४ जुलाई एक कालखंड
तनाव पर विजय पाना तैराकी सीखने के समान है । पहले तो भयातुर होते हैं, परन्तु जब अधीरता पर नियंत्रण कर लेते हैं तो तैराकी का आनन्द उठाना शुरू कर देते हैं ।
तनाव से बाहर आने के विभिन्न तरीकों जिन पर हम विचार करते आ रहे हैं उनमें से एक हमारे अतीत औऱ वर्तमान में सांमजस्य स्थापित करना भी है । यह आत्मविश्लेषण की प्रक्रिया द्वारा सम्भव बनाया जा सकता है औऱ यह हमारे अंदर महत्वपूर्ण परिवर्तन लायेगा । हमें निम्न में से एक या अधिक के लिये अवश्य तैयार रहना होगा ….
१) स्वयं के प्रति हमारे दृष्टिकोण में परिवर्तन
२) दूसरों के प्रति हमारे दृष्टिकोण में परिवर्तन
३) अनावश्यक निर्धारित आदतों को दूर करना
दृष्टांतस्वरूप स्वमी जी का जीवन चरित्र ही है ।