November 21, 2024

ऐतरनी-वैतरणी तालाब काशी अंतर्गत कज्जाकपुरा से कोनिया जाने वाले रास्ते पर है। रेलवे लाइन का निर्माण होने के बाद यह तालाब दो भागों में विभक्त हो गया है।

मान्यता…

पहले के समय में तीर्थ यात्री इस तालाब में स्नान-ध्यान, पूजा और आचमन भी करते थे। मान्यता है कि काशी के सारे कुण्डों में स्नान करने के बाद इस तालाब में स्नान करने पर व्यक्ति के मरने के बाद वैतरणी नदी पार कर स्वर्ग पहुंच जाता है। तालाब के तट पर वैतरणी महादेव का प्राचीन मंदिर भी था। जो जमीन में धंस गया। बाद में लोगों ने दूसरा वैतरणी महादेव का मंदिर बनाया।

अष्ट कूप…

काशी के अष्ट कूपों में बृद्धकाल कूप, चन्द्रकूप, कलश कूप, धर्मकूप, शुक्रकूप, गोकरण कूप, कर्दम कूप तथा शुभोदक कूप है।

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