April 9, 2025

पुराण, हिंदुओं के धर्मसंबंधी ग्रंथ हैं जिनमें सृष्टि, लय, प्राचीन ऋषियों- मुनियों और राजाओं के वृत्तांत आदि हैं. ये वैदिक काल के काफी बाद के ग्रन्थ हैं, जो स्मृति विभाग में आते हैं. भारतीय जीवन-धारा में जिन ग्रन्थों का महत्वपूर्ण स्थान है उनमें पुराण भक्ति-ग्रंथों के रूप में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं.

अठारह पुराण है सबसे प्रमुख

अठारह पुराणों में अलग-अलग देवी-देवताओं को केन्द्र मानकर पाप और पुण्य, धर्म और अधर्म, कर्म और अकर्म की गाथाएँ कही गई हैं। कुछ पुराणों में सृष्टि के आरम्भ से अन्त तक का विवरण किया गया है। इनमें हिन्दू देवी-देवताओं का और पौराणिक मिथकों का बहुत अच्छा वर्णन है।

पुराणों की संख्या अठारह है, जिनमें…

१. ब्रह्मापुराण

इसे “आदिपुराण” भी का जाता है। प्राचीन माने गए सभी पुराणों में इसका उल्लेख है। इसमें श्लोकों की संख्या अलग- अलग प्रमाणों से भिन्न-भिन्न है. इसमें सृष्टि, मनु की उत्पत्ति, उनके वंश का वर्णन, देवों और प्राणियों की उत्पत्ति का वर्णन है। इस पुराण में विभिन्न तीर्थों का विस्तार से वर्णन है।

२. पद्मपुराण

इस पुराण में अनेक विषयों के साथ विष्णुभक्ति के अनेक पक्षों पर प्रकाश डाला गया है। इसका विकास 5वीं शताब्दी में माना जाता है।

३. विष्णुपुराण

पुराण के पाँचों लक्षण इसमें घटते हैं। इसमें विष्णु को परम देवता के रूप में निरूपित किया गया है।

४.वायुपुराण

इसमें विशेषकर शिव का वर्णन किया गया है, अतः इस कारण इसे “शिवपुराण” भी कहा जाता है। एक शिवपुराण पृथक भी है।

५.भागवतपुराण

यह सर्वाधिक प्रचलित पुराण है। इस पुराण का सप्ताह-वाचन-पारायण भी होता है। इसे सभी दर्शनों का सार “निगमकल्पतरोर्गलितम्” और विद्वानों का परीक्षास्थल “विद्यावतां भागवते परीक्षा” माना जाता है। इसमें श्रीकृष्ण की भक्ति के बारे में बताया गया है।

६. नारद (बृहन्नारदीय) पुराण

इसे महापुराण भी कहा जाता है। इसमें पुराण के ५ लक्षण घटित नहीं होते हैं।इसमें वैष्णवों के उत्सवों और व्रतों का वर्णन है।

७. मार्कण्डयपुराण

इसे प्राचीनतम पुराण माना जाता है। इसमें इन्द्र, अग्नि, सूर्य आदि वैदिक देवताओं का वर्णन किया गया है।

८. अग्निपुराण

इसे भारतीय संस्कृति और विद्याओं का महाकोष माना जाता है इसमें विष्णु के अवतारों का वर्णन है। इसके अतिरिक्त शिवलिंग, दुर्गा, गणेश, सूर्य, प्राण-प्रतिष्ठा आदि के अतिरिक्त भूगोल, गणित, फलित-ज्योतिष, विवाह, मृत्यु, शकुन विद्या, वास्तु विद्या,आयुर्वेद, छन्द, काव्य, व्याकरण, कोष निर्माण आदि नाना विषयों का वर्णन है।

९. विष्यपुराण

इसमें भविष्य की घटनाओं का वर्णन है। इसमें मुख्यतः ब्राह्मण-धर्म, आचार, वर्णाश्रम-धर्म आदि विषयों का वर्णन है।

१०. ब्रह्मवैवर्तपुराण

यह वैष्णव पुराण है। इसमें श्रीकृष्ण के चरित्र का वर्णन किया गया है।

११. लिङ्गपुराण

इसमें शिव की उपासना का वर्णन है।  इसमें शिव के २८ अवतारों की कथाएँ दी गईं हैं।

१२. वराहपुराण

इसमें विष्णु के वराह-अवतार का वर्णन है। पाताललोक से पृथ्वी का उद्धार करके वराह ने इस पुराण का प्रवचन किया था।

१३. स्कन्दपुराण

यह पुराण शिव के पुत्र स्कन्द (कार्तिकेय, सुब्रह्मण्य) के नाम पर है। यह सबसे बड़ा पुराण है।

१४. वामनपुराण

इसमें विष्णु के वामन-अवतार का वर्णन है। इसमें चार संहिताएँ हैं—-(क) माहेश्वरी, (ख) भागवती, (ग) सौरी तथा (घ) गाणेश्वरी।

१५. कूर्मपुराण

इसमें विष्णु के कूर्म-अवतार का वर्णन किया गया है। इसमें चार संहिताएँ हैं—(क) ब्राह्मी, (ख) भागवती, (ग) सौरा तथा (घ) वैष्णवी।

१६. मत्स्यपुराण

इसमें कलियुग के राजाओं की सूची दी गई है। इसका रचनाकाल तीसरी शताब्दी माना जाता है।

१७. गरुडपुराण

यह वैष्णवपुराण है। इसमें विष्णुपूजा का वर्णन है। इसका पूर्वखण्ड विश्वकोषात्मक माना जाता है।

१८. ब्रह्माण्डपुराण

इसमें चार पाद हैं—(क) प्रक्रिया, (ख) अनुषङ्ग, (ग) उपोद्घात तथा (घ) उपसंहार.

उपपुराण…

सनतकुमार पुराण, नरसिंह पुराण, बृहन्नारदीय पुराण, शिवरहस्य पुराण, दुर्वासा पुराण, कपिला पुराण, वामन पुराण, भार्गव पुराण, वरुण पुराण, कलिका पुराण, साम्बा पुराण, नंदी पुराण, सूर्य पुराण, परासर पुराण, वशिष्ट पुराण, देवी भागवत, गणेश पुराण, हंस पुराण॥

About Author

Leave a Reply

RocketplayRocketplay casinoCasibom GirişJojobet GirişCasibom Giriş GüncelCasibom Giriş AdresiCandySpinzDafabet AppJeetwinRedbet SverigeViggoslotsCrazyBuzzer casinoCasibomJettbetKmsauto DownloadKmspico ActivatorSweet BonanzaCrazy TimeCrazy Time AppPlinko AppSugar rush