हमे  यह नहीँ पता की पापा कौन है? एक सुधारक एक विचारक या एक फीलोउस्फर. मगर वो पापा है . हमे भर पेट आम खिलाकर कहते कितना कम खाया. पापा हमारे क्या है? कूक भी … जूता फटे तो मोची भी …. घर मे कूछ बिगड़ जाये तो मम्मी कहती आने दो पापा को वो ठीक कर देंगे … चाहे सामान हो या हम ….  पापा कौन है इन्जीनियर या मास्टर …

अब बस 

पापा मेरे पापा है ….. वो सब कर सकते है.

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