राष्ट्रपति
भारत क़ा राष्ट्रपति और २५जुलाई
देश क़ा प्रथम नागरिक
भारत के राष्ट्रपति, भारत गणराज्य के कार्यपालक अध्यक्ष होते हैं। संघ के सभी कार्यपालक कार्य उनके नाम से किये जाते हैं। वे भारतीय सशस्त्र सेनाओं के सर्वोच्च सेनानायक भी हैं। सभी प्रकार के आपातकाल लगाने व हटाने वाला, युद्ध/शांति की घोषणा करने वाले होते हैं। भारतीय राष्ट्रपति का भारतीय नागरिक होना आवश्यक है।
मगर आप सोच रहे होंगे कि अचानक २५ जुलाई २०१८ दिन बुधवार को मै Ashwini Rai राष्ट्रपति की चर्चा क्यूं लेकर बैठ गया ? आज के दिन मे खास क्या है ?
यूं देखा जाए तो कुछ खास नहीं है ।
मगर अचानक ही मेरी नज़र के सामने आई एक संयोग ने मुझे आप से यह बात साझा करने पर विवस कर दिया ।
हो सकता है यह मेरी अज्ञानता क़ा प्रतीक हो या चेतना लूप्तता के चिन्ह , जो भी हो ।
डॉ॰ राजेंद्र प्रसाद के नेतृत्व में संविधान सभा द्वारा २६ नवम्बर १९४९ को भारतीय संविधान का मसौदा तैयार हुवा और २६ जनवरी १९५० को औपचारिक रूप से संविधान को स्वीकार किया गया। इस तारीख का प्रतीकात्मक महत्व था क्योंकि २६ जनवरी १९३० को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने ब्रिटेन से पहली बार पूर्ण स्वतंत्रता को आवाज़ दी थी। जब संविधान लागू हुआ और डॉ॰ राजेंद्र प्रसाद ने भारत के पहले राष्ट्रपति का पद संभाला तो उसी समय गवर्नर जनरल और राजा का पद एक निर्वाचित राष्ट्रपति द्वारा प्रतिस्थापित हो गया।
अब तक बने १४ राष्ट्रपतियों मे प्रतिभा पाटिल भारत की १२वीं तथा इस पद को सुशोभीत करने वाली पहली महिला राष्ट्रपति हैं। उन्होंने २५ जुलाई २००७ को पद व गोपनीयता की शपथ ली थी। वर्तमान में राम नाथ कोविन्द भारत के चौदहवें राष्ट्रपति हैं, जिन्होने २५ जुलाई २०१७ को कार्यभार संभाला।
अब देखते हैं की राष्ट्रपतियों ने अपना पदभार कब संभाला औऱ कब तक …..
१. डॉ राजेंद्र प्रसाद
२६ जनवरी १९५० से १३ मई १९६२
२. डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन
१३ मई १९६२ से १३ मई १९६७
३. ज़ाकिर हुसैन
१३ मई १९६७ से ३ मई १९६९
४. वराहगिरि वेंकटगिरि
२४ अगस्त १९६९ से २४ अगस्त १९७४
५. फ़ख़रुद्दीन अली अहमद
२४ अगस्त १९७४ से ११ फ़रवरी १९७७
अब यहां से हम देखते हैं की पदभार के साल पहले की तरह बदलते हैं, मगर तारीख वही रहती हैं २५ जुलाई औऱ ऐसा होता है, फखरुद्दीन अली अहमद के पदस्त रहते मृत्यु होने के कारण। जाकिर हुसैन के बाद वे दूसरे राष्ट्रपति थे जो अपना कार्यकाल पूरा न कर सके।
हां तो हम आते हैं मुद्दे पर, बी.डी. जत्ती, फ़ख़रुद्दीन अली अहमद की मृत्यु के बाद भारत के कार्यवाहक राष्ट्रपति बने औऱ उनका कार्यकाल रहा ११ फ़रवरी १९७७ से २५ जुलाई १९७७ तक । १९७७ क़ा चुनाव औऱ नीलम संजीव रेड्डी २५ जुलाई को राष्ट्रपति बने। यहीं से शुरू हुवा २५ जुलाई क़ा ट्रेण्ड ।
६. नीलम संजीव रेड्डी
२५ जुलाई १९७७ से २५ जुलाई १९८२
७ . ज्ञानी जैल सिंह
२५ जुलाई १९८२ से २५ जुलाई १९८७
८. रामास्वामी वेंकटरमण
२५ जुलाई १९८७ से २५ जुलाई १९९२
९ . शंकर दयाल शर्मा
२५ जुलाई १९९२ से २५ जुलाई १९९७
१०. के.आर.नारायणन
२५ जुलाई १९९७ से २५ जुलाई २००२
११. ए.पी.जे.अब्दुल कलाम
२५ जुलाई २००२ से २५ जुलाई २००७
१२. प्रतिभा पाटिल
२५ जुलाई २००७ से २५ जुलाई २०१२
१३. प्रणब मुखर्जी
२५ जुलाई २०१२ से २४ जुलाई २०१७
१४. रामनाथ कोविन्द
२५ जुलाई २०१७ से अब तक
बस इतना ही, यह बात आप सबों को पहले से मालूम हो सकती है मगर मुझ अज्ञानी को संविधान की पुस्तक पढ़ते समय आकस्मात ही कार्यकाल गौर करने समझ मे आई और छोटे से बच्चे की तरह मचल उठा आपसे शेयर करने हेतू ।
अश्विनी राय