माता चंडिका अर्थात चंडी देवी काशी के सदर बाजार में स्थित है। जहां एक संकेतक के रूप में “भीष्म चंडी देवी मंदिर” पढ़ने को मिल जाएगा।
परिचय…
काशी खंड के अध्याय ७० में पवित्र नगरी काशी में कई स्थानों पर स्थित विभिन्न शक्तिशाली देवियों का उल्लेख है और कौरमी शक्ति उनमें से एक है। श्री केदार नाथ व्यास ने व्यापक शोध के बाद प्रकाशित अपनी पुस्तक में चंडी देवी को इस शक्तिशाली देवता का नाम दिया है। आगे काशी खंड के अध्याय ८३ में सात मातृका देवी का उल्लेख है और चंडिका देवी उनमें से अंतिम हैं। ये मातृका देवी अत्यंत शक्तिशाली हैं और अपने भक्तों को सिद्धियां देने में सक्षम हैं।
विषेश…
जानकारी के लिए बताते चलें कि काशी खंड में वर्णित सभी देवता उसी स्थान पर नहीं हो सकते हैं जैसा कि उसमें वर्णित है। विदेशी आक्रमण आदि जैसे विभिन्न कारणों से उन्हें अन्य स्थानों पर स्थानांतरित किया जा सकता था। इसके अलावा, कुछ देवता, शिव लिंग अब मौजूद नहीं हैं।
पूजा, अराधना और दर्शन…
चंडिका देवी पूजा स्थल प्रातः पांच बजे से रात्रि १० बजे तक खुला रहता है, जिससे भक्त अपनी सुविधा के अनुसार कभी भी पूजा अर्चना कर सकते हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार यह मंदिर एक शक्तिशाली शक्ति पीठ है।
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