ को The Indian Awaz 100 inspiring authors of India की तरफ से सम्मानित। ३. २६ जनवरी, २०१९ को The Sprit Mania के द्वारा सम्मानित। ४. ०३ फरवरी, २०१९, Literoma Publishing Services की तरफ से हिन्दी के विकास के लिए सम्मानित। ५. १८ फरवरी २०१९, भोजपुरी विकास न्यास द्वारा सम्मानित। ६. ३१ मार्च, २०१९, स्वामी विवेकानन्द एक्सिलेन्सि अवार्ड (खेल एवं युवा मंत्रालय भारत सरकार), कोलकाता। ७. २३ नवंबर, २०१९ को अयोध्या शोध संस्थान, संस्कृति विभाग, अयोध्या, उत्तरप्रदेश एवं साहित्य संचय फाउंडेशन, दिल्ली के साझा आयोजन में सम्मानित। ८. The Spirit Mania द्वारा TSM POPULAR AUTHOR AWARD 2K19 के लिए सम्मानित। ९. २२ दिसंबर, २०१९ को बक्सर हिन्दी साहित्य सम्मेलन, बक्सर द्वारा सम्मानित। १०. अक्टूबर, २०२० में श्री नर्मदा प्रकाशन द्वारा काव्य शिरोमणि सम्मान। आदि। हिन्दी एवं भोजपुरी भाषा के प्रति समर्पित कार्यों के लिए छोटे बड़े विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा सम्मानित। संस्थाओं से जुड़ाव :- १. जिला अर्थ मंत्री, बक्सर हिंदी साहित्य सम्मेलन, बक्सर बिहार। बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन, पटना से सम्बद्ध। २. राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सह न्यासी, भोजपुरी विकास न्यास, बक्सर। ३. जिला कमिटी सदस्य, बक्सर। भोजपुरी साहित्य विकास मंच, कलकत्ता। ४. सदस्य, राष्ट्रवादी लेखक संघ ५. जिला महामंत्री, बक्सर। अखिल भारतीय साहित्य परिषद। ६. सदस्य, राष्ट्रीय संचार माध्यम परिषद। ईमेल :- ashwinirai1980@gmail.com ब्लॉग :- shoot2pen.in

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  1. […] १. अस्सी घाट, २. गंगा महल घाट, ३. रीवा घाट, ४. तुलसी घाट, ५. भदैनी घाट, ६. जानकी घाट, ७. माता आनंदमाई, ८. बच्चा राजा घाट, ९. जैन घाट, १०. निषाद घाट, ११. प्रभु घाट, १२. पंचकोटा घाट, १३. चेत सिंह घाट, १४. निरंजनी घाट , १५. महानिर्वाणी घाट, १६. शिवाला घाट, १७. गुलरिया घाट, १८. दंडी घाट, १९. हनुमान घाट, २०. प्राचीन हनुमान घाट, २१. कर्नाटका घाट, २२. हरिश्चंद्र घाट, २३. लाली घाट, २४. विजयनगरम घाट, २५. केदार घाट, २६. चौकी घाट, २७. सोमेश्वर घाट, २८. मानसरोवर घाट, २९. नारद घाट , ३०. राजा घाट, ३१. खोरी घाट, ३२. पांडे घाट, ३३. सर्वेश्वर घाट, ३४. दिग्पतिया घाट, ३५. कस्ती घाट, ३६. राणा महल घाट, ३७. दरभंगा घाट, ३८. मुंशी घाट, ३९. अहिल्याबाई घाट, ४०. शीतला घाट, ४१. दशाश्वमेध घाट। […]

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