काशी में गंगा तट पर अनेक सुंदर घाट बने हैं, ये सभी घाट किसी न किसी पौराणिक या धार्मिक कथा से संबंधित हैं। जानकारी के अनुसार ये लगभग ८४ घाट हैं, जो लगभग ४ मील लम्बे तट पर बने हुए हैं। यहां के ८४ घाटों में पाँच घाट बहुत ही पवित्र माने जाते हैं। इन्हें सामूहिक रूप से ‘पंचतीर्थ’ कहा जाता है। ये हैं असी घाट, दशाश्वमेध घाट, आदिकेशव घाट, पंचगंगा घाट तथा मणिकर्णिका घाट।
२२. तुलसी घाट का निर्माण महंत स्वामीनाथ ने करवाया था, जो कि प्रसिद्ध है गोस्वामी श्री तुलसीदास जी से। इस घाट पर गोस्वामी जी ने श्रीरामचरित मानस के कई अंशों की रचना की थी। कहा जाता है कि तुलसीदास जी ने अपना आखिरी समय इसी स्थल पर व्यतीत किया था। जो कि पूर्व में लोलार्क घाट के नाम से जाना जाता था।
२३. तेलियानाला घाट का निर्माण नगर निगम ने करवाया था।
२४. त्रिपुरा भैरवी घाट का निर्माण महाराजा, बनारस ने करवाया था।
२५. त्रिलोचन घाट का निर्माण नारायण दीक्षित ने करवाया था।
२६. दंडी घाट का निर्माण लल्लू जी अग्रवाल ने करवाया था।
२७. दरभंगा घाट का निर्माण महाराजा, दरभंगा ने करवाया था।
२८. दशाश्वमेध का निर्माण नगर निगम ने करवाया है। दशाश्वमेध घाट गोदौलिया से गंगा जाने वाले मार्ग के अंतिम छोर पर पड़ता है। प्राचीन ग्रंथो के मुताबिक़ राजा दिवोदास द्वारा यहाँ दस अश्वमेध यज्ञ कराने के कारण इसका नाम दशाश्वमेध घाट पड़ा। एक अन्य मत के अनुसार नागवंशीय राजा वीरसेन ने चक्रवर्ती बनने की आकांक्षा में इस स्थान पर दस बार अश्वमेध कराया था।
२९. दिग्पतिया घाट का निर्माण दिग्पतिया स्टेट (बंगाल) ने करवाया था।
३०. दुर्गा घाट का निर्माण नारायण दीक्षित ने करवाया था।
३१. धोबिया घाट का निर्माण कुमार स्वामी ने करवाया था।
३२. नंदू घाट का निर्माण नगर निगम ने करवाया था।
३३. नया घाट का निर्माण नगर निगम ने करवाया है।
३४. नरवा घाट का निर्माण नगर निगम ने करवाया है।
३५. नवला घाट का निर्माण नगर निगम ने करवाया है।
३६. नारद घाट का निर्माण दत्तात्रेय स्वामी ने करवाया था।
३७. निरंजनी घाट का निर्माण पंचकोट के राजा ने करवाया था।
३८. निषाद राज घाट का निर्माण नगर निगम ने करवाया है।
३९. नेपाली घाट का निर्माण नानही बाबू ने करवाया था।
४०. पंचगंगा घाट का निर्माण नगर निगम ने करवाया है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पंचगंगा घाट से गंगा, यमुना, सरस्वती, किरण व धूतपापा नदियाँ गुप्त रूप से मिलती हैं। इसी घाट की सीढि़यों पर गुरु रामानंद जी से संत कबीरदास ने दीक्षा ली थी।
४१. पक्का घाट का निर्माण नगर निगम ने करवाया है।
४२. पांडे घाट का निर्माण बबुआ पांडे ने करवाया था।
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