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संत रविदास के नाम पर काशी में बीएचयू के पीछे डाफी क्षेत्र में एक बेहद ही खूबसूरत मंदिर है। सफेद संगमरमर से निर्मित इस मंदिर का गुम्बद सुनहरे रंग का है जो देखने में बेहद खूबसूरत एवं भव्य लगता है। इसे काशी का दूसरा गोल्डन टेम्पल भी कहते हैं।

निर्माण…

यह मंदिर संत रविदास की याद में वर्ष १९५४ में बनवाया गया था। इससे पूर्व में दिल्ली में लोदी वंश के सुल्तान रहे सिकंदर लोदी ने संत रविदास से नामदान लेने के बाद उन्हें तुग़लकाबाद में १२ बीघा ज़मीन दान की थी जिस पर यह मंदिर बना था। यह श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के बाद काशी का दूसरा स्वर्ण मंदिर है।

रविदास जयंती…

हर साल माघ पूर्णिमा को रविदास जयंती मनाई जाती है। ‘मन चंगा तो कठौती में गंगा’ समानता और मानवता का संदेश उन्होंने दिया था। १६ फरवरी को रविदास जयंती के मौके पर पंजाब से बड़ी संख्या में लोग वाराणसी आते हैं। संत रविदास १५वीं से १६वीं शताब्दी के दौरान भक्ति आंदोलन से जुड़े थे और उनके भजन गुरु ग्रंथ साहिब में शामिल हैं। 

संत रविदास

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