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फिल्म : अ थर्सडे…

कलाकार : यामी गौतम, नेहा धूपिया, अतुल कुलकर्णी, डिम्पल कपाड़िया, करणवीर शर्मा आदि

निर्देशक : बेहजाद खंबाटा
मेरी रेटिंग ५ में ३.५ स्टार…

एक फिल्म आई थी, ’अ वेडनेसडे’ और अब आई है, ‘अ थर्सडे’। क्या आप को नहीं लगता कि दूसरी फिल्म पहली फिल्म का सिक्वल नहीं है? फिल्म देखने से पूर्व मैं पूर्वाग्रह से ग्रस्त था और सिक्वल मानकर ही देखा। और पूर्वाग्रह से ग्रस्त होता भी क्यूं ना। इस फिल्म के निर्देशक बेहजाद खंबाटा ने नीरज पांडे के साथ फिल्म ‘अ वेडनेसडे’ के लिए काम किया था और साथ ही फिल्म का टाइटल भी उसी तरह की है और स्टोरी में भी ‘अ वेडनेसडे’ का प्रभाव साफ देखा जा सकता है। किंतु दोस्तों ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। अगर हम ऐसा कहते हैं तो बेहजाद खंबाटा के साथ अन्य ही करेंगे, उन्होंने एक नए विषय के साथ एक बेहतरीन फिल्म बनाई है, लेकिन पूर्वाग्रह से ग्रस्त इंसान की तरह कहूं तो ‘अ वेडनेसडे’ के स्तर तक पहुंच नहीं पाए हैं, इसका मतलब यह नहीं कि यह फिल्म साधारण है, नहीं! ‘अ वेडनेसडे’ अपने समय की एक अद्भुत फिल्म थी। इसलिए दोनों फिल्मों की तुलना करना बेमानी होगी।

परिचय…

‘अ थर्सडे’ फिल्म डिज़्नी+हॉटस्टार पर फरवरी, २०२२ को रिलीज़ हुई है। फिल्म की कहानी नैना नाम की एक लड़की के बारे में, जिसने लॉ की पढ़ाई की है। परंतु एक प्ले स्कूल में टीचर है। अपने ३०वें जन्मदिन के ठीक पहले नैना उस स्कूल में पढ़ने वाले १६ बच्चों को बंधक बना लेती है तथा स्वयं ही वो पुलिस को खुद फोन करके इसकी जानकारी भी देती है। उसकी कुछ मांगें भी हैं, जो पूरी ना होने पर वो एक-एक कर उन बच्चों को मार देगी। अब सवाल ये है कि नैना की क्या मांगें हैं और वह यह सब क्यों कर रही है?

फिल्म समीक्षा…

अगर हम ‘अ वेडनेसडे’ के प्रभाव में आए बिना अथवा अगर उसे देखा नहीं है तो उसे देखे बिना इस फिल्म को एक स्वतंत्र फिल्म के रूप में देखें तो ‘अ थर्सडे’ हर किसी को प्रभावित करेगी। इसमें सबसे बड़ा योगदान अभिनेत्री यामी गौतम का है, जो इस पूरी फिल्म में अपने दमदार अभिनय के साथ हर किसी को हैरान करती हैं। एक ही वक्त में दो बिल्कुल विपरीत भावनाओं को प्रदर्शन बहुत मुश्किल होता है। लेकिन एक टीचर और एक किडनैपर के किरदार में वो दो अलग-अलग रूपों में नजर आती हैं।

इस फिल्म में नेहा धूपिया भी हैं, जिन्हें कभी उनके कमजोर अभिनय के लिए इंडस्ट्री ने नकार दिया था, वही इस फिल्म में अपने बेहतरीन अभिनय के लिए तालियों की हकदार भी बनी हैं।और वो भी तब जब वास्तविकता में प्रेग्नेंट होते हुए भी उन्होंने अपने किरदार को जिस तरह से जिया है, उसे देखकर यही लगता है कि वो एक सच्ची अभिनेत्री हैं और जिन्हें सही मायनों में अब तक कोई अच्छा निर्देशक नहीं मिला। इस फिल्म में वह एक पुलिस वाली बनी हैं और अपनी क्षमता के अनुसार पुलिस की बेहतरीन भूमिका निभाती हुई नजर आती हैं। उनके साथ अतुल कुलकर्णी जैसे मजे हुए कलाकार भी है, जो सुपरकॉप जावेद खान के किरदार में हैं। उन्हें हम ज्यादातर निगेटिव रोल में देखते हैं, परंतु इस फिल्म में उनका किरदार ऐसा है, जो अंत में दर्शकों को चौंका देता है। इस रहस्य को उन्होंने जितनी बारीकी से संभाला है, ऐसा लगता है कि शायद ही कोई अन्य कलाकार इस तरह सम्हाल पाता। फिल्म की कहानी को एशले माइकल लोबो और बेहज़ाद खंबाटा ने मिलकर लिखी है। उन्होंने इसके जरिए महिला सशक्तिकरण का एक दुर्लभ नजारा पेश किया है, जिससे करोड़ों महिलाएं प्रेरणा ले सकती हैं। इतना ही नहीं यह समाज सचेत भी हो सकता है कुल मिलाकर, फिल्म ‘अ थर्सडे’ एक रोमांचक फिल्म है, जो सामाजिक संदेश देने के साथ ही दर्शकों को बांधे हुए भरपूर मनोरंजन करती है।

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