काशी अवस्थित आधुनिक काल के भव्य मंदिरों में एक है तुलसी मानस मन्दिर।
स्थापना…
यह एक बहुत ही मनोरम मन्दिर है, जो प्राचीन दुर्गा मन्दिर के ठीक निकट स्थित है। मन्दिर को सेठ रतन लाल सुरेका ने बनवाया था। पूरी तरह संगमरमर से बने इस मंदिर का उद्घाटन भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति महामहिम सर्वपल्ली राधाकृष्णन द्वारा सन॒ १९६४ में किया गया।
मंदिर का समर्पण…
मन्दिर के मध्य मे भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण जी एवं हनुमान जी विराजमान है। इनके एक तरफ माता अन्नपूर्णा एवं शिवजी तथा दूसरी तरफ सत्यनारायण जी का मन्दिर है। इस मन्दिर के सम्पूर्ण दीवार पर रामचरितमानस लिखा गया है। दीवारों पर रामायण के प्रसिद्ध चित्रण को बहुत सुन्दर ढंग से नक्कासी किया गया है । इसके दूसरी मंजिल पर संत तुलसी दास जी विराजमान है, साथ ही इसी मंजिल पर स्वचालित श्रीराम एवं कृष्ण लीला होती है।
सौंदर्य…
इस मन्दिर के चारो तरफ बहुत सुहावना घास। यहाँ अन्नकूट महोत्सव पर छप्पन भोग की झाँकी बहुत ही मनमोहक लगती है। मंदिर के प्रथम मंजिल पर रामायण की विभिन्न भाषाओं में दुर्लभ प्रतियों का पुस्तकालय मौजूद है। सम्पूर्ण मंदिर के परिधि में बहुत ही कलात्मक ढंग से एक पहाड़ी पर शिवजी के मूर्ति से झरने का अलौकिक छटा देखते ही बनती है। मानस मंदिर के ठीक सामने एक अत्यंत रमणीक सती रानी का मंदिर है, जिसकी देख रेख की व्यवस्था भी मानस मंदिर की प्रबंध समिति करती है ।
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