अनिल अंबानी का जन्म ४ जून, १९५९ को देश की प्रतिष्ठित कम्पनी रिलायंस के मुखिया धीरू भाई अंबानी और कोकिलाबेन अंबानी के यहां छोटे बेटे के रूप में हुआ था। अनिल अंबानी की शादी १९८० के दशक के प्रारम्भिक समय की एक प्रसिद्ध भारतीय अभिनेत्री टीना मुनीम के साथ हुई है। जिनसे उन्हें दो पुत्र, जय अनमोल तथा जय अंशुल हुए।
अनिल अंबानी के बारे में हम पहले ही अपने अलग अलग लेखों में जैसे “धीरुभाई अंबानी”, “मुकेश अंबानी बनाम अनिल अंबानी विवाद” में चर्चा कर चुके हैं, अतः यहां हम उनके बारे में थोड़ी बहुत और मुख्य विषयों पर ही बात करेंगे। अनिल अंबानी ने मुंबई विश्वविद्यालय से विज्ञान स्नातक की उपाधि प्राप्त की है तथा पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय के व्हार्टन स्कूल से एमबीए की उपाधि प्राप्त की। इन दिनों वे व्हार्टन बोर्ड ऑफ़ ओवरसीअर्स के सदस्य हैं।
किसी समय में अनिल अंबानी का रिलायंस के साथ साथ भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में भी काफी योगदान रहा है। वे रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन है जिसमे मुख्य रूप से रिलायंस कम्युनिकेशन, रिलायंस पॉवर, रिलायंस कैपिटल और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल है।
बात शुरू से करते हैं…
वर्ष १९८३, वे अपने पिता धीरुभाई अंबानी द्वारा स्थापित कंपनी में को-चीफ-एग्जीक्यूटिव ऑफिसर के पद पर कार्यरत हुए। उन्होंने अपनी योग्यता और कुशल नीतियों की बदौलत भारतीय अर्थव्यवस्था को विकसित करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और अपने कार्यों से पूरी दुनिया को अपनी ओर आकर्षित किया।
अनिल अंबानी के प्रयत्नों के कारण वर्ष १९९१ में रिलायंस का ग्लोबल मार्केट शेयर बढ़कर २ बिलियन US डॉलर हो गया था। हालांकि, इसमें मुकेश अंबानी का भी सहयोग था। बाद में अनिल ने अपने भाई मुकेश अंबानी के साथ मिलकर रिलायंस इंडस्ट्रीज की स्थापना की, जो आज भारत की टॉप टेक्सटाइल और पेट्रोलियम कंपनी है।
वर्ष २००२ में उनके पिता धीरुभाई अंबानी की मृत्यु हो गई। उसके बाद अनिल अंबानी ने टेलीकॉम, फाइनेंसियल सर्विस, एंटरटेनमेंट, पॉवर & इंफ्रास्ट्रक्चर में अपनी रूचि दिखाते हुए रिलायंस ग्रुप को अपने हाथो में ले लिया। इसके साथ बिहार १० सालो में रिलायंस ग्रुप ने भारतीय बाज़ार के साथ ही कुछ विदेशी बाजारों पर भी अपना कब्ज़ा जमा लिया। जिनमे मुख्य रूप से डिस्ट्रीब्यूशन, टेलीकम्यूनिकेशन, ट्रांसमिशन और जनरेशन शामिल है।
अगर यह कहना अतशयोक्ति नहीं होगी कि अनिल अंबानी को भारतीय कैपिटल मार्केट के विस्तार का पूरा श्रेय दिया जा सकता है अथवा यूं कहें तो दिया जाता है। क्योकि ऐसा माना जाता है की रिलायंस ग्रुप की कमान अपने हाथों में लेकर उन्होंने जितना भारतीय कैपिटल मार्केट का विस्तार किया है उतना आज तक कोई नही कर पाया।
अनिल ने मनोरंजन व्यावसाय में भी हाथ आजमाया, उन्होंने अपनी शुरूआत वर्ष २००५ में की थी। अनिल अंबानी को भारत का सबसे बड़ा मीडिया साम्राज्य खड़ा करने की का क्रेडिट भी जाता है। उन्होंने “टीवी टुडे” और “ब्लुमबर्ग टीवी” के शेयर खरीदने के साथ “बीबीसी” जैसे अंतर्राष्ट्रीय समाचार चैनलो के साथ भी टाय-अप किया था।
आरआईएल ने बार-बार सार्वजनिक रूप से कहा है कि अनिल अंबानी का सपना कहें या उद्देश्य उन्हें शिक्षा, स्वास्थ-सेवा, सुरक्षा, मनोरंजन, वित्तीय-सेवा, और सरकार-नागरिक इंटरफ़ेस जैसे प्रमुख क्षेत्रो में अपनी मौजूदगी दर्ज कराना है। उनका इरादा ये है की उपभोक्ता आसानी से डिजिटल उपलब्ध नए कंटेंट तक अपनी पकड़ बनाएं, जिससे देश में एक नए डिजिटल युग की शुरुआत हो सके।
यूनिवर्सल म्यूजिक के साथ की गई एक डील के मुताबिल अनिल की कंपनी से जुड़े उपभोक्ता तीन लाख गानों में से अपनी पसंद चुन सकते है। अनिल अंबानी ने कुछ प्रमुख फिल्म प्रोडक्शन हाउस, जिनके मालिक स्टीवन स्पीलबर्ग, ब्रेड पिट, निकोलस केज, जिम कैरी और टॉम हैक्स जैसे फ़िल्मी सितारों के साथ भी अग्रीमेंट किया है।
अब तक हुई चढ़ते सूरज की कहानी। इसके बाद आया सबसे मुश्किल दौर यानी अंबानी भाईंयों के बीच विवाद और बंटवारा, जिसे हमने अपने पहले के लिखे लेख में जिक्र किया है, जो सिर्फ इसी विषय पर है। अतः इससे आगे बढ़ते हैं।
असफलता का दौर और कर्ज…
जिस दौरान अंबानी भाईयों के बीच बंटवारा हुआ था, उस दौरान टेलीकॉम सेक्टर में खासा उछाल देखा जा रहा था, जिसके चलते यह अनुमान लगाया जा रहा था कि अनिल अंबानी आने वाले समय में कारोबार में अपनी मजबूत धाक जमा सकते हैं। लेकिन हुआ उसके उलट। वे कर्ज में डूब गए और कई दिवालिया कार्यवाई से आज भी गुजर रहे हैं।
दरअसल हुआ यह कि एयरसेल समेत कई अन्य डील फेल होने के कारण अनिल अंबानी को काफी नुकसान हुआ। वर्ष २०१० में रिलांयस कम्यूनिकेशन की जीटीएल इंफ्रा के साथ हुई डील लटक गई। लेकिन फिर भी अनिल अंबानी निवेश करते रहे और वर्ष २०१७ में एयरसेल के साथ सौदा भी सफल नहीं हुआ।
अनिल अंबानी ने CDMA की २जी और ३जी सेवा में जमकर निवेश किया था, लेकिन मार्केट में ४जी सेवा आते ही उन्हें एक झटके में काफी नुकसान हो गया।रिलायंस कम्यूनिकेशन में हुए घाटे का असर अनिल अंबानी की बाकी कंपनियों पर भी पड़ा। जिन्हें उबारने के चक्कर में वे लगातार कर्ज में डूबते रहे। इस बीच उन्होंने रिलायंस एंटरनेटमेंट में बड़ा निवेश किया लेकिन वही ढाक के तीन पात, उन्हें वहां भी असफलता ही हाथ लगी।
आपको बताते चलें कि जून, २०१९ तक अनिल अंबानी की रिलायंस ग्रुप की ६ कंपनियों की कुल मार्केट वैल्यू ६,१९६ करोड़ रुपये थी, जो कि १० फरवरी, २०२० तक १६४५.६५ करोड़ रुपए तक रह गयी।
एक समय दुनिया के टॉप ६ अमीरों में रह चुके अनिल अंबानी इस समय तीन चीनी बैंकों द्वारा किये गए यूके की अदालत में मुकदमे का सामना कर रहे हैं। इन बैंकों ने वर्ष २०१२ में उनकी रिलायंस कम्युनिकेशंस को ६८ करोड़ डॉलर का लोन अनिल अंबानी के स्वयं के व्यक्तिगत कर्ज गारंटी पर दिया था। लेकिन अब खराब कारोबार के चलते अनिल अंबानी की कंपनियां कर्ज नहीं चुका पा रही हैं। मार्केट में उनकी हालत बेहद खराब हो चुकी है, वहीं दूसरी तरफ इनके भाई मुकेश अंबानी ने वर्ष २०१८ में जिओ से टेलीकॉम सेक्टर में एंटरी की और यह कंपनी अच्छा खासा मुनाफा कमा रही है।
आज इतनी बड़ी कंपनी के मालिक होकर भी अनिल अंबानी की गिनती दुनिया के सबसे अमीर शख्सियतों में नहीं रह गई है। हम तो यही उम्मीद करते हैं कि आगे उनकी जिंदगी में सब कुछ पहले की तरह अच्छा हो।