शृंगार रस प्रधान… देख्यो एक बारहूं न नैन भरि...
पण्डित वाचहि पोथिआ न बूझहि बीचार। आन को मती...
५३ साल पहले आज ही के दिन यानी… ६सितम्बर...
गुरुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः। गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै...
“छह बरस से साठ बरस तक की कौन-सी ऐसी...
लेके पहला पहला प्यार भरके आंखों मैं खुमार जादू...