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भारत के पहले चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेन्स स्टाफ़ (सीडीएस) और पूर्व सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत का बुधवार, ८ दिसंबर, २०२१ को तमिलनाडु के कुन्नूर में एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में निधन हो गया है। भारतीय वायु सेना ने बताया है कि इस हेलिकॉप्टर में कुल १४ लोग सवार थे, जिनमें से जनरल रावत और उनकी पत्नी समेत कुल १३ लोगों की मौत हो गई है। जैसा कि हम सभी जानते हैं, जनरल बिपिन रावत को ३१ दिसंबर, २०१९ को भारत का पहला सीडीएस नियुक्त किया गया था और इसके अगले दिन उन्होंने कार्यभार संभाला था। जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने १५ अगस्त, २०१९ को लाल किले से दिए अपने भाषण में चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेंस (सीडीएस) का पद बनाने की घोषणा की थी। बतौर सीडीएस जनरल रावत की ज़िम्मेदारियों में भारतीय सेना के विभन्न अंगों में तालमेल और सैन्य आधुनिकीकरण जैसी महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारियां शामिल थीं। जनरल रावत इससे पहले भारतीय सेना के प्रमुख रह चुके थे। वे ३१ दिसंबर, २०१६ से १ जनवरी, २०१७ तक भारत के २६वें थल सेना प्रमुख रहे।

जानकारी के लिए बताते चलें कि जो हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ है, वह वायुसेना का Mi-17V-5 है। उसे दुनिया के सबसे बेहतरीन मिलिट्री हेलीकॉप्टर्स में से एक माना जाता है। रूस निर्मित इसी हेलीकॉप्टर में सीडीएस बिपिन रावत अपने दल-बल के साथ सवार थे। यह हेलीकॉप्टर भारतीय रक्षा बलों द्वारा उपयोग किए जाने वाले सबसे शक्तिशाली हेलिकॉप्टरों में से एक है। यह किसी भी मौसम और इलाके में उड़ान भरने के लिए सक्षम है। लेटेस्ट टेक्नोलॉजी से युक्त इस हेलीकॉप्टर का प्रयोग पीएम से लेकर राष्ट्रपति तक की यात्राओं के लिए किया जाता है। रक्षा विशेषज्ञों की नजर में यह हेलीकॉप्टर काफी सुरक्षित माना जाता है। ऐसे में किस वजह से हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ यह जांच के बाद ही पता चल पाएगा।

बिपिन रावत

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